चंडीगढ़। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन विकसित भारत-2047 को देखते हुए विद्युत मंत्रालय ने पावर फॉर ऑल-फॉर ऑल टाइम के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। जिसके तहत अगस्त 2025 तक सरकारी भवन, कार्यालय और आवासीय कालोनियों में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रीपेड मीटर लगाने पर बिल में दो से पांच प्रतिशत की प्रति महीना रियायत दी जाएगी। हरियाणा को पांच प्रतिशत रियायत देने की घोषणा की गई है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित उत्तरी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत विजन को साकार करने में ऊर्जा का सबसे बड़ा योगदान है। अब रिन्यूएबल एनर्जी की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है। जिन प्रदेशों में बिजली की कमी होती थी, वे आज सरप्लस प्रदेश बन चुके हैं। ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान सहित कई अन्य प्रदेशों के मंत्रियों व अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन के दौरान इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन कैपेसिटी, ऊर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और संसाधनों की पर्याप्तता सुनिश्चित करने सहित ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर व्यापक और सार्थक चर्चा हुई। इसके साथ ही केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर देश के ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाने में दिशा में लगातार कार्य कर रही है, इस पर भी केंद्रीय मंत्री ने ऊर्जा मंत्रियों को विस्तार से अवगत कराया।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि छह घंटे चली लंबी बैठक में हर पहलू पर बारीकी से चर्चा हुई। खासकर ट्रांसमिशन कैपेसिटी को बढ़ाने के साथ लाइन लोस को घटाने पर चर्चा हुई। वहीं, उत्तरी राज्यों को अगस्त 2025 तक सभी सरकारी भवन, कार्यालय और आवासीय कालोनियों में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य दिया गया। इसके बाद कर्मिशयल और हाईलोड वाले उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। चरणबद्ध तरीके से प्रीपेड लगाने का काम पूरा होगा।
डिमांड के हिसाब से बिजली पर्याप्त
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने बताया कि गर्मियों के सीजन में बिजली की डिमांड पीक पर होती है। वर्ष 2024 में 250 गीगावाट डिमांड थी, जबकि 2025 में यह बढ़कर 260 गीगावाट के ऊपर पहुंच गई है। डिमांड के हिसाब से देशभर में बिजली पर्याप्त है। सम्मेलन के दौरान इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा हुई। वहीं निवेश बढ़ाने को लेकर भी सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ मंत्रणा की गई। केंद्र सरकार की ओर से डेढ़ लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है, जिसे राज्य 50 साल की लंबी अवधि के लिए बिना ब्याज के ले सकते हैं।
स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी रूकेगी और लाइन लोस घटेगा
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऊर्जा मंत्रियों को लाइन लोस कम करने का लक्ष्य दिया गया है। फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर लाइन लोस की औसत 16 प्रतिशत है, जबकि कई राज्यों में यह औसत 17 से 20 प्रतिशत है। लाइन लोस को कम करने और विद्युत निगमों की आमदन बढ़ाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला लिया गया है।
ग्रीन एनर्जी कोरिडोर बनाने पर फोकस
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि ग्रीन एनर्जी कोरिडोर बनाए जाए, इससे रिन्यूएबल एनर्जी को उत्पादन बढ़ेगा। 2014 में रिन्यूएबल एनर्जी का शेयर 32 प्रतिशत जोकि अब बढ़कर 45 प्रतिशत पार पहुंच गया है। वहीं इंडस्ट्रीज को ग्रीन एनर्जी को बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाने हैं, जिसको देखते हुए इंडस्ट्रीज को ग्रीन एनर्जी उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में ग्रीन एनर्जी से प्रोडक्ट इंपोर्ट होंगे और दूसरे देशों को भी बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
किसानों को सबसिडी के तौर पर मुफ्त दी जाती है बिजली
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने प्रीपेड मीटर को लेकर किसानों द्वारा विरोध किए जाने वाले सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, उन्हें मुफ्त में बिजली मिल रही है, सरकार की ओर से सबसिडी दी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सौलर रूफटॉप की योजना तैयार की गई है। इससे हर घर, गांव, शहर के साथ प्रदेश बिजली में आत्मनिर्भर बनेगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री का कहना था कि पहले थर्मल पावर प्लांट लगते थे, अब उनका स्वरूप बदल चुका है, अब सौलर के साथ परमाणु और विंड प्लांट लगाए जा रहे हैं।