Tuesday, December 09, 2025
Follow us on
 
Haryana

1983 पीटीआई के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भरी हुंकार

July 14, 2020 04:52 PM

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एकबार फिर पीटीआई के समर्थन में हुंकार भरी है। उनका कहना है कि सरकार तुरंत प्रभाव से 1983 बर्खास्त पीटीआई को बहाल करे, नहीं तो कांग्रेस की सरकार बनते ही पिछले वित्तीय लाभ के साथ सबसे पहले इनकी बहाली की जाएगी। हुड्डा ने कहा कि पीटीआई का रोज़गार बचाने के लिए सरकार को अपनी विधायी शक्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए अगर विधानसभा में कोई विधेयक लाना पड़े तो विपक्ष उसका पुरज़ोर समर्थन करेगा। आज दिल्ली स्थित आवास पर समस्त कर्मचारी संघर्ष तालमेल कमेटी सर्वकर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने पहुंची। हुड्डा ने कमेटी को आश्वासन दिया कि सड़क से लेकर सदन तक कर्मचारियों की आवाज़ उठाई जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को संवेदनशील तरीके से इनकी बहाली का रास्ता निकालना चाहिए। बर्खास्त पीटीआई में 38 दिवंगत हो चुके हैं, 25 विधवा अध्यापक हैं, 34 दिव्यांग, 49 एक्स-सर्विसमैन, 68 दूसरे विभागों को छोड़कर आए कर्मचारी, 20 रिटायर अध्यापक और 80 प्रतिशत 45 साल से ज़्यादा उम्र के अध्यापक हैं। ख़ुद माननीय सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि 10 साल बाद इन लोगों को नौकरी से निकाला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को इनका रोज़गार बचाने का रास्ता दिया था। सरकार 1983 की वैकेंसी दिखाकर सभी का रोज़गार बचा सकती थी। साथ ही वैकेंसी की संख्या बढ़ाकर मामले के याचिकाकर्ताओं को भी नौकरी दे सकती थी। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। सरकार को समझना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को सिर्फ प्रक्रियागत वजहों के चलते रद्द किया है। इसमें पीटीआई की कोई ग़लती नहीं है। पूरी भर्ती में किसी तरह के भ्रष्टाचार, जालसाज़ी या आपराधिक षड्यंत्र का ज़िक्र नहीं है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि प्रदेश में इससे पहले भी कर्मचारियों का रोज़गार बचाने के लिए कई बार सरकारों ने अपनी विधायी शक्तियों का इस्तेमाल किया है। हमारी सरकार के दौरान ही पिछली सरकार में नौकरी से हटाए गए 1800 पुलिसवालों और 4000 एमआईटीसी कर्मियों को बहाल किया गया था। सरकार ने गेस्ट टीचर्स का रोज़गार बचाने के लिए भी अपनी विधायी शक्तियों का इस्तेमाल किया। इसी तरह सरकार को पीटीआई के बारे में भी संवेदनशीलता बरतते हुए मानवीय आधार पर फ़ैसला लेना चाहिए था। ऐसा करने की बजाए सरकार ने संवेदनहीनता की सारी सीमाएं पार कर कर दी। उसने दिवंगत हो चुके 38 पीटीआई के परिवारों को मिलने वाली वित्तीय सहायता भी बंद कर दी। ये पूरी तरह अमानवीय कार्य है।

Have something to say? Post your comment
More Haryana News
पंचकूला जोन की उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की कार्यवाही 08,17, 22 और 29 दिसम्बर को पंचकूला में की जाएगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर किया नमन हरियाणा के सभी सरकारी भवनों पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाएं: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल पंचकूला में प्रारंभ, अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला रहे आकर्षण का केंद्र ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार की व्यापक पहल मुख्यमंत्री ने की जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की बजट घोषणाओं और सीएम घोषणाओं की समीक्षा ऊर्जा मंत्री अनिल विज का एक्शन : विवाहिता को धमकाने पर अंबाला कैंट के महेशनगर थाना स्टाफ को लगाई कड़ी फटकार ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज का कांग्रेस पर तीखा हमला- “रेणुका चौधरी की भौं-भौं अब कांग्रेस की ऑफिशियल भाषा” शीत लहरों के बीच सूरज की किरणों ने ब्रह्मसरोवर पर बिखेरा अपनी सौन्दर्यता का रंग जनता को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : आरती सिंह राव