Wednesday, November 19, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
हरियाणा सरकार ने सिविलसचिवालय चंडीगढ़ में कार्यरत पदोन्नति पाए सभी डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को सौंपी ब्रांच की जिम्मेदारी*बिहार: शपथग्रहण 20 नवंबर को, कल शाम पटना पहुंचेंगे गृह मंत्री अमित शाहX और क्लाउडफ्लेर दुनियाभर में हुए डाउन, यूजर्स नहीं कर पा रहे लॉगइनमुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी गांधी मैदान पहुंचे, शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी का जायजा लियाश्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को समर्पित चौथी नगर कीर्तन यात्रा का साढौरा से हुआ भव्य शुभारंभप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बिहार की जीत जनता की शक्ति और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम- मुख्यमंत्रीहरियाणा ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य‘ की श्रेणी में जीता तीसरा पुरस्कारनशा मुक्त भारत अभियान ने अब तक हजारों लोगों का जीवन बचाया - कृष्ण बेदी
 
National

सब कुछ बटोरने में लगे हैं, यही छोड़ जाने के लिए !

September 25, 2020 08:11 AM

डॉ कमलेश कली 

सब कुछ बटोरने में लगे हैं, यही छोड़ जाने के लिए, शुक्र है कि कफ़न में जेब नहीं होती ! यह एक कटु सत्य है कि इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ लौट जाता है और उससे भी बड़ा सत्य है कि यहां से देर सबेर सब ने चले जाना है, कोई भी यहां सदा रहने वाला नहीं है। लेकिन इस आपाधापी की दुनिया में येन केन प्राकरेण धन और दूसरे स्थूल साधनों को इकठ्ठा करने में हम इतने मशगूल हो गए हैं कि इस खतरनाक महामारी में भी लालच से,छलबल से, नैतिकता को तिलांजलि दे धन बटोरने में लगे हैं। अस्पतालों द्वारा इलाज के नाम पर की गई  लूट खसूट के बाद अब टेस्टिंग लैब्स द्वारा कोरोना जांच से संबंधित रिपोर्टस में गड़बड़ी का धंधा सामने आया है। ताज़ा मामला गुजरात में इन टेस्टिंग लैब्स से मनचाही रिपोर्ट प्राप्त करने का है, आप देश में  कहीं से भी ज्यादा पैसे देकर कोरोना टेस्ट, जैसे एंटीबॉडी टेस्ट, पीसीआर और आर टी रिपोर्ट नेगेटिव ले सकते हैं।पता चला है कि फ़ैक्टरी मालिक अपने मज़दूरों के लिए इस तरह की नेगेटिव रिपोर्ट खरीद रहे हैं ताकि उन्हें 14 दिन की मजदूरी नहीं देनी पड़े और मजदूर इस लिए नेगेटिव रिपोर्ट ले रहे हैं ताकि नये मालिक के पास काम मिल जाए।यह सब गड़बड़ी रुपए ले देकर की जा रही है। एक गरीब मजदूर की मजबूरी तो समझी जा सकती है, पर लैब मालिक, वहां काम करने वाले स्पेशलिस्ट और फैक्ट्री मालिकों की कौन सी मजबूरी है जो उन्हें इस तरह के खतरे, अपने लिए और समाज के लिए, चंद रुपयों के लिए मोल ले रहे हैं। संक्रमण का खतरा तो सबके लिए है, कोरोनावायरस भेद नहीं करता कि आप बहुत अमीर है या गरीब, बहुत ऊंची पोस्ट पर लगें हैं या बिलकुल निम्न पद पर है, आप बहुत नामी-गिरामी है या फिर आमजन,सब के लिए संकट एक जैसा है।यक्ष युधिष्ठिर संवाद में, सबसे जाना माना प्रश्न है कि इस दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है? युधिष्ठिर का सटीक जवाब था कि रोज़ रोज़ लोगों को मरते देखते हैं, फिर भी अपने मरने का कोई ख्याल नहीं आता कि हमने भी जाना है, मौत तो औरों को आती है,हम तो यहां सदा ही रहने वाले हैं। शायद यही वजह है कि कोरोना महामारी से लोगों को मरते देखते हुए भी, छल-कपट से इस संकट में भी पैसे बनाने के अवसर तलाश रहे हैं। मौत सब के सिर पर मंडरा रही है, फिर भी लोभ लालच, उचित अनुचित तरीके से लूट-खसोट करने में लगे हैं। 

गुजरातियों की धन कमाने और व्यवहार कुशलता से चांदी कूटने का गुण विश्व में प्रसिद्ध है, कितने ही उदाहरण सच्चे और झूठे सुनने में आते हैं। एक पुराना जोक इस संबंध में याद आ रहा है कि जब बिलगेटस ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ का कार्यभार छोड़ा तो नये प्रत्याशी के चयन के लिए सीधे इंटरव्यू का विज्ञापन दिया। शर्ते काफी कड़ी थी,  उसमें लगभग 50 लोग आए, जिस में छगन भाई जो कि कोई शर्त पूरी नहीं करते थे, फिर भी इसमें  शामिल हुए यह सोच कर कि कोशिश करने में कोई हर्ज़ा नहीं है ।बिलगेटस ने पूछा कि जो एमटेक और एमबीए नहीं है,वो यहां से चले जाएं।आधे लोग चले गए,पर छगन भाई नहीं उठे।  फिर कहा गया कि जिन्हें कम्प्यूटर की भाषाएं जैसे कि जावा आदि नहीं आती चले जाएं, पर छगन भाई बैठा रहता है कि कोशिश करने में क्या हर्ज है। फिर पूछा जाता है कि चीनी भाषा जिनको नहीं आती वो चले जाएं,छगन को गुजराती के अलावा कोई भाषा नहीं आती थी, पर फिर भी वो बैठा रहता है कि कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं है।अंत में केवल दो ही प्रत्याशी बचते हैं तो उन्हें आपस में चीनी भाषा में वार्तालाप करने के लिए कहा जाता है, तो छगन भाई दूसरे से बोलता है केम छे अर्थात गुजराती में कैसे हो? तो दूसरा भी पूछता है केम छे कैसे हो? अर्थात गुजराती को टक्कर गुजराती ही दे सकता है। कहने का अभिप्राय यह है कि गुजरातियों में लगे रहने और धन कमाने की अदभुत क्षमता होती है। पर जो भी हो,ताजा प्रकरण धन  देकर लैब्स से मनचाही रिपोर्ट लेने वाली घटना इतनी  घिनौनी  लग रही  है कि धन दौलत के पीछे सब नैतिकता, मूल्यों की तिलांजलि और चरित्र का ह्रास नज़र आता है। इस अंधी दौड़ में शामिल लोग देश और समाज का कितना नुक्सान कर रहे हैं, इसकी थाह पाना मुश्किल है। सुना था भारत और भ्रष्टाचार की राशि एक है,अब तो लगने लगा है कि छल कपट और अनैतिकता राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा बन कर रह गई है ,असूल और मूल्यों की परवाह नहीं करना हमारे डीएनए में शामिल हो चुका है और जुगाड़ तंत्र विकसित करना हमारे लहु में रच-बस गया है।  शायद मौत के समय भी यमराज को कुछ ले देकर बचने  का प्रयास करेंगे ।
Have something to say? Post your comment
More National News
X और क्लाउडफ्लेर दुनियाभर में हुए डाउन, यूजर्स नहीं कर पा रहे लॉगइन बिहार चुनाव 2025: सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर बाहर निकले तमिलनाडु के तांबरम में एयरफोर्स का ट्रेनर विमान क्रैश हुआ, पायलट सुरक्षित गृह मंत्रालय के अधिकारियों की 3 बजे मीटिंग, जांच एजेंसियां भी होंगी शामिल जो भी जिम्मेदार हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा...', भूटान में बोले पीएम मोदी तमिलनाडु के अरियालूर में गैस सिलेंडर से भरा ट्रक पलटा, कई सिलेंडरों में धमाके दिल्ली में लाल किले के पास कार में धमाका: 8 की मौत, 24 घायल, पार्किंग में खड़ी गाड़ियां जलीं; दिल्ली, मुंबई, यूपी और हरियाणा में हाई अलर्ट SIR के खिलाफ पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, बिहार मामले के साथ सुनवाई की मांग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद तरलोचन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक साल तक चलने वाले समारोह का आज उद्घाटन करेंगे PM मोदी