Monday, November 10, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
अमेरिका पहुंचे सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा, व्हाइट हाउस में ट्रंप से करेंगे मुलाकातउत्तराखंड की रजत जयंती पर आप सभी को बधाई देता हूं...', देहरादून में बोले PM मोदीजम्मू-कश्मीर: आतंकवादी संबंधों के आरोप में कठुआ में दो एसपीओ पुलिस सेवा से बर्खास्तजापान में 6.7 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारीसिरसा में हरियाणा CM नायब सिंह सैनी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर शामिल हुएप्रधानमंत्री मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दीकांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद तरलोचन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधनतरनतारन उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मुख्यमंत्री सैनी की बड़ी जनसभा
 
Niyalya se

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर लगाई रोक

January 12, 2021 01:39 PM

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कानूनों पर रोक लगाई, साथ ही एक कमेटी का गठन कर दिया है. जो कि सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और सर्वोच्च अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी.

केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि कानूनों को पास किया, उसका लंबे वक्त से विरोध हो रहा था. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं, इसी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जा पहुंचा.

कमेटी ही निभाएगी निर्णायक भूमिका
मंगलवार की सुनवाई में किसानों की ओर से पहले कमेटी का विरोध किया गया और कमेटी के सामने ना पेश होने को कहा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख बरता और कहा कि अगर मामले का हल निकालना है तो कमेटी के सामने पेश होना होगा. 

ऐसे में अब कोई भी मुद्दा होगा, तो कमेटी के सामने उठाया जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया कि कमेटी कोई मध्यस्थ्ता कराने का काम नहीं करेगी, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाएगी.

गौरतलब है कि बीते दिन की सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अदालत में कृषि कानूनों के अमलीकरण पर रोक लगाने पर आपत्ति जताई गई थी. साथ ही केंद्र ने कहा था कि ऐसा करना ठीक नहीं होगा, अभी सरकार-किसानों में बातचीत हो रही है. हालांकि, अदालत ने साफ किया था कि लंबे वक्त से कोई नतीजा नहीं निकला है, सरकार का रुख सही नहीं है.

50 दिनों से जारी है किसानों की लड़ाई
दिल्ली की सीमा पर किसानों का हुजूम पिछले 50 दिनों से लगा हुआ है. अलग-अलग बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, डटे हुए हैं. अबतक कई किसानों की मौत भी हो चुकी है, जिनमें से कुछ ठंड से जान गंवा बैठे हैं तो कुछ ने आत्महत्या कर ली.सुप्रीम कोर्ट द्वारा जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसमें कुल चार लोग शामिल होंगे, जिनमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल घनवंत शामिल हैं. ये कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपेगी, जबतक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती है तबतक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी

कृषि कानून की मुश्किलों को दूर करने के लिए सरकार और किसान संगठन कई राउंड की बैठक भी कर चुके थे, लेकिन सहमति नहीं बन सकी. किसान तीनों कानूनों की वापसी की मांग पर ही अड़े थे, लेकिन सरकार कुछ विषयों पर संशोधन के लिए राजी थी. 

Have something to say? Post your comment
More Niyalya se News
आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित DIG भुल्लर को CBI ने 5 दिन की कस्टडी में लिया दिल्ली-एनसीआर में दीपावली पर ग्रीन पटाखे जलाने के मामले पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला AGR बकाया केस: SC ने वोडाफोन-आइडिया की याचिका पर सुनवाई 13 अक्टूबर तक टाली DU को पीएम मोदी की ग्रेजुएशन डिग्री का खुलासा करने की जरूरत नहीं: दिल्ली HC पंजाब-हरियाणा HC ने लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 पर अगली सुनवाई तक अंतरिम रोक लगाई मालेगांव ब्लास्ट केस 2008 में साध्वी प्रज्ञा समेत सातों आरोपी बरी किए गए बच्चे की देखभाल के लिए नौकरी छोड़ना स्वैच्छिक काम नहीं: दिल्ली HC सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा दोनों सरकारों को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद के संबंध में सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने में केंद्र सरकार के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया राम रहीम को दोषी करार होने पर भड़की हिंसा का मामला,पंचकूला हिंसा मामले में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला मामले में कोर्ट ने 19 आरोपियों को किया बरी ,सबूत के अभाव के चलते किया गया बरी दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में भड़की थी हिंसा। SC ने तहसीन पूनावाला, विशाल ददलानी पर HC का ₹10-10 लाख जुर्माना रद्द किया