ऋषि-मुनियों, पीर-पैगम्बरों तथा तपस्वियों की भूमि भारत वर्ष में त्यौहारों एवं मेलों का अपना विशेष महत्व है। महर्षि वेद व्यास की कर्म स्थली जिला यमुनानगर के बिलासपुर में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पांच दिनों तक आयोजित होने वाला धार्मिक एवं ऐतिहासिक श्री कपाल मोचन-श्री आदि बद्री मेला एक ऐसा अनोखा मेला है जिसमें सभी धर्मों के यात्री एवं श्रद्धालु आते हैं इससे लोगों में आपसी भाईचारा व सद्भावना बढ़ती है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि श्री कपाल मोचन मेले में हर वर्ष पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु आते हैं। कपाल मोचन का अर्थ पापों के विमोचन से हैं। श्रद्धालुओं के लिए श्री कपाल मोचन, श्री बद्री नारायण, श्री माता मंत्रा देवी व श्री केदारनाथ मंदिर धार्मिक एवं पूजा स्थल बोर्ड व जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए हैं जो वास्तव में सराहनीय हैं।
मान्यता है कि इसी भूमि पर भगवान श्री रामचन्द्र जी, श्री कृष्ण जी व शिव महादेव के साथ-साथ श्री गुरु नानक देव जी तथा श्री गुरु गोबिंद सिंह जी पधारे थे। इस भूमि को महर्षि वेद व्यास की कर्म स्थली कहा जाता है क्योंकि यह स्थान ऋषि मुनियों की तपोस्थली के रूप में जाना जाता था। यहीं पर भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने एक यज्ञ रचाया था। शास्त्रों के अनुसार सरस्वती की उद्गम स्थली भी यही का आदिबद्री क्षेत्र है।
श्री कपाल मोचन मेले का आयोजन प्राचीन समय से हो रहा है और इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता है। मेले में विभिन्न विभागों तथा धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का श्रद्धालुओं द्वारा अवलोकन भी किया जा रहा है। विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉलों के माध्यम से प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
आयुष विभाग द्वारा लगाए स्टॉल पर श्रद्धालुओं को आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियों के बारे में दी जा रही है जानकारी
आयुष विभाग द्वारा प्रदर्शनी में जड़ी-बूटियों की विस्तृत जानकारी देने के साथ-साथ देसी जड़ी-बूटियों अश्वगंधा, वासा, तुलसी, हरड़, सरपुखा, शंखपुष्पी, सोया आदि के इस्तेमाल होने वाले मसालों का प्रयोग कर कैसे हम स्वयं स्वस्थ रह सकते हैं। आयुष प्रणाली विभिन्न रोगों के इलाज और व्यक्ति के स्वास्थ्य और भलाई को बनाए रखने के लिए असंख्य औषधि उपचारों का उपयोग करती है से संबंधित जानकारी दी जा रही है।
श्री कपाल मोचन मेले में सूचना, जन सम्पर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर यात्रियों व श्रद्धालुओं का किया भरपूर मनोरंजन करवा रहे हैं।