हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश उद्योगों के बिना विकसित नहीं बन सकता। कृषि प्रधान हरियाणा को औद्योगिक विकास की नई पहचान देने के लिए राज्य सरकार ने आने वाले पांच वर्षों की विस्तृत औद्योगिक रूपरेखा तैयार की है, जिसके तहत 10 नए औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (IMTs) विकसित किए जाएंगे। इनमें से दो गुरुग्राम के आसपास स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही, अप्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर गुरुग्राम में “ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विश्वभर के निवेशकों को हरियाणा में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
गुरुग्राम बनेगा “लघु विश्व”, औद्योगिक और पर्यावरणीय विकास का मॉडल शहर
उद्योग मंत्री ने कहा कि गुरुग्राम अब ग्लोबल सिटी का रूप ले चुका है, जहां लघु भारत ही नहीं बल्कि लघु विश्व की झलक दिखाई देती है। हमारा उद्देश्य है कि यह शहर औद्योगिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन का आदर्श उदाहरण बने। इसके लिए “हरित गुरुग्राम अभियान” के तहत बड़ी औद्योगिक कंपनियों से CSR फंड के माध्यम से सहयोग लिया जाएगा।
हाइटेक नर्सरियों से सजेगा गुरुग्राम और सोहना
राव नरबीर ने कहा कि वन विभाग ने गुरुग्राम और सोहना की सभी नर्सरियों को आदर्श हाइटेक नर्सरी के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है। इनमें ऐसे पौधे तैयार किए जाएंगे जिन्हें एक-दो वर्ष बाद शहर के विभिन्न हिस्सों में रोपा जा सके। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत की आधुनिक नर्सरियों का अध्ययन कर हरियाणा में वैसी ही मॉडर्न नर्सरियों को विकसित किया जाएगा।
नए उद्यमों को मिलेगा बढ़ावा — पीएमईजीपी से 5064 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत
उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) को और अधिक सक्रियता से लागू किया जाए ताकि नए उद्यमों को ऋण के रूप में वित्तीय सहायता मिल सके। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 761 से अधिक मामलों को मंजूरी दी गई है और बैंकों के माध्यम से अब तक कुल लगभग 5064.40 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया जा चुका है।
कृषि और उद्योग — विकास के दो पूरक स्तंभ
राव नरबीर ने कहा कि हरियाणा हरित क्रांति का अग्रदूत रहा है, और अब समय है कि राज्य औद्योगिक क्रांति का प्रतीक बने। उन्होंने कहा कि उद्योग और कृषि एक-दूसरे के पूरक हैं, इसलिए दोनों क्षेत्रों को समान गति से आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (PMFME) योजना के तहत 1300 से अधिक आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, जिससे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।