Tuesday, December 16, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
रोहतक: महम सहकारी चीनी मिल के पेराई सीजन का आज होगा आगाज, सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ऑनलाइन जुड़कर करेंगे शुभारंभ , 36वें पेराई सीजन पर महम चीनी मिल में होगा हवन, सम्मानित होंगे किसान , सुबह 10.30 बजे जुड़ेंगे सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्माहरियाणा सरकार ने 3 आईएएस और 5 HCS अधिकारियों का किए तबादलेमोहाली में कबड्डी खिलाड़ी की गोली मारकर हत्याः टूर्नामेंट में सेल्फी के बहाने करीब आए हमलावर, सिर में गोलियां मारीं, बंबीहा गैंग ने जिम्मेदारी लीहरियाणा सरकार ने 6 आईएएस और 21 HCS अधिकारियों का किए तबादलेजम्मू कोर्ट में NIA आज दाखिल करेगी पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी चार्जशीटसूरत: धुलिया चौकड़ी के कबाड़ गोदामों में लगी भीषण आग, 6–7 स्टोर जलकर खाकPM मोदी के खिलाफ कांग्रेस के नारे पर संसद में बिफरा सत्ता पक्ष, जेपी नड्डा ने की माफी की मांगसरकार ने MGNREGA को खत्म करने के लिए VBGRAM (ग्रामीण) बिल लोकसभा में सर्कुलेट किया
 
Technology

सौर ऊर्जा की लक्ष्मणरेखा, खेत की मेड़ भी छुआ तो लगेगा करेंट

April 04, 2016 05:56 AM

ज्ञान ठाकुर
जंगली जानवरों और आवारा पशुओं द्वारा फलों और फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या से परेशान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसानों और बागवानों के लिए राहत भरी खबर है। सोलर पैनलों की मदद से खेत में ही तैयार सौर ऊर्जा से अब खेतों को बिजली के साथ ऐसी अभेद्य बाड़ भी मिलेगी जिसे कोई जानवर लांघ नहीं सकेगा। हिमाचल प्रदेश ने इस दिशा में खेत संरक्षण योजना के माध्यम से किसानों और बागवानों को उम्मीद की किरण दिखाई है। इस योजना के माध्यम से खेतों में बाड़ लगेगी जिसे सोलर पॉवर से जोड़ा जाएगा और यदि कोई भी जंगली जानवर या आवारा पशु खेतों में जाने की कोशिश करेगा तो वह करंट का हल्का झटका लगने के बाद स्वत: ही वापिस हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश द्वारा की गई इस पहल से पड़ोसी राज्यों को भी आने वाले समय में काफी कुछ सीखने को मिल सकता है क्योंकि हिमाचल में जहां बंदर, चमगादड़, जंगली सूअर, कौआ और खरगोश के अलावा आवारा पशुओं के कारण फलों और फसलों को हर साल सैकड़ों करोड़ का नुकसान हो रहा है वहीं मैदानी राज्यों में नील गाय, सांभर तथा इसी प्रजाति के अन्य जंगली जानवरों द्वारा कृषि को पहुंचाए जा रहे नुकसान से किसान परेशान हैं। हिमाचल में खेत संरक्षण योजना के तहत किसानों और बागवानों को 60 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी। इस योजना से न केवल खेत सौर बिजली से रौशन होंगे बल्कि उन्हें बाड़ भी मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय जंगली जानवरों और आवारा पशुओं व पक्षियों के कारण कृषि और बागवानी को हर साल 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है। इसमें से लगभग 600 करोड़ रुपए का नुकसान सीधा कृषि और बागवानी को जंगली जानवरों और आवारा पशुओं व पक्षियों द्वारा नष्ट किए जाने से हो रहा है जबकि लगभग 600 करोड़ रुपए का ही नुकसान राज्य में लगभग 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसानों और बागवानों द्वारा कृषि तथा बागवानी छोड़ देने तथा इस जमीन के बंजर हो जाने से हो रहा है। सबसे अधिक लगभग नौ सौ करोड़ रुपए का नुकसान कृषि और बागवानी की रखवाली के लिए लगे सात लाख प्रभावित परिवारों के कारण हो रहा है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक ये सात लाख परिवार अपने अन्य कामकाज छोड़कर सिर्फ जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से अपनी कृषि व बागवानी को बचाने में लगे हुए हैं। ऐसे में ये लोग मनरेगा जैसी योजनाओं में दिाहड़ी तक नहीं लगा पा रहे हैं।
वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा शिमला में आठ स्थानों पर बंदरों को वर्मिन घोषित करने के बाद अब राज्य में 39 तहसीलों में भी बंदर शीघ्र वर्मिन घोषित हो सकते हैं। प्रदेश सरकार ने इसके लिए केंद्र को अपनी योजना भेज दी है जिस पर केंद्र कभी भी निर्णय ले सकता है।(दैनिक ट्रिब्यून से साभार)

Have something to say? Post your comment