कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष श्री यूटी खादर फरीद ने कहा कि कानून का हृदय ड्राफ्टिंग पर निर्भर करता है। हमें कानून बनाने में ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो कि सभी की समझ में आए। उन्होंने कहा कि राज्यों की विधानसभाओं को सर्वश्रेष्ठ से सर्वश्रेष्ठ कानून बनाना चाहिए, जो कि समुदाय व आम जनता के लिए लाभकारी हो।
श्री फरीद आज हरियाणा विधानसभा द्वारा लोकसभा की संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान में विधायी प्रारूपों एवं संवर्धन विषय पर हरियाणा विधानसभा व अन्य विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभाओं को कानून बनाते समय दूसरे देशों से तुलना नहीं करनी चाहिए। क्योंकि वहां की भौगोलिक व सांस्कृतिक परिस्थिति हमारे से भिन्न है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन करवाकर हरियाणा विधानसभा ने अन्य राज्यों की विधानसभाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत का काम किया है।
भारत के पास है एआई के जरिये परचम लहराने का अवसर- साक्षर दुग्गल
दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता साक्षर दुग्गल ने कहा कि आज के युग में एआई का बहुत महत्व है। भारत के पास एआई के जरिये परचम लहराने का अवसर है, लेकिन इसका इस्तेमाल बड़े ही सावधानीपूर्वक करना होगा। अगर एआई के प्रयोग में लापरवाही की गई तो आपका डेटा लीक हो सकता है, जो कि सबसे बड़ी चुनौती है। एआई के जरिये क्राइम बढ़ रहा है, इसको रोकने के लिए भी विधायी प्रारूपण में एक नई पहल अपनाने की आवश्यकता है।
विधेयक का महत्व समाज पर पड़ने वाले प्रभाव से है- प्रो. बीटी कौल
दिल्ली न्यायिक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर बीटी कौल ने कहा कि विधेयक का महत्व उसके शीर्षक की लंबाई या संक्षिप्तता से नहीं, बल्कि उसकी मंशा, उद्देश्य और उसके समाज पर पड़ने वाले प्रभाव से तय होता है। विधेयकों का मूल तत्व यह है कि उसमें निहित प्रावधान किस प्रकार नागरिकों के अधिकारों, न्याय व्यवस्था और शासन प्रणाली को प्रभावित करेंगे।
उन्होंने कहा कि कई बार छोटे और सटीक शीर्षक जनता में आसानी से समझ आ जाते हैं। इस दृष्टि से कोई भी विधेयक उसके शीर्षक के आधार पर आंका नहीं जा सकता, बल्कि उसकी भाषा, उसके प्रावधान और उसका व्यावहारिक प्रभाव ही उसकी असली पहचान होते हैं।
विधायी प्रारूपण लोकतांत्रिक मूल्यों में विधेयक की होती है आत्मा- राजीव प्रसाद
हरियाणा विधानसभा के सचिव श्री राजीव प्रसाद ने कहा कि हरियाणा के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। विधायी प्रारूपण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करने वाली हरियाणा विधानसभा देश की पहली विधानसभा है। इसके लिए लोकसभा के संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान का भी आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि विधायी प्रारूपण लोकतांत्रिक मूल्यों में विधेयक की आत्मा होती है। इसमें स्पष्टता, सटीकता व जनहितैषी भाव होना चाहिए।