हरियाणा राज्य में अपराधियों के खिलाफ एक बड़े और निर्णायक अभियान के तहत, हरियाणा पुलिस का 'ऑपरेशन ट्रैक-डाउन' मिशन अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक बनकर उभरा है। इस राज्यव्यापी अभियान ने मात्र 9 दिनों में ही अपराध जगत में हड़कंप मचा दिया है। इस दौरान, पुलिस ने गंभीर अपराधों में वांछित, फरार और इनामी अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए 2,000 से अधिक अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। इस सफलता ने साफ कर दिया है कि हरियाणा में अब अपराध और अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।
इनामी गैंगस्टर पर STF का शिकंजा: अदालत परिसर में हमले का आरोपी गिरफ्तार
इस अभियान के दौरान मिली सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है स्पेशल टास्क फोर्स (STF), बहादुरगढ़ यूनिट की कार्रवाई, जिसने कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा गैंग के एक सक्रिय सदस्य, मनोज उर्फ चोटिया को धर दबोचा है। मनोज उर्फ चोटिया पर ₹10,000/- का इनाम घोषित था और वह नारनौल पुलिस स्टेशन में दर्ज हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर मामलों में वांछित था।
जानकारी अनुसार, मनोज उर्फ चोटिया ने 05 दिसंबर 2024 को नारनौल अदालत परिसर में विरोधी गैंग के सदस्य अमित पर जानलेवा हमला किया था। जिसके बाद से ही एसटीएफ यूनिट बहादुरगढ़ उसकी तलाश में जुटी हुई थी। आरोपी की गिरफ्तारी 13 नवंबर 2025 को 'ऑपरेशन ट्रैक-डाउन' के तहत हुई। आरोपी पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है और उसके खिलाफ पहले से ही अटेली और मांडवा पुलिस थानों में हत्या के प्रयास (धारा 307) सहित मारपीट और आपराधिक साजिश के कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं,। उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के साथ-साथ अटेली, नारनौल और मांडवा पुलिस थानों में हत्या के प्रयास (IPC धारा 307), दंगा, मारपीट, और आपराधिक साजिश (120B) के सात से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। एसटीएफ की यह कार्रवाई दर्शाती है कि पुलिस अब संगठित अपराध के शीर्ष तक पहुँचकर गैंगस्टरों के नेटवर्क को तोड़ने में पूरी तरह से सक्षम है।
चार साल से फरार 'हत्या का इनामी' भी राजस्थान में दबोचा गया
'ऑपरेशन ट्रैक-डाउन' की सफलता केवल संगठित गिरोहों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गंभीर व्यक्तिगत अपराधों में वांछित अपराधियों पर भी समान रूप से प्रभावी रहा है। सिरसा पुलिस ने एसपी दीपक सहारन के नेतृत्व में इस अभियान के दौरान, हत्या के मामले में पिछले करीब चार सालों से फरार चल रहे ₹5,000/- के इनामी बदमाश जोनी को गिरफ्तार किया। जोनी, जो गांव नथौर (रानियां थाना क्षेत्र) का निवासी है, अगस्त 2024 में दर्ज एक हत्या के अभियोग में वांछित था। यह अपराधी पुलिस से बचने के लिए लगातार अपनी पहचान और ठिकाने बदल रहा था, जिसमें राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के विभिन्न क्षेत्र शामिल थे। सिरसा पुलिस की एवीटी स्टाफ, सिरसा के सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार व उसकी टीम ने महत्वपूर्ण सूचनाओं और अथक प्रयासों के आधार पर उसे पड़ोसी राज्य राजस्थान के सरदारपुर (जिला हनुमानगढ़) से पकड़ने में कामयाबी हासिल की। यह गिरफ्तारी यह साबित करती है कि पुलिस की 'ट्रैक-डाउन' टीम की पहुँच अंतर-राज्यीय सीमाओं को पार कर गई है और अपराधी अब कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
सिर्फ 9 दिन में 2165 गिरफ्तारियाँ, कुख्यात अपराधियों का आंकड़ा 400 पार
आई जी स्टेट क्राइम ब्रांच राकेश आर्य ने बताया कि'ऑपरेशन ट्रैक-डाउन' मिशन ने अपराधियों को साफ संदेश दिया है कि हरियाणा में या तो अपराध छोड़ दो या जेल जाने के लिए तैयार रहो। सिर्फ 9 दिनों के इस अभियान में, पुलिस ने कुल 2165 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इसके अतिरिक्त, 438 कुख्यात और हार्डकोर अंतरराज्यीय अपराधी भी जेल भेजे गए है, जो चोरी, डकैती, हत्या के प्रयास जैसे जघन्य अपराधों में शामिल थे।
इस अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसके तहत आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली जा रही है। 13 नवंबर 2025 तक, कुल 118 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है, जिसमें अकेले 13 नवंबर को 23 कुख्यात अपराधी शामिल थे। हिस्ट्रीशीट खोलने का उद्देश्य इन अपराधियों पर पुलिस की निरंतर और कड़ी निगरानी सुनिश्चित करना है, ताकि वे जमानत पर छूटने के बाद दोबारा अपराध न कर सकें। डीजीपी ने दोहराया है कि हरियाणा पुलिस 'ऑपरेशन ट्रैक-डाउन' को पूरी सख्ती और निरंतरता के साथ जारी रखेगी, जब तक राज्य से अपराध का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता।