हरियाणा में महिलाओं व बच्चों में कुपोषण और एनीमिया को खत्म करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की निगरानी और समन्वय के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस कार्य बल में स्वास्थ्य,आयुष, शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सभी हस्तक्षेपों का प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए हर पखवाड़े टास्क फोर्स की बैठक होगी।
यह निर्णय आज मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में पोषण अभियान के तहत राज्य अभिसरण (कन्वर्जेंस) समिति की छठी बैठक में लिया गया।
बैठक के बाद महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि पोषण 2.0 के तहत जमीनी स्तर पर निगरानी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसमें गांव स्तर पर पोषण पंचायतों की स्थापना भी शामिल है।
गांव स्तर पर हस्तक्षेप को मजबूत करने के लिए ग्राम पंचायतों के तहत 10-15 महिलाओं की उप-समितियां बनाई जा रही हैं। इन उप-समितियों की हर महीने बैठक होगी। ये एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) की निगरानी करेंगी, भोजन की गुणवत्ता का सोशल ऑडिट करेंगी, आंगनवाड़ी केंद्रों में मौके पर जाकर जाँच करेंगी और गाँव के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में भाग लेंगी।
इसके अलावा, राष्ट्रीय सुपोषित पंचायत अभियान के तहत, प्रदेश में समन्वित प्रयासों से कुपोषण को कम करने के लिए ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
आहार विविधता को बेहतर बनाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों, पंचायती भूमि और सामुदायिक स्थानों पर ‘पोषण वाटिकाएं’ (पोषण उद्यान) बनाने की योजना बनाई गई है। बागवानी और आयुष विभाग पौधे, बीज (औषधीय पौधों सहित) उपलब्ध करवाने के साथ-साथ तकनीकी सहायता भी प्रदान करेंगे। बागवानी विभाग द्वारा सड़क किनारे फलों के पौधे भी लगाए जाएंगे।
श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के माध्यम से सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को पानी के कनेक्शन प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि पंचायतें आंगनवाड़ी केंद्रों के रखरखाव और छोटी-मोटी मरम्मत में सक्रिय भूमिका निभाएं। पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि प्रत्येक पंचायत द्वारा ऐसी मरम्मत के लिए प्रति आंगनवाड़ी केंद्र 25 हजार रुपये तक आवंटित किए जाएंगे।
राशन वितरण में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए पोषण ट्रैकर ऐप को फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लाभ केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही मिले।
मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के तहत फोर्टिफाइड दूध के वितरण को सुव्यवस्थित करने के लिए, ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) शुरू की गई है। इस प्रणाली के माध्यम से बच्चों और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए फोर्टिफाइड दूध की आपूर्ति और मांग पर नजर रखी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को निर्देश दिए गए कि वह पोषण संबंधी कमियों से निपटने के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए, राज्य में बेचे जाने वाले चावल, गेहूं और सरसों के तेल को फोर्टिफाइड करना अनिवार्य बनाने की संभावना तलाशे।
वर्ष 2025-26 के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को एक व्यापक कन्वर्जेंस एक्शन प्लान प्रस्तुत किया गया है। इस कार्य योजना में स्पष्ट पोषण लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभागों में समन्वित रणनीतियों की रूपरेखा बनाई गई है।
श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि प्रदेश में कुपोषण से निपटने की दिशा में किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयास रंग दिखाने लगे हैं। पोषण अभियान के तहत सरकार के केंद्रित प्रयासों के फलस्वरूप पोषण परिणामों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। कम वजन वाले बच्चों का अनुपात 29.4 प्रतिशत से घटकर 21.5 प्रतिशत रह गया है और बौनापन 34 प्रतिशत से घटकर 27.5 रह गया है।