हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार भूमि सीमांकन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया डिजिटल पोर्टल शुरू करने जा रही है। यह पहल मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के ‘डिजिटल हरियाणा’ विजन और पहले से चल रहे भूमि प्रशासन सुधारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस नागरिक-केंद्रित पोर्टल का उद्देश्य भूमि सीमांकन को आधुनिक और डिजिटल बनाना है, जिससे पारंपरिक देरी और प्रक्रियात्मक बाधाओं को दूर किया जा सके। यह कृषि, आवासीय या वाणिज्यिक भूमि के मालिकों को अपनी सीमांकन शिकायतें ऑनलाइन प्रस्तुत करने की अनुमति देगा, जिससे सरकारी राजस्व कार्यालयों के कई चक्कर लगाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी और लालफीताशाही कम होगी।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि सीमांकन आवेदनों को समयबद्ध तरीके से संशोधित किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया काफी सुव्यवस्थित होगी और सरकारी प्रक्रिया में जनता का विश्वास मजबूत होगा। पोर्टल राजस्व विभाग की मौजूदा डिजिटल भूमि रिकॉर्ड प्रणाली के साथ एकीकृत होगा और सटीक, वास्तविक समय सीमा सीमांकन के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तकनीक का लाभ उठाएगा। यह एकीकरण अद्यतन सीमांकन मानचित्रों, राजस्व संपदा रिकॉर्ड और ऐतिहासिक डेटा तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे अस्पष्टता और सीमा विवाद कम होंगे। सटीकता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल रोवर पारंपरिक मैनुअल टूल की जगह लेंगे। पोर्टल में शिकायत ट्रैकिंग तंत्र होगा, जिससे उपयोगकर्ता अपनी शिकायत की स्थिति को प्रस्तुत करने से लेकर समाधान तक मॉनिटर कर सकेंगे। निर्धारित समाधान समय सीमा के प्रति इस प्रतिबद्धता से हरियाणा की भूमि प्रशासन प्रणाली में जवाबदेही और जनता का विश्वास बढ़ने की उम्मीद है।
इस बैठक में भूमि जोत और भूमि अभिलेखों के चकबंदी निदेशक श्री यशपाल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव श्री रवि प्रकाश गुप्ता, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री राहुल हुड्डा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव श्री कमलेश कुमार भादू उपस्थित थे।