हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से पांच प्रमुख जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, पलवल और नूंह में ‘अभ्यास सुरक्षा चक्र‘ नामक बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
भूकंप और रासायनिक खतरों जैसी प्राकृतिक और औद्योगिक आपदाओं के दौरान प्रतिक्रिया तंत्र का परीक्षण करने के उद्देश्य से पूर्ण पैमाने पर अभ्यास 21 रणनीतिक स्थानों पर सफलतापूर्वक किया गया। इनमें शैक्षणिक संस्थान, सरकारी भवन, अस्पताल और वाणिज्यिक स्थान जैसे जीएसएसएस एमपी झारसा, स्टार मॉल, बी.के. अस्पताल, मिनी सचिवालय फरीदाबाद, आरपीएस इंटरनेशनल स्कूल और पुष्पांजलि अस्पताल आदि शामिल थे।
यह अभ्यास प्रधानमंत्री द्वारा निर्देशित राष्ट्रीय स्तर की पहल का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों और एजेंसियों के संयुक्त अभ्यास के माध्यम से आपातकालीन तैयारियों को बढ़ाना था। चूंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) भूकंपीय और औद्योगिक जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना हुआ है, इसलिए यह अभ्यास विशेष रूप से इस उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में हरियाणा की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता का आकलन करने और उसे बेहतर बनाने के लिए तैयार किया गया था।
हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) डॉ. सुमिता मिश्रा ने अभ्यास के प्रभावी और घटना-रहित निष्पादन की सराहना की। उन्होंने हरियाणा होम गार्ड्स, आपदा मित्र स्वयंसेवकों, अग्निशमन सेवा रेडक्रॉस, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) स्वयंसेवकों और कई गैर सरकारी संगठनों सहित कई हितधारकों के बीच सराहनीय समन्वय का उल्लेख किया।
इस अभ्यास में संचार प्रवाह, संसाधन जुटाने, अंतर-एजेंसी समन्वय और संकट के दौरान वास्तविक समय में निर्णय लेने की प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करने के लिए घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) ढांचे का पालन किया गया। आपातकालीन सहायता कार्यों (ईएसएफ) का परीक्षण किया गया तथा भविष्य में सुदृढ़ीकरण के लिए रसद और संसाधनों में अंतराल की पहचान की गई। इस पहल ने प्रशासन, सुरक्षा बलों, चिकित्सा सेवाओं और सामुदायिक स्वयंसेवकों की एकीकृत कार्रवाई के माध्यम से बड़े पैमाने पर आपात स्थितियों से निपटने में राज्य की क्षमता को प्रदर्शित किया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने कई स्थानों पर प्रतिक्रिया के क्रियान्वयन में सहयोग दिया है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस अभ्यास से प्राप्त सबक/सीख को दस्तावेजित किया जाएगा और संस्थागत तत्परता बढ़ाने के लिए राज्य के आपदा प्रबंधन ढांचे में एकीकृत किया जाएगा। उन्होंने एक मजबूत, प्रौद्योगिकी-सक्षम आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।