Wednesday, November 19, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
हरियाणा सरकार ने सिविलसचिवालय चंडीगढ़ में कार्यरत पदोन्नति पाए सभी डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को सौंपी ब्रांच की जिम्मेदारी*बिहार: शपथग्रहण 20 नवंबर को, कल शाम पटना पहुंचेंगे गृह मंत्री अमित शाहX और क्लाउडफ्लेर दुनियाभर में हुए डाउन, यूजर्स नहीं कर पा रहे लॉगइनमुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी गांधी मैदान पहुंचे, शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी का जायजा लियाश्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को समर्पित चौथी नगर कीर्तन यात्रा का साढौरा से हुआ भव्य शुभारंभप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बिहार की जीत जनता की शक्ति और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम- मुख्यमंत्रीहरियाणा ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य‘ की श्रेणी में जीता तीसरा पुरस्कारनशा मुक्त भारत अभियान ने अब तक हजारों लोगों का जीवन बचाया - कृष्ण बेदी
 
Haryana

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंकड़ों के साथ खोली एमएसपी में मामूली बढ़ोत्तरी की पोल

September 22, 2020 06:16 PM

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एमएसपी में बढ़ोत्तरी के आंकड़े पेश कर सरकार को आईना दिखाया है। उनका कहना है कि यूपीए सरकार के मुक़ाबले ये बढ़ोत्तरी कहीं नहीं ठहरती। आज भी प्रदेश की मंडियों में धान, बाजरा, मक्का, मूंग और कपास एमएसपी से बहुत कम रेट पर पिट रहे हैं। क्योंकि सरकार एमएसपी पर ख़रीद नहीं कर रही है। मजबूर में किसानों को प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुटना पड़ा रहा है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मंडी में किसान को एमएसपी देने और दाने-दाने की सरकारी ख़रीद करने का लेकर दावा करने वाली सरकार को आज प्रदेश की मंडियों में जाकर देखना चाहिए। प्रदेश की कई मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। लेकिन सरकार ख़रीद नहीं कर रही है। 1850 रुपये एमएसपी के बावजूद किसान को धान 1000-1200 रुपये में बेचनी पड़ रही है। नए क़ानून लागू करके सरकार किसानों को जिन प्राइवेट एजेंसियों के हवाले करना चाहती है, आज वो ही एजेंसियां किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर एमएसपी से बहुत कम रेट में उनकी फसलें ख़रीद रही हैं। जब सरकार मंडियों को कमज़ोर करके इनको खुली छूट दे देगी तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये एजेंसियां किस तरह किसान का शोषण करेंगी। सरकार को बताना चाहिए कि आज प्राइवेट एजेंसियां किसानों को उचित रेट क्यों नहीं दे रही हैं? अब ऐसा कौन सा क़ानून है जो उन्हें उचित रेट देने से रोकता है? नए क़ानून लागू होने के बाद इन एजेंसियों का हृदय परिवर्तन कैसे हो जाएगा? यहीं वो सवाल हैं जिनके जवाब किसानों को नहीं मिल पा रहे हैं और वो नए क़ानूनों को लेकर आशंकित हैं।

हुड्डा ने कहा कि किसान, आढ़ती और विपक्ष सरकार से लगातार मांग कर रहे थे कि धान की खरीद 15 सितंबर से होनी चाहिए। सरकार ने ख़ुद 25 सितंबर से ख़रीद शुरू करने का ऐलान किया था। लेकिन अब वो 1 अक्टूबर से ख़रीद शुरू होने की बात कह रही है। बार-बार अपने बयान से पलटना बताता है कि सरकार की मंशा धीरे धीरे एमएसपी और मंडी व्यवस्था को खत्म करने की है। सरकार को चाहिए वो जल्द से जल्द धान की ख़रीद शुरू करे और पिछली बार की तरह इस बार किसान पर 25 क्विंटल की ही ख़रीद की लिमिट ना थोपे। अगर सरकार किसान से महज़ 25 क्विंटल धान ही ख़रीदेगी तो किसान बाक़ी धान लेकर कहां जाएगा?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने रबी की फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की महज़ खानापूर्ति की है। फसलों के समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोतरी नाकाफी है। हरियाणा में मुख्यतः उगाए जाने वाले गेहूं पर सरकार ने सिर्फ 2.6% यानी 50 रुपये की बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है। जबकि पेट्रोल-डीजल, ट्रांसपोर्ट, बीज, दवाई, बुआई, कटाई, कढ़ाई और सिंचाई की लागत बेतहाशा बड़ी है। उसके मुक़ाबले एमएसपी में बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंकड़ों के साथ समझाया कि बीजेपी सरकार के दौरान लगातार एमएसपी में बढ़ोतरी का प्रतिशत गिरता आ रहा है। यूपीए सरकार के दौरान धान के रेट में हर साल औसतरन 14-15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करते हुए 800 रुपये बढ़ाए गए थे। इसके अलावा खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट की वजह से उस दौरान किसानों को एमएसपी से कहीं ज़्यादा 4000 से 6000 रुपये तक धान का रेट मिला। दूसरी तरफ मौजूदा सरकार में एमएसपी बढ़ोत्तरी दर घटकर सिर्फ 6 प्रतिशत सालाना रह गई। ज्यादातर किसानों को तो वो भी नहीं मिलता।

गेहूं के रेट में यूपीए सरकार के दौरान कुल 127 प्रतिशत यानी हर साल औसतन 13 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई। लेकिन मौजूदा सरकार में ये बढ़ोत्तरी घटकर सिर्फ 5 प्रतिशत रह गई। इस बार तो महज़ 2.6 की बढ़ोत्तरी की गई है। गन्ने के रेट को भी कांग्रेस सरकार के दौरान करीब 3 गुणा बढ़ोत्तरी करते हुए 117 से 310 रुपये तक पहुंचाया गया। लेकिन इस सरकार ने 6 साल में महज़ 30 रुपये की बढ़ोत्तरी की है। उसकी भी बरसों से पेमेंट रुकी हुई है। हुड्डा ने कहा कि सरकार को मामूली बढ़ोत्तरी का ढिंढ़ोरा पीटने की बजाए ज़मीनी हक़ीक़त को समझना चाहिए और किसानों की मुश्किल दूर करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने अपनी और किसानों की मांग दोहराते हुए कहा कि ये 3 कृषि बिल किसान विरोधी हैं। इसलिए सरकार को चौथा कानून लेकर लाना चाहिए। इसमें मंडी से बाहर भी एमएसपी पर खरीद का कानूनी प्रावधान होना चाहिए। अगर कोई भी प्राइवेट एजेंसी किसान से एमएसपी से नीचे खरीदती है तो उसमें सजा होनी चाहिए। साथ ही अपने वादे के मुताबिक बीजेपी को स्वामीनाथन रिपोर्ट के सी2 फार्मूले पर एमएसपी देनी चाहिए।

Have something to say? Post your comment
More Haryana News
हरियाणा सरकार ने सिविलसचिवालय चंडीगढ़ में कार्यरत पदोन्नति पाए सभी डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को सौंपी ब्रांच की जिम्मेदारी*
श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को समर्पित चौथी नगर कीर्तन यात्रा का साढौरा से हुआ भव्य शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बिहार की जीत जनता की शक्ति और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम- मुख्यमंत्री हरियाणा ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य‘ की श्रेणी में जीता तीसरा पुरस्कार नशा मुक्त भारत अभियान ने अब तक हजारों लोगों का जीवन बचाया - कृष्ण बेदी मुख्यमंत्री ने श्री गुरू तेग बहादुर जी के नाम वन, वन्य जीव एवं जैव विविधता संरक्षण ब्लॉक का किया उद्घाटन
साइबर ठगी के पीड़ितों को अब लोक अदालत के माध्यम से तुरंत मिलेगा रुका हुआ पैसा
ऑपरेशन ट्रैक-डाउन: हरियाणा पुलिस ने 9 दिनों में 2000 से अधिक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुँचाया; रोहित गोदारा गैंग का ₹10,000/- का इनामी सदस्य गिरफ्तार
बिहार चुनाव 2025: बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने सम्राट चौधरी को जीत की बधाई दी
बिहार का चुनाव पूरे हिन्दूस्तान के लिए बहुत बडा पैगाम है, क्योंकि दुनिया झूठे वायदे नहीं चाहती है बल्कि काम व विकास चाहती है’’ - ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज