Thursday, September 18, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर शुरू हुआ सेवा पखवाड़ा स्वच्छता अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया श्रमदान , मुख्यमंत्री ने एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के अंतर्गत पौधारोपण भी कियाहरियाणा के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां 30 सितम्बर तक अपने बीएलए नियुक्त करें- CEOइनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अभय सिंह चौटाला ने प्रेस वार्ता करते हुएपंचकूला:मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से की अपील, हमें पानी की हर एक बूंद को बचाना है पौधारोपण करना है और पर्यावरण को भी बचाना है पलवल में हेड कॉन्स्टेबल ने गाड़ी से 3 बच्चों को कुचला, 2 की मौतआज दोपहर 12 बजे होगी कर्नाटक कैबिनेट की स्पेशल बैठक, भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर होगी चर्चाPM मोदी और अमित शाह ने CM धामी से की फोन पर बात, बारिश से पैदा हुई स्थिति की ली जानकारीअमेरिका-भारत ट्रेड वार्ता शुरू, बैठक में शामिल हैं विदेश मंत्रालय के अधिकारी
 
National

पहले अधिकारी बनो, फिर अधिकार लो !

October 02, 2021 07:53 PM
डॉ कमलेश कली 
आज महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस पर उनके प्रखर चिंतन , उनके योगदान तथा उनके विचारों की आज भी कितनी जरूरत है, कितनी प्रासांगिकता है,इस पर खूब चिंतन मनन होगा, सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन होगा आदि आदि। गांधी जी ने गीता के अनासक्त योग को जीवन में उतारा। उन्होंने राजनीति को अपना धर्म मान कर जीवन जीने की प्रेरणा सर्व शास्त्र शिरोमणि गीता से ली और सच्चे कर्मयोगी बन कर जीवन के अन्तिम श्वास तक काम करते रहे। उन्होंने अपने कर्तव्यों पर ध्यान दिया न कि अधिकारों पर, जबकि आज हम सभी अधिकारों की बात पहले सोचते और करते हैं। आज कुछ ऐसी दशा है मनुष्य की ,कि हर क्षेत्र में,हर व्यवस्था में और हर बात में अधिकार पाने की  कोशिश की जा रही है, अधिकार तो लेकर रहेंगे ,किंतु कर्तव्य की ओर शायद ही किसी का ध्यान हो। अपनी मांगों को लेकर इतने प्रदर्शन होते हैं,पर कर्तव्यों के लिए नहीं। आदमी आदमी पर , वस्तुओं पर इतना हक जमा लेता है, मानों उसने अपने हाथों से रचा हो, आज यही जीवन में बढ़ते क्रोध तनाव और  का कारण है।    निस्संदेह अधिकार और कर्तव्य अन्योन्याश्रित है,पर कर्तव्य पालन के बिना अधिकार से  आज नहीं तो कल हाथ धो बैठते हैं।चार चोर एक गाय कहीं से चुरा  लाए। उन्होंने आपस में निर्णय किया कि एक एक दिन बारी बारी से सभी गाय को दुहेंगे भी और चारा भी खिलाएंगे। पहले दिन वाले चोर ने गाय का दूध तो दूह लिया लेकिन चारा नहीं खिलाया सोचा दूसरे दिन वाला चोर तो खिलायेगा ही। ऐसे ही चारों दिन चारों चोरो ने दूध तो निकाला,पर चारा तो गाय को एक ने भी नहीं खिलाया, आखिर गाय सिकुड़ती सिकुड़ती मर गई। कर्तव्य निष्ठा के अभाव में अधिकारों की रक्षा कैसे की जा सकती है। कर्तव्य निष्ठ व्यक्ति यह नहीं पूछता कि उसे क्या मिला,वह यह पूछता है कि उसने क्या किया? कर्तव्य परायणता में महान नैतिक बल छिपा होता है अंग्रेजी में एक प्रसिद्ध कहावत है "पहले अधिकारी बनो, फिर अधिकार लो"अर्थात फर्स्ट  डिसर्व देन डिज़ायर । गांधी जी ने तो कर्तव्य को इस तरह से परिभाषित किया था "बुराई से असहयोग करना मनुष्य का पवित्र कर्तव्य है"  आओ  इस गांधी जयंती पर हम भी यह सोचें कि अपने अपने कार्य क्षेत्र पर हम अधिकारों से पहले कर्तव्य की बात करेंगे , कर्तव्यनिष्ठ बनेंगे।
Have something to say? Post your comment
More National News
आज दोपहर 12 बजे होगी कर्नाटक कैबिनेट की स्पेशल बैठक, भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर होगी चर्चा PM मोदी और अमित शाह ने CM धामी से की फोन पर बात, बारिश से पैदा हुई स्थिति की ली जानकारी पीएम मोदी की मां पर टिप्पणी: मुजफ्फरपुर कोर्ट में आज सुनवाई, राहुल-तेजस्वी के खिलाफ है शिकायत
NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन बनेंगे भारत के उपराष्ट्रपति, मिले 452 वोट
MP के बुरहानपुर में गणेश विसर्जन के दौरान पथराव, 3 घायल, 7 हिरासत में नेपाल: जेन जी प्रदर्शनकारियों के संसद में घुसने पर काठमांडू में कर्फ्यू लगा वाराणसी में 11 सितंबर को मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात करेंगे PM मोदी ECI ने सभी राज्य के चुनाव आयुक्तों की दिल्ली में बुलाई बैठक, SIR और अन्य मुद्दों पर होगी चर्चा मुंबई में कल गणेश विसर्जन पर कड़ी सुरक्षा, 21 हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे भारत में बीते सात दिन में औसत से 48% अधिक बारिश, मौसम विभाग ने राज्यों को सतर्क रहने को कहा