हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरुओं की विरासत को संरक्षित करने तथा उनके जीवन दर्शन एवं आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र में बनाये जा रहे सिख म्यूजियम तथा संत शिरोमणि गुरु रविदास म्यूजियम के कार्यों को तय समयसीमा में पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां गुरुओं से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री श्री सैनी आज यहां कुरुक्षेत्र में बनने वाले सिख म्यूजियम और गुरु रविदास म्यूजियम के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र में सिख म्यूजियम का निर्माण इस प्रकार किया जाए कि वह सिख इतिहास, संस्कृति और गुरुओं के योगदान की सम्पूर्ण झलक प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा कि म्यूजियम में हरियाणा राज्य के उन सभी स्थलों की जानकारी अनिवार्य रूप से सम्मिलित की जाए, जहां-जहां सिख गुरुओं ने अपने चरण कमल रखे हैं, ताकि प्रदेश की जनता और विशेषकर युवा पीढ़ी को गुरुओं के आध्यात्मिक, सामाजिक और ऐतिहासिक योगदान की जानकारी प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि म्यूजियम में सिख गुरुओं द्वारा धर्म की रक्षा, न्याय और मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु मुगल शासकों के अत्याचारों के विरुद्ध लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाइयों को भी यथार्थ रूप में दर्शाया जाए, ताकि बलिदान और संघर्ष की वह गाथा सदियों तक प्रेरणास्रोत बनी रहे। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि सिख इतिहास के तथ्यात्मक दस्तावेजीकरण हेतु एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए, जिसमें अनुभवी इतिहासकार, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर तथा साहित्य अकादमी से जुड़ी विद्वान हस्तियाँ शामिल हों, जो म्यूजियम की विषयवस्तु की प्रामाणिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकें।
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने संत शिरोमणि गुरु रविदास म्यूजियम के भव्य निर्माण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस म्यूजियम को न केवल स्थापत्य की दृष्टि से भव्य बनाया जाए, बल्कि इसकी विषयवस्तु भी संत रविदास जी के जीवन दर्शन, आध्यात्मिक विचारों और सामाजिक समरसता के संदेश को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने वाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक समिति का गठन किया जाए, जिसमें ऐसे विद्वान शामिल हों जो गुरु रविदास जी के जीवन, शिक्षाओं, आदर्शों तथा उनके द्वारा मानवता की भलाई के लिए किए गए कार्यों का गहन अध्ययन एवं अनुशीलन करते रहे हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस का 350वाँ वर्ष आगामी नवंबर माह में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर को बड़े स्तर पर भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाने के लिए अभी से योजनाबद्ध तैयारियां आरंभ की जानी चाहिए ताकि यह कार्यक्रम न केवल ऐतिहासिक रूप से यादगार बने बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक सिख गुरुओं की अमर गाथा, त्याग और बलिदान का संदेश प्रभावशाली ढंग से पहुंच सके। प्रदेशभर में इस उपलक्ष्य में सेमिनार, यात्राएं एवं अन्य स्मृति आयोजन किए जाएं ताकि समाज को गुरुओं की शहादत एवं बलिदान की गाथा से जोड़ा जा सके।
बैठक में बताया गया कि सिख म्यूजियम के लिए तीन एकड़ तथा गुरु रविदास म्यूजियम के लिए पांच एकड़ भूमि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जा चुकी है। अब इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने हेतु आवश्यक प्रक्रियाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह, सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल तथा महानिदेशक के. मकरंद पांडुरंग, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव यशपाल यादव, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के महानिदेशक अमित खत्री, एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक चंद्रशेखर खरे, मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती, ओएसडी डॉ. प्रभलीन सिंह और कुरुक्षेत्र की उपायुक्त नेहा सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।