पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा स्थानीय सैक्टर-17 स्थित परेड ग्राउंड में द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटैक्ट्स, फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा इंडियन सोसायटी ऑफ हीटिंग, रेफिजरेटिंग एंड एयर कंडशनिंग इंजीनियर्स (इशरे), द कॉन्फैडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डवेल्पर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित नौवें चार दिवसीय इन्स एंड आउट शो के दौरान आज तीसरे दिन विभिन्न विषयों पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें पहुंचे विशेषज्ञों ने शहरी विकास के लिए सतत एवं ग्रीन तकनौलजी के महत्व पर जोर दिया। इसका उद्देश्य स्थिरता और शहरी विकास के क्षेत्र में अभिनव समाधान तलाशना है।
आईआईए के ट्रस्टी जीत गुप्ता द्वारा संचालित यह सत्र शहरी विकास के लिए सतत और हरित प्रौद्योगिकी पर केंद्रित था। जिसमें आईआईए चंडीगढ़ चैप्टर के चेयरमैन आर्किटेक्ट मनमोहन खन्ना, आर्किटेक्चर एंड इंटीरियर्स फोरम, पीएचडीसीसीआई के को-चेयर गूनमीत सिंह, यूटी चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार कपिल सेतिया समेत कई गणमान्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।
दूसरे सत्र में सतत निर्माण में नवीन सामग्री विषय पर आयोजित सेमिनार में टीएमटी पॉलिमर इंडिया के प्रबंध निदेशक अर्पण गोयल, टाटा स्टील के सचिन कुमार, नुवोको विस्टास कॉर्पोरेशन लिमिटेड के हिमांशु चौधरी ने भवन निर्माण के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की नवीनतम तकनीक के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि किसी भी इमारत निर्माण के लिए गुणवत्तापरक सामग्री का इस्तेमाल सबसे अहम होता है। तीसरे सत्र में आतिथ्य उद्योग में स्थिरता के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर बोलते हुए पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की क्षेत्रीय निदेशक भारती सूद ने कहा कि इन्स आउट के माध्यम से जहां सौ से अधिक भवन निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया है वहीं इस तरह के सेमिनार के माध्यम से चंडीगढ़ वासियों को आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।