हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा ने आज स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान, सेक्टर-3 पंचकूला में आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में “हरियाणा राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 क्रियान्वयन उत्कृष्टता सम्मान” पुरस्कार वितरित किए।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री महिपाल ढांडा ने बताया कि यह अवसर केवल एक सम्मान समारोह नहीं है, बल्कि यह हरियाणा की उच्च शिक्षा यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। राज्य सरकार ने अपने स्पष्ट और दृढ़ संकल्प के अनुरूप वर्ष 2025 के अंत तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अधिकांश प्रमुख लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद और शिक्षा विभाग के निरंतर, समन्वित और परिणामोन्मुख प्रयासों के फलस्वरूप राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन केवल नीति-पत्रों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह धरातल पर साकार हो रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के सभी विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रमुख अनुशंसाओं को गंभीरता से लागू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक व्यापक, दूरदर्शी और परिवर्तनकारी दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। यह नीति केवल पाठ्यक्रम परिवर्तन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सीखने की पूरी संस्कृति को पुनः परिभाषित करती है। बहुविषयक शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार, शोध, स्थानीय आवश्यकताओं से जुड़ाव और वैश्विक मानकों के अनुरूप गुणवत्ता-ये सभी इस नीति के मूल स्तंभ हैं। उन्होंने बताया कि जिन उच्च शिक्षण संस्थानों ने सीमित संसाधनों के बावजूद नवाचार को अपनाया, शिक्षण पद्धतियों में लचीलापन लाए, विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर निर्णय लिए, शिक्षा को रोजगार उन्मुख तथा समाजोपयोगी बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में असाधारण प्रतिबद्धता, नवाचार और नेतृत्व का परिचय दिया, उन्हे सम्मानित करने और राज्य के उच्च शिक्षा तंत्र में सतत सुधार, प्रतिस्पर्धात्मक उत्कृष्टता और नवाचार की संस्कृति को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से “हरियाणा राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्रियान्वयन उत्कृष्टता सम्मान” देने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि यह समारोह उन संस्थानों के प्रयासों का सार्वजनिक सम्मान है, जो वास्तव में “नई शिक्षा, नया भारत” की भावना के सशक्त वाहक हैं। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों का आहवाहन किया कि हरियाणा सरकार के विजन डॉक्यूमेंट 2047 मे रखे गए लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु कदम उठाए जाएँ, ताकि हरियाणा का हर नौजवान 2047 तक वैश्विक बाजार के लिए आवश्यक निपुणता हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि इसको पूरा करने के लिए सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को उच्च गुणवत्ता मानकों को पूरा करने हेतु कदम उठाने चाहिए और एक्रेडिटेशन के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और जिन्हे पुरस्कार नहीं मिले उन्हे भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए समय सीमा निर्धारित करके निर्धारित सीमा के अंदर उसे हासिल करने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय आने वाले समय में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप समग्र, लचीली, गुणवत्तापूर्ण और परिणामोन्मुख उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करने में अग्रणी भूमिका निभाते रहेंगे। इस अवसर पर उन्होंने ‘भारत बौद्धिक्स’ पुस्तक संच का भी अनावरण किया।
उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की 20 प्रमुख अनुशंसाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को आधार मानकर पुरस्कार हेतु नामांकन आमंत्रित किए गए थे, जिनके अंतर्गत राज्यभर से कुल 36 नामांकन प्राप्त हुए। इन नामांकनों का मूल्यांकन पारदर्शी और निर्धारित मानदंडों के अनुसार किया गया तथा उन्हें प्लैटिनम, स्वर्ण और रजत श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया। उन्होंने बताया कि एक पुरस्कार प्लैटिनम श्रेणी में, दस पुरस्कार स्वर्ण श्रेणी और 16 पुरस्कार रजत श्रेणी में वितरित किए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि परिषद ने राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में NEP के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु समन्वित एवं प्रणालित प्रयासों का नेतृत्व किया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप हरियाणा के उच्च शिक्षा संस्थानों ने उल्लेखनीय प्रगति प्रदर्शित की है, जिससे छम्च् के प्रमुख मापदंडों के मापनीय सुधार दर्ज किए गए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष कार्यभार अधिकारी डॉ राज नेहरू, उच्च शिक्षा महानिदेशक श्री एस नारायणन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलगुरु, महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।