केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हम सभी सफाई और स्वच्छता पर ध्यान दें, हमें सारा देश स्वच्छ करना है। देश स्वच्छ होगा तभी हम कह पाएंगे कि भारत ने स्वच्छता में कमाल कर दिया। उन्होंने सभी महापौर से आह्वान किया कि पार्षदों के साथ मिलकर एक टीम बनाकर चलें। बिना भेदभाव के जिम्मेदारी के साथ शहरों को साफ और स्वच्छ बनाएं और आगे बढ़ाएं।
केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने यह बात मंगलवार को करनाल में आयोजित अखिल भारतीय महापौर परिषद की 53वीं साधारण सभा की बैठक के दौरान सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के बाद तीसरी शहर की सरकार नगर निकाय होती है। देशभर में 5 हजार 20 शहर हैं, इनमें तेजी से शहरीकरण बढ़ रहा है। 1970 में शहरी आबादी महज 20 फीसदी थी, 50 साल बाद यह आंकड़ा 35 फीसदी था और एक अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले 15 साल में 50 फीसदी आबादी शहरी होगी। लोग रोजगार के नाते शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं। यह केवल एक संख्या नहीं, बल्कि नए अवसरों, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर जीवन शैली की अपार संभावनाओं का प्रतीक है और हम सभी को इस दिशा में बेहतर समन्वय के साथ एक विकसित भारत की संकल्पना का निर्माण करना है। ऐसे में नगर निकाय शहरों में बेहतर सुविधाएं दें।
*जिन राज्यों की अच्छी व्यवस्थाएं हैं, उन्हें अपने राज्यों में भी लागू करवाएं महापौर*
श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिन राज्यों में बेहतर व्यवस्थाएं हैं, उन व्यवस्थाओं को महापौर अपने राज्यों में भी लागू करें। उन्होंने मेयर पद के लिए चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि यूपी में मेयर पद के लिए चुनाव होता था जबकि हरियाणा में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने इस व्यवस्था को बदला और मेयर के सीधे चुनाव करवाए। इस तरह की व्यवस्थाओं के लिए कानून राज्य सरकार द्वारा बनाए जाने हैं।
*शहरों की बेहतरी के लिए निरंतर कार्य करें*
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर शहर की अपनी व्यवस्थाएं हैं। कोई शहर धार्मिक है तो कोई औद्यगिक है। ऐसे में वहां की आवश्यकता और समस्याएं अलग-अलग हैं। ऐसे में व्यवस्थाएं भी ऐसी करनी पड़ती है। ऐसे में सभी जनप्रतिनिधियों को निरंतर शहरों की बेहतरी के लिए कार्य करते रहना चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को अपनी अच्छी छवि बनाने के लिए भी जोर दिया।
*आमदनी ठीक होगी तो खर्च ठीक होंगे*
उन्होंने कहा कि नगर निकायों में केंद्र और राज्य सरकार फंड देती है। यदि इस संबंध में नगर निकाय सही से प्लानिंग करें और अपनी आमदनी ठीक करें तो खर्च भी ठीक होंगे। जितना आवश्यक है, उतना जरूर खर्च करें। नगर निकायों में वर्क कल्चर खड़ा करें। कर्मचारियों को तकनीक के साथ ट्रेनिंग दें। पर्यावरण संरक्षित करने के लिए भी कदम उठाएं। इसके साथ-साथ भविष्य की प्लानिंग करें। उन्होंने कहा कि अब देशभर के लिए आयोजित होने वाली स्वच्छता प्रतियोगिता के पैटर्न में भी बदलाव किया गया है। जो राज्य पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर आएंगे, उन्हें अपने राज्य के सबसे निचले पायदान पर आने वाले नगर निकाय के साथ जोड़ा बनाकर अगली दफा प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा। दोनों की रैंकिंग सुधरेगी तो ही स्वच्छता रैंकिंग में कोई स्थान मिल पाएगा।