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शाहजहांपुर नाके पर सीसीटीवी लगे तो प्लान बदल रेवाड़ी के रास्ते पहुंचाने लगे मोटी मंथली

February 18, 2020 05:34 AM


COURTESY DAINIK BHASKAR FEB 18
शाहजहांपुर नाके पर सीसीटीवी लगे तो प्लान बदल रेवाड़ी के रास्ते पहुंचाने लगे मोटी मंथली

{तीन साल से अधिकारियों के लिए दलाली कर रहा था रेवाड़ी का फरार आरोपी
राजस्थान एसीबी द्वारा ट्रांसपोर्टरों से मासिक वसूली लेने के आरोप में जयपुर परिवहन विभाग के कई अधिकारियों को पकड़ने के बाद दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर चल ओवरलोडिंग का खेल भी उजागर हुआ है। अवैध वसूली के इस खेल पर नकेल के लिए जब सरकार ने शाहजहांपुर नाका पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए तो सुरक्षित स्थान के लिए रेवाड़ी को चुना गया। हरियाणा के आरोपी दलाल के ईडन गार्डन सोसायटी स्थित फ्लैट में ट्रांसपोर्टर रकम पहुंचाते थे।
रेवाड़ी की ईडन गार्डन सोसायटी में रहने वाला लॉजिस्टिक कंपनी के जिस प्रबंधक (दलाल) की तलाश में एसीबी ने छापा मारा था, वह इस खेल में बड़ी कड़ी है। इस बड़े क्षेत्र में लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों रुपए की मंथली का पर्दाफाश हुआ है। हालांकि एसीबी के आने से पहले रेवाड़ी में रहने वाला आरोपी दलाल मौके से निकल भागने में कामयाब हो गया, जिसके बाद एजेंसी उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई है। दरअसल, इस मामले में एसीबी द्वारा गिरफ्तार किया गया परिवहन निरीक्षक गजेंद्र यादव लंबे समय तक शाहजहांपुर में कार्यवाहक जिला परिवहन अधिकारी रहा था। इसके अलावा भी गजेंद्र यादव ज्यादातर समय अलवर जिला में ही रहा और अधिकतर समय उसकी ड्यूटी दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर रही। कार्यवाहक अधिकारी का जिम्मा मिलने के बाद गजेंद्र यादव ने ऐसे ट्रांसपोर्टरों को निशाना बना शुरू कर दिया, जिनसे मोटी रकम मिल सके। चूंकि इस मामले में रेवाड़ी में रह रहा आरोपी भी लॉजिस्टिक कंपनी का प्रबंधक है, जिससे उसकी पैठ परिवहन विभाग में काफी अच्छी थी। इसी की बदौलत वह गजेंद्र के संपर्क में आ गया। इसके बाद प्रबंधक ने गजेंद्र के लिए दलाली का काम शुरू कर दिया था। हालांकि दो माह से निरीक्षक गजेंद्र यादव जयपुर चला गया था, लेकिन फिर भी उसने दलाल के जरिए ही मासिक वसूली का यह खेल बंद नहीं किया। गजेंद्र यादव की जयपुर में गिरफ्तारी के बाद ही उसके रेवाड़ी में दलाल के होने का पता चला था।
लाखों की वसूली }एक वाहन से 35 से 40 हजार रुपए तक मंथली
एसीबी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शाहजहांपुर में परिवहन विभाग का नाका है, जहां ऐसे ट्रांसपोर्टरों को टारगेट किया जाता, जिनकी गाड़ियों की संख्या अधिक थी। उनसे प्रति वाहन के 35 से 40 हजार रुपए मासिक वसूली के लिए ले जाते थे। आरोपी दलाल ट्रांसपोर्टरों से यह पैसा अपने रेवाड़ी की सोसायटी स्थित फ्लैट में मंगवाता था। अनुमानित तौर पर प्रतिमाह 50 से 70 लाख रुपए मासिक वसूली एकत्रित करके भेजे जाते थे।
जयपुर से मॉनिटिरिंग हुई तो बदले तरीके
दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा छापेमारी की थी। इस वसूली पर नकेल कसी गई थी। सरकार ने सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए थे, जिनकी मॉनीटरिंग जयपुर से होती थी। इसके बाद ही मासिक वसूली का यह जिम्मा रेवाड़ी में रह रहे उक्त दलाल को मिल गया था। दलाली के रूप में मोटी रकम मिलने के बाद ही उसने सोसायटी में फ्लैट खरीदा था।
गाड़ी चलानी है तो...‘गड्‌डी’ चलती है
अफसरों व दलालों से बरामद गड्‌डी।
जयपुर | भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दलालों के जरिये वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर परिवहन विभाग के अफसराें द्वारा मासिक बंधी लेने का बड़ा खुलासा किया है। एसीबी ने रविवार काे 2 डीटीअाे व 6 इंस्पेक्टर के अलावा 7 दलालों को कस्टडी में लेकर सर्च अभियान चलाया। देर रात तक 1.20 कराेड़ रु. नकद, प्राॅपर्टी के दस्तावेज तथा दलालों से रिश्वत के लेनदेन की सूचियों सहित अहम साक्ष्य मिले। 3 इंस्पेक्टर फरार बताए गए हैं, जबकि 7 अधिकारी राडार पर हैं। एसीबी ने जांच की ताे पता चला कि तनुश्री लॉजिस्टिक तथा अन्य दलालों की ओर से हर माह की 16 तारीख काे बंधी दी जाती है। पुलिस कस्टडी में लिए गए अधिकांश इंस्पेक्टर जयपुर आरटीओ में कार्यरत हैं।
मोटी रकम बरामदगी का अनुमान
एसीबी टीम ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन मॉडल टाउन थाना पुलिस पहुंची तो उसका फ्लैट बंद था और दलाल की पत्नी से अधिकारी पूछताछ कर रहे थे। उनकी मेज पर 2-2 हजार रुपए के नोटों की गड्डियां रखी थीं, जो कि बड़ी रकम होने का कयास लगाया जा रहा है। हालांकि इस मामले में सहयोगी होने पर एसीबी आरोपी की पत्नी को भी साथ ले गई।

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