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Haryana

प्रस्ताव में, पंजाब सरकार से बीबीएमबी की तकनीकी समिति तथा बीबीएमबी बोर्ड के फैसलों को बिना शर्त लागू करने और हरियाणा के हिस्से पर लगाई गई अमानवीय एवं असंवैधानिक रोक को तुरंत हटाने का किया गया आग्रह

May 03, 2025 08:06 PM

हरियाणा और पंजाब के मध्य चल रहे जल विवाद पर आज मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें हरियाणा के हितों की सुरक्षा के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके पंजाब सरकार से आग्रह किया गया कि बीबीएमबी की तकनीकी समिति के 23 अप्रैल, 2025 के तथा बीबीएमबी बोर्ड के 30 अप्रैल, 2025 के फैसलों को बिना शर्त लागू किया जाए। हरियाणा को मिलने वाले पानी के हिस्से पर लगाई गई अमानवीय, अनुचित, अवैध एवं असंवैधानिक रोक को तुरंत हटाया जाए।

सर्वदलीय बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री अनिल विज, श्री रणबीर गंगवा, श्री श्याम सिंह राणा, श्रीमती श्रुति चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहन लाल बडौली, कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री उदयभान, इनेलो पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष श्री रामपाल माजरा व विधायक श्री आदित्य देवीलाल, जजपा पार्टी की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला व पूर्व विधायक श्री अमरजीत ढांडा, आम आदमी पार्टी से श्री सुशील गुप्ता, बीएसपी से श्री कृष्ण जमालपुर, सीपीआई (एम) से श्री ओमप्रकाश और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर मौजूद रहे।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने पिछले 10 सालों के आंकड़े प्रस्तुत कर जल वितरण की जानकारी सांझा की। इसके बाद सभी नेताओं ने विस्तार से चर्चा की। बैठक के दौरान सभी नेताओं ने हरियाणा में पीने के पानी के संबंध में उभरे जल संकट पर चिंता व्यक्त की और पंजाब द्वारा हरियाणा के हिस्से के पानी को रोकने को असंवैधानिक बताया।

सभी नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार तथ्यों को तोड़—मरोड़ कर भ्रामक प्रचार कर रही है। हरियाणा कोई अतिरिक्त पानी की मांग नहीं कर रहा है और न ही पंजाब के हिस्से का पानी मांग रहा है। हरियाणा तो उसे हर साल मिलने वाले पानी के अपने हिस्से को पूरा देने की मांग कर रहा है, जोकि अभी पंजाब द्वारा गैर-कानूनी तरीके से रोक दिया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना कि हरियाणा ने अपने कोटे का पूरा पानी इस्तेमाल कर लिया है, यह प्रचार भी गलत है। वास्तविकता यह है कि डैम के पानी में कोई कोटा नहीं होता, बल्कि डैम में पानी की उपलब्धता के आधार पर राज्यों को पानी का वितरण तय किया जाता है। हरियाणा द्वारा अपने पानी के हिस्से को पूरा मांगने से न तो पंजाब का पानी कम हो रहा है और न ही डैम में पानी कम हो रहा है। सभी नेताओं ने एक मत से कहा कि हरियाणा की जनता के हित में और उसके हिस्से का पूरा पानी लेने के लिए हम हरियाणा सरकार के साथ हैं।

पिछले 10 सालों में पंजाब व हरियाणा को दिए गए पानी का ब्यौरा देते हुए श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब ने हर साल अपने हिस्से से काफी ज्यादा पानी का उपयोग किया है।

Satluj & Ravi-Beas (from 21.05.2015 to 20.04.2025)

Water Share and Deliveries (in MAF)

 

Punjab

Haryana

Year

Share

Deliveries

% Above the Share

Share

Deliveries

% Above the Share

2015-16

9.945

12.219

22.87%

5.451

5.624

3.17%

2016-17

9.628

11.814

22.70%

5.206

5.562

6.84%

2017-18

10.369

11.963

15.37%

5.571

5.844

4.90%

2018-19

8.616

9.671

12.24%

4.991

5.641

13.02%

2019-20

8.195

11.264

37.45%

5.318

5.922

11.36%

2020-21

9.505

11.426

20.21%

5.097

5.542

8.73%

2021-22

8.695

10.432

19.98%

4.581

5.444

18.84%

2022-23

8.637

9.921

14.87%

4.958

5.889

18.78%

2023-24

8.781

11.170

27.21%

4.918

5.680

15.49%

2024-25
(Upto 20th April 2025)

10.842

11.850

9.30%

5.030

5.029

0.0%

Average (for last 20 Years)

9.604

11.76

22.45%

5.235

5.637

7.68%

Table – II

Sr No.

Year

Level of Bhakra dam as of 03.05.2025

(in feet)

Average disc. received at Haryana Contact Point (HCP) in May

(in cusecs /day)

1

2016

1557.75

9312

2

2017

1542.28

9266

3

2018

1533.4

8135

4

2019

1623.64

10183

5

2020

1587.55

9489

6

2021

1522.2

8378

7

2022

1561.9

9780

8

2023

1567.96

9633

9

2024

1565.26

10062

10

2025

1555.77

 

 

बैठक में सभी नेताओं ने एकमत से कहा कि पंजाब का संघीय ढांचे पर विश्वास नहीं है। जहां एक ओर हरियाणा का हमेशा सभी समझौतों पर सकारात्मक रवैया रहा है, वहीं पंजाब ने सभी समझौतों को नकारने का काम किया है। अब भी पंजाब सरकार राजनीतिक पैठ जमाने के लिए भ्रामक प्रचार करते हुए हरियाणा के लोगों के पीने के पानी को रोकने का असंवैधानिक कार्य कर रही है।

बैठक के दौरान श्री नायब सिंह सैनी ने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम संकल्प करते हैं कि हरियाणा के हिस्से के पानी को सुनिश्चित करने के लिए तथा एसवाईएल का शीघ्र निर्माण करवाने के लिए हम सब एकजुट होकर कोई भी कानूनी लड़ाई लड़ने और राज्य तथा केंद्र दोनों स्तरों पर हर संभव राजनैतिक प्रयास करने के लिए हरियाणा सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। हम दोनों राज्यों की जनता से अपील भी करते हैं कि वे आपसी सौहार्द एवं शांति बनाए रखें। साथ ही, इनमें खलल डालने की मंशा रखने वाले स्वार्थी तत्वों के भ्रामक प्रचार से बचें। मुख्यमंत्री द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर सभी दलों के नेताओं ने अपनी सहमति जताई और कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े हैं।

मुख्यमंत्री का पंजाब सरकार पर निशाना, पंजाब सरकार एसवाईएल न बनाकर सिंचाई के पानी पर डाका डालने के बाद अब हरियाणा के लोगों के पीने के पानी को रोक कर कर रही असंवैधानिक कार्य

सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पंजाब की सरकार एसवाईएल न बनाकर सिंचाई के पानी पर डाका डालने के बाद अब हरियाणा के लोगों के पीने के पानी को रोक कर असंवैधानिक काम कर रही है। हरियाणा सरकार के सामने अपने हिस्से का पानी लेने के लिए सभी विकल्प खुले है। और आज ही इस विषय पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की बैठक होनी है, जिसके बाद हरियाणा अपनी रणनीति तय करेंगे।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार पंजाब ने पानी के मुद्दे पर विधानसभा का सत्र भी बुलाया है। इन सभी पहलुओं को हरियाणा सरकार गंभीरता से देख रही है। उन्होंने कहा कि पानी के इस गंभीर मुद्दे पर हम सभी को केंद्र सरकार से मिलना है या हरियाणा विधानसभा का सत्र बुलाना है, इसकी रणनीति बाद में तय करेंगे।

पानी को देश की संपत्ति बताते हुए श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा और पंजाब दोनों भाई—भाई हैं। पंजाब सरकार द्वारा राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए भ्रामक प्रचार करना निंदनीय है। इस प्रकरण में आम जनता आहत नहीं होनी चाहिए, चाहे वह हरियाणा की हो, या पंजाब की हो।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार के साथ—साथ सभी दल के नेता उनके इस बयान की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरुओं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए और उनको साक्षी मानकर हमें सौहार्दपूर्ण तरीके से आगे बढ़ना चाहिए, न कि इस मामले में राजनीति करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मान साहब असंवैधानिक रूप से हरियाणा का पानी रोकने का काम कर रहे हैं। यह पानी पूरे देश का है। भारत विभाजन के समय पानी का बंटवारा भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। आगे फिर यह बंटवारा राज्यों में हुआ। इस तरह पानी किसी एक प्रदेश का नहीं है। यही नहीं आज भी समस्या इतनी बड़ी नहीं है, जितनी मान सरकार दिखा रही है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा को उस वर्ष भी पूरा पानी मिलता रहा है, जब वर्ष 2016, 2017, 2018 और 2019 में बांध का जलस्तर सबसे कम रहा है। यही नहीं इस समय जलस्तर उन वर्षों से कहीं ज्यादा है। वर्ष 2019 में जलस्तर 1623 था, तो 0.553 एमएएफ पानी फालतू हो गया था। स्पष्ट है कि हमें बांध से पानी निकालना ही पड़ता है ताकि बारिश के समय उसे भरा जा सके। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा को हर वर्ष लगभग 8500 क्यूसेक पानी ही मिलता रहा है। राज्यों की माँग हर 15 दिन में कम या ज्यादा होती रहती है, जिसे बीबीएमबी की एक तकनीकी कमेटी द्वारा तय किया जाता है।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गत 26 अप्रैल को उन्होंने स्वयं श्री भगवंत मान को फोन पर बताया था कि बी.बी.एम.बी. की टेक्निकल कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का जो निर्णय 23 अप्रैल को लिया था, उसके क्रियान्वयन में पंजाब के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। उस दिन मान साहब ने मुझे स्पष्ट आश्वासन दिया था कि वे तुरंत अपने अधिकारियों को निर्देश देकर कल ही इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करवाएंगे। इस मामले में 27 अप्रैल को दोपहर 2 बजे तक जब पंजाब के अधिकारियों ने कुछ नहीं किया तो मैंने श्री भगवंत मान को पत्र लिखकर इन तथ्यों से अवगत करवाया। 48 घंटे तक पत्र का जवाब नहीं दिया। बल्कि, मान साहब ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए एक वीडियो जारी करके तथ्यों को दरकिनार करते हुए, जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए कुल आवंटित क्षमता 12.55 एमएएफ है, जबकि हरियाणा को 10.67 एमएएफ ही पानी मिल रहा है। जबकि पंजाब के लिए कुल आवंटित क्षमता 14.67 एमएएफ है, परंतु पंजाब 17.15 एमएएफ पानी का उपयोग कर रहा है। इससे स्पष्ट है कि पंजाब अपने आवंटित हिस्से से कहीं ज्यादा मात्रा में पानी का उपयोग कर रहा है। जबकि, हरियाणा को उसके आवंटित हिस्से से 17 प्रतिशत कम पानी मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि एसवाईएल का निर्माण न होने के कारण भी हरियाणा पानी के अपने आवंटित 3.5 एमएएफ हिस्से में से केवल 1.62 एमएएफ पानी का ही उपयोग कर पा रहा है। जबकि भगवंत मान की सरकार तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर केवल भ्रमित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के काफी जिलों में पीने के पानी की समस्या आ रही है, जिसको हम संभाल रहे हैं। यह समस्या न आती अगर मान साहब पानी न रोकते।

उन्होंने कहा कि बीबीएमबी, जो एक केंद्रीय और निष्पक्ष संस्था है, ने तकनीकी आधार पर हरियाणा का कोटा तय किया। लेकिन मान सरकार ने इसे मानने से इनकार कर दिया। यह न केवल हरियाणा के साथ अन्याय है, बल्कि भारत के संघीय ढांचे पर सीधा प्रहार है। इतना ही नहीं, मान साहब का दावा कि 31 मार्च को हरियाणा का पानी खत्म हो गया, पूरी तरह भ्रामक है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022, 2023 और 2024 में कभी भी अप्रैल और मई माह में हरियाणा कॉन्टेक्ट प्वाइंट पर 9000 क्युसिक से कम पानी नहीं दिया गया। मई के महीने में डैम से जो पानी आता है, वह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान पीने के लिए ही उपयोग करते हैं। कई साल से हरियाणा को आने वाले पानी में से 800 क्यूसिक पानी राजस्थान, 400 क्यूसिक पानी पंजाब और 500 क्यूसिक पानी दिल्ली को जाता है। अगर पिछले तीन साल की बात करें, तो मई 2022 में हरियाणा को औसतन 9780 क्युसिक, मई 2023 में औसतन 9633 क्युसिक और मई 2024 में औसतन 10062 क्युसिक पानी मिला था।

श्री नायब सिंह सैनी ने हैरानी जताते हुए कहा कि पंजाब सरकार को पहले दिल्ली को जाने वाले पानी पर कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन दिल्ली चुनाव के परिणाम के बाद ऐसा लगता है कि पंजाब सरकार ये सब दिल्ली की जनता से बदला लेने के लिए कर रही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जल विवाद और अन्य मुद्दों के जरिए भारत के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है। ऐसा ही उदाहरण एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक) का भी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के पक्ष में स्पष्ट आदेश दिए जाने के बावजूद पंजाब की मान सरकार सहयोग की बजाय टकराव की राह पर है। यह स्थिति केवल न्यायपालिका की अवमानना नहीं है, बल्कि यह संघीय मर्यादा और अंतर-राज्यीय सौहार्द का भी सीधा उल्लंघन है। अब यही रुख भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) को लेकर भी देखने को मिल रहा है। मान साहब द्वारा जल बंटवारे में बाधा डाली जा रही है, जबकि हरियाणा कोई अतिरिक्त पानी नहीं मांग रहा, वह तो केवल अपने पूर्व निर्धारित हिस्से की मांग कर रहा है।

पानी के मुद्दे को लेकर हम मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ — भूपेंद्र सिंह हुड्डा

पत्रकार वार्ता के दौरान उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार ने हरियाणा का पानी रोककर असंवैधानिक और अमानवीय काम किया है। हर साल इतना ही पानी हरियाणा को मिलता आ रहा है। पानी का शेयर डैम के लेवल के अनुसार तय किया जाता है। 21 मई से तो डैम के भरने की अवधि शुरू होती है। उन्होंने कहा कि आज डैम में पानी का स्तर लगभग 1555 फुट के आस—पास है। पहले कई बार इससे कम स्तर तक भी पानी गया है। तब भी हरियाणा को उसका पूरा पानी मिला है। डैम का सबसे कम स्तर लगभग 1500 फुट है।

श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ये जो पानी का विवाद है, इसका समाधान है एसवाईएल का निर्माण। इस मामले पर हम सभी पार्टियां एक साथ हैं। हरियाणा में जो पीने के पानी का संकट आया है, उसका हल निकालने के लिए हम सभी दल मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के साथ हैं।

हम हरियाणा सरकार और हरियाणा की जनता के साथ खड़े हैं — सुशील गुप्ता

आम आदमी पार्टी के स्टेट प्रेजिडेंट श्री सुशील गुप्ता ने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री से मिलकर हल निकालें। हरियाणा के हित को लेकर आम आदमी पार्टी हमेशा समर्थन करती रही है और पानी के मुद्दे पर हम हरियाणा सरकार और हरियाणा की जनता के साथ खड़े हैं।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री अनिल विज, श्री रणबीर गंगवा, श्री श्याम सिंह राणा, श्रीमती श्रुति चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहन लाल बडौली, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री उदयभान, इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष श्री रामपाल माजरा व विधायक श्री आदित्य देवीलाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला व पूर्व विधायक श्री अमरजीत ढांडा, बीएसपी से श्री कृष्ण जमालपुर और सीपीआई (एम) से श्री ओमप्रकाश मौजूद रहे।

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