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Haryana

वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर किसी भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी ऊँचा या शक्तिशाली हो, को बख्शा नहीं जाएगा:विज

August 10, 2022 05:33 PM

हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि   प्रदेश सरकार मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाना लगातार जारी रखेगी। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( एचएसएनसीबी ), जिसे अगस्त, 2020 में स्थापित किया गया था, ने एनडीपीएस अधिनियम और पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम के तहत दोषियों की संपत्ति की जब्ती के संबंध में सभी जिलों के एंटी - नारकोटिक्स सेल ( एएनसी ) के साथ ही इस ब्यूरो के अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। जिसके परिणामस्वरूप 25,09,21,300.48 रुपये की संपत्ति को जब्त किया गया है तथा 6, 82, 94,967.89 रुपये की संपत्ति की जब्ती प्रक्रियाधीन है। नशीली दवा के अधिक सेवन / दुष्प्रयोग के कारण कुछ मौतें हो सकती हैं।

श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे। श्री विज ने सदन में सभी सदस्यों का आह्वïान करते हुए कहा कि यदि हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो नशा खत्म हो जाएगा’’।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी और नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या से अवगत है और सरकार त्रिस्तरीय रणनीति के साथ समस्या का समाधान कर रही है, जिसके तहत मादक पदार्थों / अवैध दवाओं की आपूर्ति में कमी, नशे पर आश्रित / नशा करने वालों का प्रबंधन , उपचार और उनका पुनर्वास तथा मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम / मांग में कमी लाना शामिल है।
श्री विज ने बताया कि  वर्ष 2020 में , हरियाणा पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत 2982 मामले दर्ज किए और 4477 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और 221.672 किलोग्राम अफीम, 230.764 किलोग्राम चरस, 12725.672 किलोग्राम चूरा पोस्त, 8641.6 किलोग्राम गांजा, 35.9935 किलोग्राम हेरोइन, 1.10 ग्राम कोकीन, 1297485 गोलियाँ और 206970 कैप्सूल बरामद किए। इसी प्रकार, वर्ष 2021 के दौरान हरियाणा पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत 2745 मामले दर्ज किए, 3975 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और 345.496 किलोग्राम अफीम, 157.259 किलोग्राम चरस, 8550.077 चूरा पोस्त, 11368.07 किलोग्राम गांजा, 29.13586 किलोग्राम हेरोइन, 1304530 गोलियां और 45280 कैप्सूल बरामद किए।
उन्होंने बताया कि इस कलैण्डर वर्ष में 02 अगस्त तक राज्य पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के 2334 मामले दर्ज कर 3209 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर 181.287 किलोग्राम अफीम, 145.093 किलोग्राम चरस, 7435.38 किलोग्राम चूरा पोस्त, 10193.482 किलोग्राम गांजा, 20.311436 किलोग्राम हेरोइन, 13 ग्राम कोकीन, 27.236 ग्राम एम. डी. एम. ए. , 427920.54 गोलियां और 271769 कैप्सूल बरामद किए।
श्री विज ने बताया कि जिला सोनीपत में 12.790 किलोग्राम गांजा की जब्ती से संबंधित मामले में अभियोग संख्या 406 दिनांक 18 जुलाई, 2022 धाराधीन 20 एनडीपीएस एक्ट, थाना शहर सोनीपत के मामले में विस्तृत जांच की जा रही है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि मादक पदार्थ को ट्रेन से सोनीपत लाया गया था और उसने दिल्ली के सदर बाजार में रहने वाले हैंडलर का ब्योरा दिया। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।दूसरे मामले में अभियोग संख्या 351 दिनांक 17 मई,2022 धाराधीन 20,29 एनडीपीएस एक्ट, थाना शहर हांसी से संबंधित, हरियाणा पुलिस द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर 101.70 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया। जांच में खुलासा हुआ है कि इस अवैध मादक पदार्थ की खेप कई राज्यों से होते हुए सडक़ मार्ग से ओडिशा से हरियाणा आई थी। मुख्य आपूर्तिकर्ता आरोपी को पहले ही 23 मई, 2022 को ओडिशा से गिरफ्तार किया जा चुका है। जो आरोपी अन्य राज्य पुलिस बलों से बचने में सफल रहे थे, उन्हें हरियाणा पुलिस द्वारा इंटरसेप्शन पर रखा और गिरफ्तार कर लिया।

  हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( एचएसएनसीबी ), जिसे अगस्त, 2020 में स्थापित किया गया था, ने एनडीपीएस अधिनियम और पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम के तहत दोषियों की संपत्ति की जब्ती के संबंध में सभी जिलों के एंटी - नारकोटिक्स सेल ( एएनसी ) के साथ ही इस ब्यूरो के अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। जिसके परिणामस्वरूप 25,09,21,300.48 रुपये की संपत्ति को जब्त किया गया है तथा 6, 82, 94,967.89 रुपये की संपत्ति की जब्ती प्रक्रियाधीन है। नशीली दवा के अधिक सेवन / दुष्प्रयोग के कारण कुछ मौतें हो सकती हैं। ऐसे सभी मामलों में जांच चल रही है और ऐसी घटनाओं में मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए एफएसएल की रिपोर्ट, अंतिम चिकित्सा राय, मृत्यु के कारण के बारे में आदि की प्रतीक्षा की जा रही है।
एचएसएनसीबी ने मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम और पता लगाने और नशीले पदार्थों के बारे में संग्रह के लिए एक व्यापक राज्य कार्य योजना तैयार की है।  मुख्यमंत्री ने 26 जून,  2022 को तीन उद्देश्यों के साथ नशीली दवाओं के उन्मूलन के लिए राज्य कार्य योजना का क्रियान्वन किया जिसके अंतर्गत:-
 मांग में कमी - एनडीपीएस को रोकने और नियंत्रित करने के लिए एक तंत्र के निर्माण की दृष्टि से गांव से राज्य स्तर तक पांच स्तरीय संरचना तैयार की गई है।
टियर-1 के स्तर पर लगभग 6538 ग्राम मिशन टीमें (वीएमटी) और 1710 वार्ड मिशन टीमें (डब्ल्यूएमटी) गठित की जा रही हैं। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मादक द्रव्यों के सेवन के शिकार लोगों की पहचान करना है। डाटा एचएसएनसीबी द्वारा विकसित ‘प्रयास ऐप’ पर अपलोड किया जाएगा। यह जानकारी आगे टियर -2 क्लस्टर मिशन टीमों (सीएमटी - 532) के साथ सांझा की जाएगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग का भी प्रतिनिधित्व है। टियर-3 ( 72 सब डिवीजन मिशन टीमें एसडीएमटी) , टियर-4 (22 जिला मिशन टीमें - डीएमटी) और टीयर- 5 (राज्य मिशन टीम - एसएमटी जिसमें 18 विभाग प्रमुख शामिल हैं) पर्यवेक्षी होंगे और अपने - अपने क्षेत्रों में राज्य कार्य योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 8 जिलों, नामत: जींद, सिरसा, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला और पंचकूला में कार्यान्वयन शुरू किया गया है।
आपूर्ति में कमी- ‘प्रयास’ और ‘साथी’ नामक दो एंड्रॉइड मोबाइल एप्लिकेशन को एचएसएनसीबी द्वारा डिजाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य नशे के आदी और पीडि़तों को पहचानने, समझने और गुमनाम रूप से उनके मुद्दों से लडऩे में मदद करना है। इसके अलावा, यह जानकारी स्वचालित रूप से एचएसएनसीबी द्वारा संचालित ‘हॉक’ सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत हो जाएगी। इस डेटा का उपयोग अवैध व्यापार में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने के लिए किया जाएगा । ‘साथी’ ऐप के माध्यम से, एनडीपीएस अधिनियम, 1985 और संबंधित कानूनों के तहत प्रतिबंधित दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला की निगरानी और विनियमन किया जाएगा। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत प्रतिबंधित फार्मास्युटिकल दवाओं और पूर्ववर्तियों की जानकारी निर्माताओं, स्टॉकिस्टों, खुदरा विक्रेताओं और केमिस्टों द्वारा  ‘साथी’ ऐप पर अपलोड की जाएगी। इसके अलावा , यह जानकारी स्वचालित रूप से कोर एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर ‘हॉक’ के डेटाबेस में शामिल हो जाएगी। यह फार्मास्युटिकल दवा के निर्माण, आपूर्ति और बिक्री की वास्तविक समय की निगरानी में मदद करेगा। इसका क्रियान्वयन जिला सोनीपत में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर दिया गया है।जन जागरूकता - जन जागरूकता के लिए  ‘धाकड़’ कार्यक्रम को किशोरों और युवाओं , विशेष रूप से छात्रों के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए डिजाइन और कार्यान्वित किया गया है । लगभग 25 लाख छात्रों और उनके संबद्ध परिवारों को कवर किया जाएगा , जो राज्य की लगभग आधी आबादी को कवर करेगा । जन जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में  गैर सरकारी संगठनों ,सामाजिक संगठनों और व्यक्तित्वों को शामिल किया जा रहा है । उपरोक्त के अलावा , एचएसएनसीबी ने पूरे राज्य में शैक्षिक संस्थानों और समाज में 883 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं । इन कार्यक्रमों में 358390 व्यक्तियों / युवाओं ने भाग लिया और 110236 ने ई- प्रतिज्ञा ली है ।

एचएसएनसीबी ने एक डोजियर / पूछताछ फॉर्म तैयार किया है, जिसमें एनडीपीएस मामलों के सभी विवरण जांच अधिकारियों द्वारा भरे जाने हैं । इसके अलावा , वह जानकारी ‘‘हॉक सॉफ्टवेयर ’’ पर अपलोड की जा रही है । यह सॉफ्टवेयर एक सर्वर पर एनडीपीएस मामलों के डेटा को समेकित करने में मदद करता है , जो विशेष जिलों में आरोपी व्यक्तियों की स्वत: रिपोर्ट , जब्त किए गए प्रतिबंधित पदार्थों की श्रेणी , दवाओं के रुझान का वर्तमान परिदृश्य आदि उत्पन्न कर सकता है। एचएसएनसीबी ने आम जनता के लिए टोल फ्री नंबर 9050891508 स्थापित किया है। टोल फ्री नंबर शुरू करने का मकसद एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है जिसमें आम जनता नशा तस्करों के खिलाफ जानकारी दे सके, नशामुक्ति के लिए मदद ले सके । यह यह भी सुनिश्चित करेगा कि सूचना प्रदान करने वाले व्यक्ति / सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रहे ।
ऐसे ही, 24 अगस्त,  2018 को सभी उत्तरी राज्यों यानि हरियाणा, पंजाब , चंडीगढ़ , दिल्ली , राजस्थान , हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के साथ संपर्क , सूचना सांझा करने और समन्वय के लिए एक अंतरराज्यीय एंटी - ड्रग सचिवालय राज्य अपराध शाखा , हरियाणा पंचकूला के कार्यालय में स्थापित किया गया है ।
मादक द्रव्यों के सेवन के पीडि़तों को उपचार प्रदान करने और उनका प्रबंधन करने के लिए, सरकार 2018 में संशोधित हरियाणा नशामुक्ति नियम, 2010 के माध्यम से नशामुक्ति केंद्रों और परामर्श केंद्रों के कामकाज को विनियमित कर रही है। राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने राज्य में आज तक 132 लाइसेंस / पंजीकरण जारी किए हैं, जिसमें से 15 नशामुक्ति केंद्र का संचालन जिला अस्पतालों में, 3 मेडिकल कॉलेजों में, 102 का संचालन गैर सरकारी संगठन जिला रेडक्रास सोसायटी एवं जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा , स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइसेंस प्राप्त 15 मनोरोग नर्सिंग होम भी नशामुक्ति सेवाएं प्रदान करने के लिए पंजीकृत हैं। वर्ष 2015 में 44643, 2016 में 57995, 2017 में 70082, 2018 में 101599, 2019 में 116311, 2020 में 108426, 2021 में 115587 और 31 जुलाई, 2022 तक 97474 पंजीकृत रोगियों की संख्या है।

राज्य कार्य योजना को लागू करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 2019 में सरकार द्वारा मादक द्रव्यों के उपयोग की रोकथाम के लिए हरियाणा स्टेट सोसाइटी का गठन किया गया है , जो नशामुक्ति और पुनर्वास के मुद्दों को संबोधित करेगा और जागरूकता पैदा करने और क्षमता निर्माण के लिए स्कूल , कॉलेज और विश्वविद्यालय के साथ आगे समन्वय करेगा । कारागारों एवं निगरानी गृहों में नशामुक्ति एवं पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराने पर विशेष बल दिया जा रहा है तथा राज्य कारागारों में अब तक 2 ऐसे केन्द्र स्वीकृत किये जा चुके हैं जो शीघ्र ही प्रारंभ किये जायेंगे ।
ध्यानाकर्षण सूचना संख्या 41 का उत्तर देते हुए  उन्होंने  बताया कि जिला फरीदाबाद में मादक पदार्थ व अवैध शराब की मांग व आपूर्ति को कम करने के लिए पुलिस लगातार कदम उठा रही है। फरीदाबाद में वर्ष 2022 में आबकारी अधिनियम के तहत अब तक दर्ज 732 मामलों में कुल 753 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। 20374.50 बोतल अवैध शराब 80 लीटर अवैध शराब, 9545.50 बोतल अंग्रेजी शराब और 4512 बोतल बीयर की बरामदगी की गई है। वर्ष 2022 के दौरान एनडीपीएस अधिनियम के तहत कुल 221 मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 240 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 1.2 किलो चरस, 556 ग्राम स्मैक, 362 किलो गांजा, 7.55 किलो चूरा पोस्त और 576 किलो भांग की जब्ती की गई है। मादक पदार्थों के सेवन के हानिकारक प्रभावों के संबंध में कई जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं ।
मछली मंडी थाना मुजेसर , फरीदाबाद में मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को लेकर भी लगातार कार्यवाही की जा रही है । वर्ष 2022 में अब तक आबकारी अधिनियम के तहत 06 मामले दर्ज किए गए हैं और 06 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है । इसके अलावा, एनडीपीएस अधिनियम के तहत 16 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फरीदाबाद में वर्ष 2022 में सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने के 38 मामले आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज किये गये हैं, जिसमें 44 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है ।
दिनांक 28 जून,  2021 को विधायक श्री नीरज शर्मा , एनआईटी फरीदाबाद ने अपने साथियों एवं मीडियाकर्मियों के साथ एमसीएफ बूस्टर स्टेशन, वार्ड नंबर 06 पर छापा मारा था । इस सूचना की प्राप्ति पर थाना सारण में एक दैनिक डायरी प्रविष्टि की गई और घटना के तथ्यों का सत्यापन सहायक पुलिस आयुक्त, बडख़ल, फरीदाबाद के माध्यम से किया गया, जिन्होंने कोई संज्ञेय अपराध नहीं होना पाया था ।
फरीदाबाद के विधायक श्री नीरज शर्मा की रिहायश मकान नं . 1623, मेन रोड, जवाहर कालोनी, फरीदाबाद है और उनके मोहल्ले में अवैध शराब की बिक्री की कोई घटना संज्ञान में नहीं आई है। हालांकि इस संबंध में लगातार निगरानी की जा रही है । डबुआ सब्जी मंडी के संबंध में भी क्षेत्र में नियमित रूप से गश्त व निगरानी की जा रही है ताकि सार्वजनिक स्थलों पर अवैध शराब की बिक्री व शराब पीने की घटनाओं को रोका जा सके ।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में 3205 लोगों, 2017 में 900 लोग, 2018 में 3445 लोग, 2019 में 3865 व 2020 में 4941 लोगों को गिरफतार किया गया। इसी प्रकार, नशे के कारोबार में संलिप्त बाहरी राज्यों के लोगों को भी गिरफतार किया गया जिसके तहत  गरुग्राम से वर्ष 2020 में 15, 2021 में 57 व 2022 में 55, फरीदाबाद में वर्ष 2020 में 29, 2021 में 31 व 2022 में 47, पंचकूला में वर्ष 2020 में 29, 2021 में 49 व 2022 में 43, अंबाला में वर्ष 2020 में 30, यमुनानगर में वर्ष 2020 में 25, 2021 में 29, कुरूक्षेत्र में 2020 में 35 व 2021 में 22, कैथल में वर्ष 2020 में 45 व 2021 में 45, पानीपत में वर्ष 2020 में 30 व 2021 में 25, करनाल में वर्ष 2020 में 19 व 2021 में 45, रोहतक में वर्ष 2020 में 16 व 2021 में 21, झज्जर में वर्ष 2020 में 2 व 2021 में 25, सोनीपत में वर्ष 2020 में 21 व 2021 में 19, दादरी में वर्ष 2020 में 4 व 2021 में 6, भिवानी में 2020 में 7 व 2021 में 3, हिसार में 2020 में 32 व 2021 में 26, सिरसा में 2020 में 220 व 2021 में 129, रेवाडी में 2020 में 11 व 2021 में 6, नूंह में 2020 में 9 व 2021 में 2, पलवल में 2020 में 13 व 2021 में 11, हांसी में 2020 में 7 व 2021 में 3, फतेहाबाद में 2020 में 93 व 2021 में 50, नारनौल में 2020 में 3 व 2021 में 13 लोगों को गिरफतार किया गया है।

श्री विज ने कहा कि पुलिस नशे को खत्म करने के लिए लगातार काम कर रही है और हम सुधार की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि पुलिस बल की कमी है  लेकिन मैंने निर्देश दिए हुए हैं कि ‘‘जो जहां है वहीं से नशे को खत्म करने का काम करो, हौंसले के साथ करें, हौंसला कम नहीं होना चाहिए’’।   गृह मंत्री ने कहा कि दिक्कते हैं लेकिन उन्हें दूर करने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में हर सप्ताह पुलिस अधीक्षकों से उनके पास नशे के बारे में विस्तृत जानकारी आती है और जिस जिले में नशे के बारे मेें कार्रवाई नहीं की जाती है तो संबंधित पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाता है।

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