शहीद ऊधम सिंह की शहादत को याद करते हुए बलिदान दिवस के रूप में भावपूर्ण कार्यक्रम जिला बार पंचकुला के सभागार मे आयोजित किया गया। बार परिसर मे जिला बार एसोशिएशन अध्यक्ष एडवोकेट राकेश शर्मा के अलावा बार सदस्यों ने शहीद को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और उनकी अमर गाथा को नमन किया। सभी ने शहीद ऊधम सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके बलिदान को श्रद्धापूर्वक याद किया।
इस अवसर पर जिला बार एसोशिएशन अध्यक्ष एडवोकेट राकेश शर्मा ने कहा कि शहीद ऊधम सिंह जैसे वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी कुर्बानी भारतवर्ष की आत्मा में रची-बसी है। ऊधम सिंह का जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पण और अत्याचार के खिलाफ अदम्य साहस का प्रतीक है। ऐसे क्रांतिकारी योद्धा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने अपील की कि वे शहीदों के बताए रास्ते पर चलते हुए देशहित में कार्य करें। उन्होंने कहा कि केवल राष्ट्रभक्ति के नारों से नहीं, बल्कि अपने कर्मों और कर्तव्यों के माध्यम से देश के लिए कुछ कर दिखाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।
जिला बार एसोशिएशन अध्यक्ष एडवोकेट राकेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शहीद ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेकर न केवल क्रांतिकारी इतिहास रचा बल्कि भारतीयों की आत्मा को भी गौरवान्वित किया। आज जो हम आजाद भारत में खुले आसमान में सांस ले रहे हैं, उसका श्रेय उन्हीं बलिदानियों को जाता है। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को शहीदों के सपनों का भारत बनाने के लिए प्रेरित होकर आगे आना होगा। केवल तकनीकी विकास ही नहीं, सामाजिक और नैतिक मूल्यों की स्थापना भी जरूरी है। इस मौके पर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने संकल्प लिया कि शहीदों की कुर्बानी को भुलाया नहीं जाएगा और उनके दिखाए मार्ग पर चलकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया जाएगा।
इस अवसर बार एसोशिएशन के सदस्य और अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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26 दिसंबर 1899 को संगरूर जिले के सुनाम में शेर सिंह के रूप में जन्मे उधम सिंह का प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। शहीद उधम सिंह एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे। आज, 31 जुलाई, क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी शहीद उधम सिंह का शहीदी दिवस है।