धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव इस वर्ष शिल्प, अध्यात्म और संस्कृति का अद्भुत संगम बन गया है। जहां एक ओर देश के कोने-कोने से आए शिल्पकारों के स्टॉलों पर पर्यटकों द्वारा जमकर खरीदारी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर ब्रह्म सरोवर के घाट सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं। महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को खरीदारी के साथ-साथ शानदार सांस्कृतिक अनुभव भी मिल रहा है।
ब्रह्म सरोवर के पवित्र घाटों पर बीन कलाकारों द्वारा मनमोहक और अद्भुत प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। इन कलाकारों ने अपनी पारंपरिक धुनों और ऊर्जावान संगीत से ऐसा समां बांधा कि उपस्थित पर्यटक खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। कलाकारों की इन शानदार प्रस्तुतियों पर बड़ी संख्या में आए पर्यटक और श्रद्धालु उत्साह के साथ झूमते और थिरकते हुए देखे गए। घाटों पर बने मंच के आस-पास का वातावरण पूरी तरह से उल्लास और आनंद से भर गया। यह अन्तर्राष्ट्रीय समारोह भारतीय लोक कला और सांस्कृतिक मेलजोल का भी एक महत्वपूर्ण मंच है।
हरियाणा महिला विकास निगम का स्टॉल कर रहा है घरेलू उत्पादों की बिक्री
अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए शिल्पकारों एवं विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों ने शिल्प व सरस मेला में विभिन्न प्रकार के सामान के स्टॉल लगाए हुए हैं। वहीं गीता महोत्सव में हरियाणा महिला विकास निगम की ओर संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें ऊनी वस्त्र, सजावटी सामान सहित लकड़ी के बने घरेलू उत्पाद रखे गए हैं।
महिला बाल विकास निगम की ओर से लगाए गए स्टॉलों की संचालकों ने बताया कि वे स्वयं सहायता समूह से जुडक़र स्वयं सामान तैयार करती हैं और हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें स्वरोजगार चलाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। अन्य महिलाएं स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वयं सहायता समूह से जुडक़र अपना स्वरोजगार चला सकती हैं। इस व्यवसाय से उन्हें एक अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है।