Tuesday, October 14, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
डीसी बुधवार को बार में शुक्रवार को ही लग गया बिजली ट्रांसफार्मर , इतनी जल्दी काम करवाने वाला डीसी आज तक नहीं आया पंचकुला में बार एसोसिएशन के शिष्टमंडल में डीसी से मिल किया आभार प्रकटतत्काल न्यूज़ की खबर को लगीं मोहर,वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह को मिला हरियाणा के डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार, फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं OP सिंहसूत्र- छुट्टी पर भेजे गए हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूरजन विश्वास-जन विकास समारोह में प्रधानमंत्री प्रदेश को देंगे विकास की अनेक नई सौगातें: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनीपर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा पहुंचे उदयपुर अधिकारियों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने महाराणा प्रताप हवाई अड्डे पहुंचने पर किया स्वागत पर्यटन मंत्रालय की 2 दिवसीय बैठक में शामिल होने उदयपुर पहुंचे डॉ अरविंद शर्मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश में 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर होगा मंथन केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से लेकर राज्यों के पर्यटन मंत्री रखेंगे अपनी राय उदयपुर एयरपोर्ट पर बोले पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार विरासत व पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकारबोर्ड परीक्षा के आवेदन पत्र में अपार आईडी नहीं होगी अनिवार्य - कुंडूजेजेपी महिला प्रदेश कार्यकारिणी का गठन, 52 पदाधिकारी नियुक्तचौ. अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को स्वर्गीय आईपीएस वाई. पूरन कुमार के चंडीगढ़ निवास पर जाकर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पी. अमनीत कौर व उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया
 
Dharam Karam

गंगा जन्मोत्सव पर विशेष

April 30, 2020 07:00 AM

गंगा जयंती हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है. वैशाख शुक्ल सप्तमी के पावन दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई इस कारण इस पवित्र तिथि को गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है. गंगा जयंती के शुभ अवसर पर गंगा जी में स्नान करने से सात्त्विकता और पुण्यलाभ प्राप्त होता है. वैशाख शुक्ल सप्तमी का दिन संपूर्ण भारत में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया जाता है यह तिथि पवित्र नदी गंगा के पृथ्वी पर आने का पर्व है गंगा जयंती. स्कन्दपुराण, वाल्मीकि रामायण आदि ग्रंथों में गंगा जन्म की कथा वर्णित है.भारत की अनेक धार्मिक अवधारणाओं में गंगा नदी को देवी के रूप में दर्शाया गया है. अनेक पवित्र तीर्थस्थल गंगा नदी के किनारे पर बसे हुये हैं. गंगा नदी को भारत की पवित्र नदियों में सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है. लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा रखते हैं तथा मृत्यु पश्चात गंगा में अपनी राख विसर्जित करना मोक्ष प्राप्ति के लिये आवश्यक समझते हैं. लोग गंगा घाटों पर पूजा अर्चना करते हैं और ध्यान लगाते हैं. गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक माना गया है. गंगाजल को अमृत समान माना गया है. अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है मकर संक्राति, कुंभ और गंगा दशहरा के समय गंगा में स्नान, दान एवं दर्शन करना महत्त्वपूर्ण समझा माना गया है. गंगा पर अनेक प्रसिद्ध मेलों का आयोजन किया जाता है. गंगा तीर्थ स्थल सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक एकता स्थापित करता है गंगा जी के अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम एवं गंगा आरती बहुत लोकप्रिय हैं.

गंगा जन्म कथा

गंगा नदी हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और अनेक धर्म ग्रंथों में गंगा के महत्व का वर्णन प्राप्त होता है गंगा नदी के साथ अनेक पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं जो गंगा जी के संपूर्ण अर्थ को परिभाषित करने में सहायक है. इसमें एक कथा अनुसार गंगा का जन्म भगवान विष्णु के पैर के पसीनों की बूँदों से हुआ गंगा के जन्म की कथाओं में अतिरिक्त अन्य कथाएँ भी हैं. जिसके अनुसार गंगा का जन्म ब्रह्मदेव के कमंडल से हुआ.एक मान्यता है कि वामन रूप में राक्षस बलि से संसार को मुक्त कराने के बाद ब्रह्मदेव ने भगवान विष्णु के चरण धोए और इस जल को अपने कमंडल में भर लिया और एक अन्य कथा अनुसार जब भगवान शिव ने नारद मुनि, ब्रह्मदेव तथा भगवान विष्णु के समक्ष गाना गाया तो इस संगीत के प्रभाव से भगवान विष्णु का पसीना बहकर निकलने लगा जिसे ब्रह्मा जी ने उसे अपने कमंडल में भर लिया और इसी कमंडल के जल से गंगा का जन्म हुआ था.

गंगा जयंती महत्व

शास्त्रों के अनुसार बैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ही गंगा स्वर्ग लोक से शिव शंकर की जटाओं में पहुंची थी इसलिए इस दिन को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है. जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन 'गंगा दशहरा' (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है इस दिन मां गंगा का पूजन किया जाता है. गंगा जयंती के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है. विधिविधान से गंगा पूजन करना अमोघ फलदायक होता है.पुराणों के अनुसार गंगा विष्णु के अँगूठे से निकली हैं, जिसका पृथ्वी पर अवतरण भगीरथ के प्रयास से कपिल मुनि के शाप द्वारा भस्मीकृत हुए राजा सगर के 60,000 पुत्रों की अस्थियों का उद्धार करने के लिए हुआ था तब उनके उद्धार के लिए राजा सगर के वंशज भगीरथ ने घोर तपस्या कर माता गंगा को प्रसन्न किया और धरती पर लेकर आए। गंगा के स्पर्श से ही सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार संभव हो सका। इसी कारण गंगा का दूसरा नाम भागीरथी हुआ।

Have something to say? Post your comment
More Dharam Karam News
आज लगेगा सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं दिखाई देगा नजारा उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू, खराब मौसम के चलते रोकी गई थी यात्रा चारधाम यात्रा में अब तक कुल 38 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, 169 की मौत 22 जनवरी, 2024 के बाद से अब तक अयोध्या में दर्शन करने पहुंचे 5.5 करोड़ राम भक्त उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में शुक्रवार को 41,862 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन चैत्र नवरात्र से पहले वैष्णो देवी जाने के लिए कटरा में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़ महाकुंभ: आज करीब 36 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी प्रयागराज: महाकुंभ में अब तक 44 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु लगा चुके हैं आस्था की डुबकी महाकुंभ: अब तक 37 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी महाकुंभ 2025 में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा हुआ15 करोड़ के पार