हरियाणा के माननीय राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष से आज हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा तथा दोनों माननीय सदस्य श्री कुलदीप जैन और श्री दीप भाटिया ने राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल प्रो. घोष का स्वागत पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर किया तथा आयोग की 2024-2025 की वार्षिक रिपोर्ट की पहली प्रति प्रस्तुत की। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल ने हरियाणा मानव अधिकार आयोग की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 का औपचारिक लोकार्पण किया।
हरियाणा राज भवन में हुई यह भेंट माननीय प्रो. असीम कुमार घोष द्वारा हरियाणा के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद आयोग के साथ पहली औपचारिक मुलाकात थी।
बैठक के दौरान आयोग द्वारा नवंबर 2024 में पुनर्गठन के बाद से अब तक किए गए कार्यों और उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा हुई।जस्टिस ललित बत्रा ने बताया कि नवंबर 2024 तक आयोग के पास 2,991 प्रकरण लंबित थे, जबकि नवंबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच 2,514 नए मामले प्राप्त हुए। इस प्रकार आयोग ने कुल 5,505 मामलों की सुनवाई कर 4,548 प्रकरणों का निपटारा किया है| हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने नवंबर 2024 में 32, दिसंबर 2025 में 148 और फिर 2025 के जनवरी में 551, फरवरी में 360, मार्च में 691, अप्रैल में 478, मई में 826,जुलाई में 569, अगस्त में 433 और सितम्बर में 460 केस में अपना निर्णय दिया| इस तरह सितंबर 2025 तक अब केवल 957 केस ही लंबित हैं जिन पर सुनवाई जारी है।
राज्यपाल प्रो. घोष ने आयोग द्वारा तेज गति से मामलों की सुनवाई कर न्याय प्रदान करने के प्रयासों की अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा तथा दोनों सदस्यों कुलदीप जैन और दीप भाटिया की सराहना करते हुए भूरी-भूरी प्रशंसा की। लगभग 50 मिनट तक चली इस मुलाकात के दौरान आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बत्रा ने कुछ महत्वपूर्ण मामलों (Landmark Cases) के निर्णयों का विस्तृत विवरण भी प्रस्तुत किया। माननीय राज्यपाल ने इन मामलों को ध्यानपूर्वक सुना और अपने अनमोल सुझाव साझा किए।
राज्यपाल प्रो. घोष ने आयोग के कार्यों को गहराई से समझा, उसकी चुनौतियों एवं आवश्यकताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हरियाणा मानव अधिकार आयोग को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वयं समय-समय पर आयोग के दैनिक कार्यों और प्रगति का अवलोकन करने की इच्छा रखते हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल के एडीसी स्क्वाड्रन लीडर मोहन पी. कृष्ण, ओएसडी सतीश रंगा, तथा आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा भी उपस्थित रहे।