जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि टीबी मुक्त हरियाणा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार और समाज का साझा सहयोग जरूरी है। रेडक्रास और स्वास्थ्य विभाग की ओर से संयुक्त रूप से टीबी मरीजों को तलाशने के लिए स्क्रीनिंग कैंप लगाए जा रहे हैं। इन कैंपों में लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने के साथ टीबी के लक्षण दिखाई देने पर सैंपल जांच के लिए सिविल अस्पताल भेजे जाते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिला रेडक्रास सोसायटी की ओर से टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला चनारथल में टीबी स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। स्क्रीनिंग कैंप में तीन लोगों के सैंपल जांच के लिए सिविल अस्पताल भेजे गए। वहीं स्वास्थ्य जांच शिविर में 85 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई।
रेडक्रास जिला टीबी को-आर्डिनेटर अंजलि की अगुवाई में आयोजित हुई स्वास्थ्य जांच शिविर में सिविल अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने लोगों के स्वास्थ्य की जांच की और वालंटियर जोगेंद्र व राहुल ने शिविर में पहुंचे लोगों को मुफ्त दवाइयां वितरित की। सिविल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. वैभव ने शिविर में पहुंचे लोगों की टीबी, एचआईवी स्क्रीनिंग और सामान्य स्वास्थ्य की जांच की।
जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा कि सोसायटी के प्रधान एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा के मार्गदर्शन में जिले भर में टीबी उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में वर्ष 2025 तक टीबी समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने में रेडक्रास सोसाइटी अहम भूमिका निभा रही है।
जिला को-आर्डिनेटर अंजलि ने कहा कि कहा कि टीबी समाप्ति को लेकर राज्य सरकार ने जो लक्ष्य हासिल किया है, वह जल्द ही पूरा होगा। रेडक्रॉस की ओर से ड्राप आउट क्षय रोगियों का इलाज किया जा रहा है। सरकार की ओर से टीबी जागरूकता को लेकर जो कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं, उनमें भी रेडक्रास सोसायटी बढ़-चढक़र हिस्सा लेती है।
डॉ. वैभव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और रेडक्रास के संयुक्त सौजन्य में टीबी मुक्त हरियाणा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेहतरीन काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रहे कार्यक्रमों में रेडक्रास का पूरा योगदान रहता है। टीबी के रोगियों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच शिविर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही सिविल अस्पताल में जांच की तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां भी कोई भी व्यक्ति टीबी जांच करवा सकता है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से भूपेंद्र, आशीष, राजकीय प्राथमिक पाठशाला चनारथल से स्टाफ सदस्य गीता रानी, सुखदेव शर्मा, अमित, परमजीत, मोमन और आंगनबाड़ी वर्कर संतोष, सुनीता, स्वर्णजीत कौर और सुषमा प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।
ये हैं टीबी बीमारी के लक्षण
दो सप्ताह से ज्यादा खांसी रहना
रात को सोते समय पसीना आना, ठंड में भी पसीना आना
बुखार आना, संक्रमण बढ़ने के साथ बढ़ना
थकावट होना
वजन कम होना
सांस लेने में दिक्कत होना