हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि इतिहास में सिख धर्म जैसी कोई मिसाल नहीं है जिसने धर्म व हिंदुस्तान को बचाने के लिए इतनी बड़ी शहादतें दी। यदि वो शहादतें न देते तो शायद न हिंदु होते और न ही हिंदुस्तान होता। उन्होंने शहादता देकर हिंदुस्तान को बचाया, धर्म को बचाया। धर्म के लिए चारों साहिबजादों ने अपनी कुर्बानियां दी, दो साहिबजादों की मुगलों से युद्ध में लड़ते हुए शहादत हुई और दो नन्हें साहिबजादों को जिंदा दीवारों में चिनवा दिया गया। साहिबजादों ने शहादत देना मंजूर कर लिया, मगर धर्म बदलना मंजूर नहीं किया। विश्व में यह सबसे बड़ी शहादत थी जो धर्म की रक्षा के लिए दी गई।
श्री विज आज अम्बाला छावनी सिविल अस्पताल के समक्ष चारों साहिबजादों की शहीदी की याद में लगाए गए लंगर सेवा में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि साहिबजादों की भांति गुरु तेग बहादुर जी ने भी अपनी शहादत दी थी। तब हिंदू पंडितों ने अपनी रक्षा की गुहार गुरु तेग बहादुर जी से की कि मुगल शासक औरंगजेब ने अति कर दी है और हिंदू पंडितों को धर्म परिवर्तन के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। उस समय गुरु तेग बहादुर जी ने मुगल दरबार में जाकर चुनौती देते हुए कहा था कि पहले उन्हें मुसलमान बनाकर दिखाओं। गुरू जी को धर्म परिवर्तन करने के लिए औरंगजेब ने कई कष्ट दिए और उन्हें यातनाएं दी गई। मगर गुरू जी अपने दृढ़ निश्चय पर अडिग रहे। मुगलों ने गुरू तेग बहादुर जी का सिर धड़ से अलग कर दिया था। धर्म के लिए उनका योगदान युगों-युगों तक अमर रहेगा।
ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि आजकल शहीदी दिन चल रहे है और हर तरफ साहिबजादों व गुरुओं की याद में हर तरफ लंगर लगाए जा रहे हैं।
इस दौरान ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने लंगर सेवा के दौरान अरदास में हिस्सा लिया व माथा टेककर साहिबजादों की शहादत को नमन किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को लंगर भी वितरित किया।