हरियाणा सरकार ने राज्य में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए प्रदेश के सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों को वाहन स्थान ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) से युक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई परिवहन विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना को समयबद्ध ढंग से लागू किया जाए और टाइमलाइन तय की जाए। उन्होंने कहा कि विभागवार या जिलावार लक्ष्य निर्धारित करके इस कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस प्रणाली को आपातकालीन प्रणाली 112 सेवा के साथ एकीकरण भी किया जाए। यह पहल राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित यातायात व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में बताया गया कि वीएलटीडी प्रणाली सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्भया फ्रेमवर्क के अंतर्गत विकसित की गई है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुरक्षित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जो वास्तविक समय, स्थान डेटा और आपातकालीन चेतावनी सुविधाएं प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को प्रक्रियाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए।
*सड़क सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश, वैज्ञानिक अध्ययन कर दुर्घटनाओं के कारणों की होगी पहचान*
सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि दुर्घटनाओं के कारणों का वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाए। प्रत्येक दुर्घटना के पीछे सड़क की स्थिति, ओवरस्पीडिंग, आवारा पशु अथवा अन्य संभावित कारणों की गहराई से जांच की जानी चाहिए, ताकि उन खामियों को दूर कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से स्कूली वाहनों की फिटनेस की भी निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल बसों की नियमित जांच हो तथा उनकी तकनीकी स्थिति पर पूरा ध्यान दिया जाए। इसके लिए स्कूल संचालकों की एक बैठक जल्द आयोजित की जाए, जिसमें उन्हें इस बारे स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं और एक तय समयावधि के बाद निर्देशों का अनुपालन न करने पर बसों का चालान और जब्त किया जाए। बच्चों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नियमित अंतराल पर रोडवेज के ड्राइवरों से मेडिकल सर्टिफिकेट लिया जाए। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवरों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में उठाया गया है।
*राजस्व घाटा कम करने के लिए अन्य विकल्पों की संभावनाएं तलाशी जाएं*
राजस्व घाटे की चुनौती से निपटने हेतु मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न नवाचारों और व्यावसायिक संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अन्य विकल्पों जैसे बसों पर विज्ञापन, पार्सल ट्रांसपोर्टेशन या पीपीपी मोड पर बस स्टैंड की स्थापना इत्यादि की संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके अलावा, टूरिस्ट स्पॉट्स के लिए बसों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा देने के भी विकल्प तलाशी जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लोगों की सुविधा के लिए एसी बसों की संख्या और उनके रूट्स की संख्या भी बढ़ाई जाए।
मुख्यमंत्री ने सिटी बस सेवा की समीक्षा करते हुए इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। साथ ही, चार्जिंग स्टेशनों की भी व्यवस्था की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि सिटी बस सेवा योजना के तहत 375 ई बसों की खरीद प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, पीएम ई बस सेवा योजना के तहत भी 250 ई बसों की खरीद के लिए आगामी कार्रवाई में तेजी लाई जा रही है। वर्तमान में 9 शहरों में सिटी बस सेवा संचालित की जा रही है।
बैठक में बताया गया कि राज्य में सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आधुनिक सुविधाओं से युक्त चालक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीडीआर) की स्थापना और विस्तार पर बल दिया जा रहा है। इन संस्थानों का उद्देश्य सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं को बढ़ावा देना, पेशेवर चालकों को प्रशिक्षित करना और यातायात प्रबंधन से जुड़े अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
वर्तमान में बहादुरगढ़, रोहतक, कैथल और करनाल में 4 आईटीडीआर संचालित हैं। इसके अलावा, नूंह, फरीदाबाद और भिवानी में 3 नए आईटीडीआर की स्थापना की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) के तहत गुरुग्राम में एक क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना पर भी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के तहत अब तक 20 लाइसेंस प्रदान किए गए हैं, जिनमें से 8 स्कैपिंग सेंटर संचालित हैं। इसके अलावा, स्वचालित परीक्षण स्टेशन (ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन) की स्थापना प्रक्रिया जारी है। 1 अप्रैल 2025 से सभी परिवहन वाहनों की फिटनेस की जांच सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार केवल स्वचालित परीक्षण स्टेशनों से की जाएगी। गुरुग्राम में स्थित पास्को ऑटोमेटेड व्हीकल फिटनेस सेंटर को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री टी एल सत्यप्रकाश, परिवहन आयुक्त श्री अतुल कुमार, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के मकरंद पांडुरंग, स्टेट ट्रांसपोर्ट के महानिदेशक श्री सुजान सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।