हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 55 सालों तक सत्ता सुख भोगने वाली कांग्रेस सरकार किसानों की हालत की जिम्मेदार रही है, जबकि वर्ष 2014 में देश के प्रधान सेवक के रूप में देश की बागडोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लगातार किसानों को न केवल सशक्त और मजबूत किया है, बल्कि उन्हें विकसित भारत का महत्वपूर्ण स्तंभ मानते हुए आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने गत दिवस फसलों पर एमएसपी बढ़ाने की घोषणा की है, इसके लिए वे उनका आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने चुनाव के समय किसानों को गुमराह करने के लिए कहा कि यदि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो एमएसपी को खत्म कर देंगे। जबकि सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री वर्ष 2014 से किसानों के हित में लगातार फसलों पर एमएसपी को बढ़ा रहे हैं। विपक्ष को किसान हित के बारे में सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, फिर दूसरों पर उंगली उठानी चाहिए। विपक्ष को इस प्रकार के बयान नहीं देने चाहिए, क्योंकि इससे किसानों का नुकसान होता है।
मुख्यमंत्री आज जिला कुरुक्षेत्र के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान के शुभारंभ अवसर पर प्रदेशभर से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा भी उपस्थित रहे।
*कांग्रेस शासनकाल में फसलों के एमएसपी के लिए कुल 7 लाख 41 हजार करोड़ रुपये दिए गए, जबकि मोदी सरकार ने 10 सालों में 23 लाख 61 हजार करोड़ रुपये दिए(
श्री नायब सिंह सैनी ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में फसलों के एमएसपी के लिए कुल 7 लाख 41 हजार करोड़ रुपये दिए गए, जबकि मोदी सरकर ने 10 सालों में 23 लाख 61 हजार करोड़ रुपये दिए। कांग्रेस ने वर्ष 2014 तक गेहूं पर 2 लाख 56 हजार करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में दिए, जबकि मोदी सरकार ने वर्ष 2014 से अब तक गेहूं पर 5 लाख 65 हजार करोड़ रुपये एमएसपी दिया। इसी प्रकार, दालों पर कांग्रेस ने 1900 करोड़ रुपये दिए, जबकि वर्तमान सरकार ने 98 हजार करोड़ रुपये दिए।
उन्होंने कहा कि ऑयल सीड्स पर कांग्रेस ने 9 हजार करोड़ रुपये की एमएसपी दी, जबकि मोदी सरकार ने 65 हजार करोड़ रुपये किसानों के खातों में पहुंचाने का काम किया। वहीं, कपास, खोपरा, जूट इत्यादि फसलों पर कांग्रेस ने 26 हजार करोड़ रुपये एमएसपी के रूप मे दिए, जबकि वर्तमान सरकार ने 1 लाख 33 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया। उन्होंने कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी लगातार किसानों को सशक्त और मजबूत करने के साथ-साथ लगातार किसानों की आय में बढ़ोतरी करने का काम कर रहे हैं।
*हरियाणा सरकार लगातार किसानों के उत्थान के लिए कर रही काम*
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार भी लगातार किसानों के उत्थान के लिए काम कर रही है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को मार्केट के जोखिम से बचाने के लिए भावांतर भरपाई योजना चलाई और इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों को लगभग 111 करोड़ रुपये भावांतर के रूप में देने का काम किया। 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत हरियाणा के लगभग 20 लाख किसानों के खातों में 6 हजार 563 करोड़ रुपये की राशि डाली गई है। किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से पिछले 10 सीजन में 12 लाख किसानों के खातों में एम.एस.पी. पर फसल खरीद के 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये डाले हैं।
उन्होंने कहा कि वे स्वयं किसान के बेटे हैं और खेतों में उन्होंने काम किया है, इसलिए कमेरे वर्ग की परेशानियों को भली- भांति समझते हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने एक किसान के बेटे को प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है, ऐसा केवल प्रधानमंत्री ही कर सकते हैं।
*कांग्रेस काल में किसानों को मुआवजे के नाम पर मिलते थे 2-2 रुपये और 5-5 रुपये के चैक*
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा में 2014 से पहले का समय सभी ने देखा है, जब प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसली नुकसान के लिए मुआवजे के तौर पर किसानों को 2-2 रुपये और 5-5 रुपये के चैक मिलते थे, जबकि वर्तमान सरकार ने किसानों को फसलों के नुकसान पर कहीं ज्यादा मुआवजा दिया है।
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के बड़े नेता कुछ बोलते नहीं है, लेकिन ट्वीट जरूर करते हैं। वे समझें कि कांग्रेस ने 10 साल के शासन में प्रदेश के किसानों को केवल 1155 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया, जबकि हमारी सरकार ने पिछले 10 सालों में 15,145 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में खेतों में हुई आगजनी के कारण प्रभावित किसानों को भी हमारी सरकार ने फसली नुकसान की भरपाई के रूप में 30 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया है। हमारी सरकार का हर कदम किसान को मजबूत करने का है।