Friday, April 26, 2024
Follow us on
International

अमेरिका को मिला 46वां राष्ट्रपति, जो बाइडेन ने ली शपथ,और कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला और पहली भारतवंशी उपराष्ट्रपति बनीं

January 20, 2021 10:27 PM

डेमोक्रेट जोसेफ आर बाइडेन जूनियर यानी जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए। वे 78 साल के हैं। कमला हैरिस ने बुधवार रात अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। 56 साल की कमला हैरिस ने इसी के साथ इतिहास रच दिया। वे पहली महिला, अश्वेत और भारतवंशी उपराष्ट्रपति होंगी।

बाइडेन ने अपनी इनॉगरल स्पीच में कहा, ‘यह अमेरिका का दिन है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह उम्मीदों का दिन है। आज हम किसी उम्मीदवार का जश्न मनाने नहीं जुटे हैं, हम लोकतंत्र के लिए जुटे हैं। हमने एक बार फिर सीखा है कि लोकतंत्र बेशकीमती है और नाजुक भी है, लेकिन लोकतंत्र यहां कायम है।’

‘कुछ दिन पहले ही यहां पर हुई हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिला दिया था, जबकि दो सौ साल से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो रहा था। मैं दोनों दलों के पूर्व राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। उस प्रेसिडेंट को भी सलाम, जो यहां नहीं आए, लेकिन उन्हें अमेरिका की सेवा करने का मौका मिला।’डेमोक्रेट जोसेफ आर बाइडेन जूनियर यानी जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए। वे 78 साल के हैं। कमला हैरिस ने बुधवार रात अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। 56 साल की कमला हैरिस ने इसी के साथ इतिहास रच दिया। वे पहली महिला, अश्वेत और भारतवंशी उपराष्ट्रपति होंगी। जो बाइडेन ने अपनी पहली स्पीच में कहा- हमने फिर सीखा कि लोकतंत्र कायम है और यह बेशकीमती होने के साथ नाजुक भी है।बाइडेन ने अपनी इनॉगरल स्पीच में कहा, ‘यह अमेरिका का दिन है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह उम्मीदों का दिन है। आज हम किसी उम्मीदवार का जश्न मनाने नहीं जुटे हैं, हम लोकतंत्र के लिए जुटे हैं। हमने एक बार फिर सीखा है कि लोकतंत्र बेशकीमती है और नाजुक भी है, लेकिन लोकतंत्र यहां कायम है।’

वो बोले, ‘कुछ दिन पहले ही यहां पर हुई हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिला दिया था, जबकि दो सौ साल से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो रहा था। मैं दोनों दलों के पूर्व राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। उस प्रेसिडेंट को भी सलाम, जो यहां नहीं आए, लेकिन उन्हें अमेरिका की सेवा करने का मौका मिला।’बाइडेन ने कहा, 'हम अच्छे लोग हैं। हमें अब भी लंबा रास्ता तय करना है। हमें बहुत कुछ करना है। हमें बहुत कुछ बनाना है, बहुत कुछ हासिल करना है। अभी जैसा मुश्किल वक्त है, वैसा अमेरिकियों ने पहले नहीं देखा। ऐसा वर्ल्ड वॉर-2 में भी नहीं हुआ। लाखों नाैकरियां चली गईं। लाखों कारोबार बंद हो गए। चरमपंथ, व्हाइट सुप्रीमेसी, आतंकवाद जैसी चीजों को हम शिकस्त देंगे। अमेरिका का भविष्य तय करने के लिए शब्दों से भी आगे जाकर बहुत कुछ करने की जरूरत होती है। एकजुट रहना, एकता बनाए रखना जरूरी है।'बाइडेन बोले, 'पूरे अमेरिका को एकजुट रखना ही मेरी आत्मा की कोशिश है। मैं हर अमेरिकी इस मकसद से जुड़ने की अपील करता हूं। गुस्सा, नफरत, चरमपंथ, हिंसा, नाउम्मीदी को हम एकजुट होकर हरा सकते हैं। हम इस वायरस से भी उबर सकते हैं। हम इंसाफ को कायम रख सकते हैं। हो सकता है कि जब मैं यूनिटी की बात कर रहा हूं तो यह कुछ लोगों को मूर्खता लगे, लेकिन अमेरिका लगातार भाई-भतीजावाद, नस्लवाद से जूझता रहा है। जीत हमेशा पक्की नहीं होती। हमने 9/11 देखा। लंबा संघर्ष देखा।'US प्रेसिडेंट ने कहा, 'इतिहास बताता है कि एकता ही कायम रखनी चाहिए। हम एक-दूसरे का सम्मान करें। एकता के बिना अमन नहीं आएगा। इसके बिना तरक्की नहीं होगी। देश नहीं बचेगा, सिर्फ अराजकता होगी। हम संकट में हैं। हमारे सामने चुनौती है। यह मोमेंट यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका है। इसे मानेंगे तो हम कभी नाकाम नहीं होंगे। इसलिए आज इस वक्त, इस जगह पर आइए हम नए सिरे से शुरू करेंगे। आइए हम एक-दूसरे की बात सुनें। एक-दूसरे का सम्मान करें। हर असहमति के लिए जरूरी नहीं कि जंग ही छेड़ दी जाए। तथ्यों को तोड़ना-मोड़ना या अपने हिसाब से गढ़ना जरूरी नहीं है। अमेरिका जो अभी है, उससे भी बेहतर हो सकता है। 108 साल पहले हजारों महिला प्रदर्शनकारियों ने यहीं आकर राइट टू वोट मांगा था। आज यहां पर कमला हैरिस के तौर पर पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं।'यहां सिविल वॉर जैसे हालात थे। वॉयलेंस हमारे काम को साइलेंस नहीं होने दे सकता। अगर आप असहमत हैं तो रहिए। यही अमेरिका है। शांति बनाए रखते हुए असहमति रखी जा सकती है। मैं हर एक अमेरिकी का राष्ट्रपति हूं। मैं वादा करता हूं कि जो मुझे सपोर्ट नहीं करते, उनका भी मैं उतना ही राष्ट्रपति हूं, जितना मेरे समर्थकों का हूं।मौका, सुरक्षा, गरिमा और सच का सम्मान होना चाहिए। सत्ता और मुनाफे के लिए झूठ बोले जाते हैं। नेता इसलिए संविधान की शपथ लेते हैं ताकि वे सच का साथ दें और झूठ को शिकस्त दें। अन-सिविल वॉर को हमें रोकना होगा। अगर हमारा मन खुला होगा, हममें सहने की ताकत होगी और हम खुद को दूसरे की जगह रखकर देखेंगे तो यह मुमकिन होगा। हमें एकदूसरे के लिए यही करना है, तभी हमारा देश मजबूत होगा। एकदूसरे से असहमति रखकर भी हमारा देश मजबूत हो सकता है।इस महामारी से हमें एकजुट राष्ट्र के तौर पर लड़ना है। हमें मिलकर लड़ना है। दुनिया हमें देख रही है। मेरा उनके लिए संदेश है कि अमेरिका की परीक्षा हुई है। हम तैयार हैं। हम ताकत से नेतृत्व नहीं करेंगे, बल्कि उदाहरण के साथ नेतृत्व करेंगे। मैं बतौर राष्ट्रपति आपसे कहूंगा कि महामारी में जान गंवाने की आत्मा के लिए मौन रखकर दुआ करें। हम उनका सम्मान करते हैं।हमें बहुत कुछ करना है। मैं वादा करता हूं। हमें परखा जाएगा, आंका जाएगा। मुझे लगता है कि हम मिलकर अमेरिकी इतिहास का नया महान अध्याय लिखेंगे। हमने अगर ये कर दिखाया तो आने वाली पीढ़ियां कहेंगे कि हमने अच्छा काम किया। मैं संविधान की रक्षा करूंगा। लोकतंत्र की रक्षा करूंगा। अमेरिका की हिफाजत करूंगा। हमें अमेरिकी की नई कहानी लिखनी है, जो डर से नहीं, उम्मीदों से भरी हो। गॉड ब्लेस अमेरिका। थैंक यू अमेरिका।

Have something to say? Post your comment
 
 
More International News
शेनझोउ-18 क्रू को आज अंतरिक्ष स्टेशन पर लॉन्च करेगा चीन मलेशिया में मिलिट्री के 2 हेलिकॉप्टर क्रैश, 10 लोगों की मौत अमेरिका के मेम्फिस में एक पार्टी के दौरान गोलीबारी, कई लोग घायल समुद्र में क्रैश हुए जापानी सेल्फ डिफेंस फोर्स के 2 हेलीकॉप्टर, 7 लोग लापता स्लोवाकिया राष्ट्रपति चुनाव में रूस समर्थक लीडर की जीत, 53 फीसदी वोट के साथ पीटर पेलेग्रिनी को बहुमत चीन: किंघई के मंग्या शहर में 5.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए जापान में पूर्वी तट के पास 6.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दी होली की शुभकामनाएं मॉस्को में गोलीबारी कर 140 लोगों की जान लेने वाले चारों आतंकी गिरफ्तार मॉस्को आतंकी हमला: क्रोकस सिटी हॉल के एक टॉयलेट में मिले 28 शव