हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को आज यहां आयोजित एक बैठक के दौरान रेशनलाइजेशन कमीशन, हरियाणा के अध्यक्ष श्री राजन गुप्ता, आईएएस (सेवानिवृत्त) द्वारा 18 रिपोर्टों का पहला सेट प्रस्तुत किया गया। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए रेशनलाइजेशन कमीशन का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य जनता को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए इन निकायों की दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है।
कमीशन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों को स्वीकार करते हुए, मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को कमीशन की रिपोर्टों के कार्यान्वयन के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए पांच विभागों को पायलट आधार पर लिया जाना चाहिए। इन विभागों में हरियाणा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई, खान एवं भूविज्ञान, बागवानी और शहरी स्थानीय निकाय शामिल हैं।
अन्य 23 विभागों की कवायद अंतिम चरण में
आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों में 16 विभाग-विशिष्ट रिपोर्ट और दो सामान्य रिपोर्ट शामिल हैं। 16 रिपोर्ट में सभी इंजीनियरिंग विभागों के साथ-साथ परिवहन, शहरी स्थानीय निकाय, कृषि, उच्च शिक्षा और अन्य शामिल हैं। श्री राजन गुप्ता ने मुख्यमंत्री को बताया कि 5 रिपोर्टों का एक और सेट लगभग पूरा हो चुका है और कुछ दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाएगा। अन्य 23 विभागों के संबंध में कवायद अंतिम चरण में है।
कमीशन ने 21 विभागों में मौजूदा 1,04,980 पदों के मुकाबले 1,05,832 पदों के सृजन की संस्तुति की
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में 88 नगर निगमों, परिषदों और समितियों के साथ-साथ 179 सरकारी कॉलेजों में से प्रत्येक के लिए संशोधित संरचना की संस्तुति की। इसमें मौजूदा सिंचाई विभाग को दो अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करके बाढ़ नियंत्रण के लिए एक स्वतंत्र जल निकासी और भूजल पुनर्भरण विभाग के निर्माण का भी प्रस्ताव किया गया। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में कई विभागों में नए संस्थानों की स्थापना और अनावश्यक संस्थानों को बंद करने का सुझाव दिया गया। दो या तीन विभागों को छोड़कर, लगभग सभी अन्य विभागों में पदों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। राज्य सरकार की मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कमीशन ने उक्त 21 विभागों में मौजूदा 1,04,980 पदों के मुकाबले 1,05,832 पदों के सृजन की संस्तुति की है।
आयोग ने निम्नतम स्तर के कार्यालयों से लेकर विभागीय प्रमुखों तक विभागों का किया पुनर्गठन
रेशनलाइजेशन कमीशन के अध्यक्ष श्री राजन गुप्ता ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आयोग की रिपोर्ट का उद्देश्य उन विभागों के निम्नतम स्तर को पूर्ण रूप से सशक्त बनाकर विभागीय दक्षता में सुधार करना है, जो मुख्य रूप से जनता से संवाद करते हैं, ताकि वे अधिक उत्तरदायी और जवाबदेह बन सकें। कमीशन ने निम्नतम स्तर के कार्यालयों से लेकर विभाग प्रमुख के कार्यालय तक सभी विभागों का पुनर्गठन किया है। इसने प्रत्येक कार्यालय स्तर की आवश्यकताओं के अनुसार उनके कर्त्तव्यों की प्रकृति के आधार पर आईटी और अन्य तकनीकी कर्मचारियों सहित उपयुक्त जनशक्ति की सिफारिश की है। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में प्रत्येक स्तर पर अतिरिक्त क्षमता के प्रावधान शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभाग अतिरिक्त कार्यभार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकें। आधुनिक तकनीकी उपकरणों के व्यापक उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रत्येक स्तर पर उपयुक्त आईटी कर्मियों की नियुक्ति पर भी जोर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि कमीशन ने मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली से संबंधित अपनी रिपोर्ट में इस प्लेटफॉर्म के पूर्ण पुनर्गठन की सिफारिश की है। इसने सिफारिश की है कि एच आर एम एस में विभागों के भीतर प्रत्येक कार्यात्मक और स्थापना कार्यालय के लिए स्वीकृत पद शामिल होने चाहिए। इससे कर्मचारियों की प्रभावी नियुक्ति सहित मानव संसाधन के सुचारू प्रबंधन में सुविधा होगी।
हरियाणा सरकार ने वर्ष 2023 में विभिन्न सरकारी विभागों तथा उनके बोर्ड एवं निगमों के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए रेशनलाइजेशन कमीशन का गठन किया था, जिसका उद्देश्य इन संस्थाओं को अधिक कुशल, पारदर्शी तथा जनता की आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी बनाना है। इसके अतिरिक्त, कमीशन को विभागीय दक्षता में सुधार लाने तथा सभी स्तरों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रबंधन प्रणाली शुरू करने का सुझाव देने का कार्य सौंपा गया था।
बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।