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हाथरस केस: पुलिस का एक्शन सवालों के घेरे में, SIT करेगी अब पूरे मामले की जांच

September 30, 2020 03:23 PM

हाथरस की बेटी के साथ पहले तो हैवानों की दरिंदगी और फिर पुलिसवालों की अमानवीयता से पूरे देश में आक्रोश है. कल देर रात लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया. अब हाथरस केस में जांच के लिए एसआईटी का गठन हो गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी टीम मामले की जांच करेगी.. 

एसआईटी में दलित और महिला अधिकारी भी शामिल हैं.. गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम एसआईटी के सदस्य होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाने के निर्देश दिया है. इस मामले में सभी चारों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है.

गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाने के गांव में 14 सितंबर में दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया. इसके साथ ही उस पर जानलेवा हमला किया गया. परिवार वालों का आरोप है कि सुबह साढ़े नौ बजे के करीब चार दबंगों ने लडकी के साथ गैंग रेप और दरिंदगी की. घटना के 9 दिन बाद लड़की होश में आई तो इशारों से अपना दर्द बयान किया.

पीड़िता को पहले अलीगढ़ में इलाज के लिए भेजा गया और वहां हालात बिगड़ने पर उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया।
लेकिन अफसोस, यहां भी उस पीड़िता को बचाया नहीं जा सका और मंगलवार सुबह उस लड़की ने दम तोड़ दिया. इसके बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.

सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद पुलिस शव को लेकर हाथरस पहुंची. उस वक्त रात के 12 बजकर 45 मिनट हो रहे थे. एंबुलेंस के पहुंचते ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. नाराज ग्रामीण सड़क पर ही लेट गए. एसपी-डीएम लड़की के बेबस पिता को अंतिम संस्कार के लिए समझाते रहे. 

घरवालों की तो बस इतनी सी इच्छा थी कि वो अपनी बेटी का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करें। परिजन शव को अपने घर लेकर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस अपनी जिद से टस से मस नहीं हुई. करीब 200 की संख्या में पुलिसवाले घरवालों की मांग ठुकराते हुए लाश को रात 2  बजकर 20 मिनट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए.

पुलिसवालों ने अंतिम संस्कार के वक्त घेरा बना लिया. किसी को चिता के पास जाने तक नहीं दिया. पुलिस के इस रवैये पर ग्रामीणों में जबरदस्त गुस्सा है.

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