हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) की 32वीं राज्य सलाहकार समिति (SAC) की बैठक बुधवार को पंचकूला स्थित मुख्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता श्री नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एचईआरसी एवं पदेन अध्यक्ष SAC ने की। इसमें सदस्य श्री मुकेश गर्ग, सदस्य श्री शिव कुमार , एमडी HVPNL श्री जे. गणेशन , एमडी UHBVNL श्री अशोक कुमार मीणा, पूर्व अध्यक्ष एचईआरसी श्री आर.एन. परासर, सचिव एचईआरसी श्री प्रशांत देष्टा, विद्युत लोकपाल श्री आर.के. खन्ना के साथ उपभोक्ता समूहों, उद्योगों और किसान एग्रो इंडस्ट्रीज, जींद के प्रतिनिधि ने भाग लिया।
बैठक का प्रारंभ सचिव श्री प्रशांत देष्टा के स्वागत भाषण से हुआ।
अध्यक्ष श्री नन्द लाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि आयोग का अंतिम लक्ष्य उपभोक्ताओं को 24x7 गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सस्ती दरों पर उपलब्ध कराना है। उन्होंने बिजली कंपनियों की परिचालन दक्षता की सराहना की, लेकिन साथ ही प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डाला—जैसे एटी एंड सी हानियों में कमी, नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण, पीक-ऑवर मांग प्रबंधन, राजस्व वसूली, टैरिफ की किफायतीता और उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करना।
*उत्पादन और पर्यावरणीय पहल*
एचपीजीसीएल की ओर से बताया गया कि कोयले का भंडार एक माह से अधिक के लिए पर्याप्त है। दीनबंधु छोटूराम थर्मल (DCRTPP) और पानीपत थर्मल (PTPS) संयंत्रों में राख का उपयोग मानकों के अनुसार हो रहा है, जबकि हिसार के आरजीटीपीपी में 41.89 लाख मीट्रिक टन राख सीमेंट संयंत्र न होने के कारण पड़ी हुई है। वर्ष 2024-25 में फ्लाई ऐश फंड की ₹310.41 करोड़ राशि का उपयोग मुख्यतः एनएचएआई को परिवहन भुगतान हेतु किया गया।
किसान एग्रो इंडस्ट्रीज, जींद के प्रतिनिधि ने आग्रह किया कि पराली और पैलेट्स की खरीद केवल हरियाणा की फर्मों से ही हो। इस पर उनको आश्वस्त किया कि खरीद हरियाणा की पंजीकृत इकाइयों से की जाती है और NABL प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता जांच भी की जाती है।
एमडी UHBVNL श्री अशोक कुमार मीणा और DHBVN की तरफ से बताया कि जून 2025 तक एटी एंड सी (AT&C) हानियाँ क्रमशः 8.75% (UHBVN) और 11.13%(DHBVN) रहीं। UHBVNL ने इसे 9% तक लाने का वादा किया, जो आयोग की अनुमत 10% सीमा से कम है।
बिजली कंपनियों की राष्ट्रीय उपलब्धियाँ भी चर्चा का विषय रहीं—UHBVNL ने 80.8 अंकों के साथ देश में पहला स्थान और DHBVNL ने 78.9 अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। अध्यक्ष शर्मा ने इसे हरियाणा की विद्युत सुधारों की राष्ट्रीय पहचान बताया।
“म्हारा गांव जगमग गांव योजना” के अंतर्गत UHBVNL के 3,378 गाँव और DHBVNL के 2,624 गाँव अब 24 घंटे बिजली आपूर्ति पा रहे हैं। वहीं लंबित 10,000 से अधिक ट्यूबवेल कनेक्शन मार्च 2026 तक जारी किए जाने का आश्वासन दिया गया।
*यूएचबीवीएनएल ने संसाधन पर्याप्तता योजना प्रस्तुत की। अनुमान के अनुसार—*
दीर्घकालिक लागत: ₹4.12–₹4.52 प्रति यूनिट
मध्यम अवधि लागत: ₹5.60 प्रति यूनिट
अल्पकालिक लागत: ₹5.87–₹6.72 प्रति यूनिट
पीक मांग जल्द ही 15,500 मेगावाट पार करने की संभावना है। इस हेतु राज्य में क्षमता दोगुनी करने की योजना है। यमुनानगर में 800 मेगावाट यूनिट का कार्य आरंभ, हिसार में एक नई यूनिट हेतु मंत्रालय से मंजूरी और पानीपत में सौर/थर्मल परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशने की जानकारी दी गई।
बिजली मंत्रालय ने 500 MWh बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) हेतु ₹18 लाख प्रति MWh की सहायता स्वीकृत की है (UHBVNL और DHBVNL को 250-250 MWh)। साथ ही, 1,000–2,000 MWh के बड़े स्टोरेज प्रोजेक्ट पर भी विचार हो रहा है।
रूफटॉप सौर को बढ़ावा देने के लिए ₹200 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड बनाया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों व समय पर बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को ब्याज-मुक्त अग्रिम और सब्सिडी दी जाएगी। सौर क्षमता लक्ष्य 2,000 मेगावाट हासिल करने हेतु 10 मेगावाट की सीमा हटा दी गई है।
यूएचबीवीएनएल ने बताया कि आपूर्ति की लागत ₹7.75 प्रति यूनिट है। टाइम ऑफ डे (ToD) टैरिफ केवल उन्हीं उपभोक्ताओं पर लागू होगा जो पीक से नॉन-पीक घंटों में लोड स्थानांतरित करेंगे।
सदस्य श्री मुकेश गर्ग ने उपभोक्ता शिकायतों को प्राथमिकता देने और CGRF/न्यायालय आदेशों में देरी कम करने पर बल दिया। विद्युत लोकपाल श्री आर.के. खन्ना ने DHBVNL में आदेशों के समयबद्ध अनुपालन की आवश्यकता दोहराई।
सदस्य श्री शिव कुमार ने शिकायत निवारण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए सुलभ बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
एमडी HVPNL श्री जे. गणेशन ने बताया कि मार्च 2025 के एआरआर आदेश में टर्मिनल लाभों की वृद्धि वेतन संशोधन और 2016 से लागू नई पेंशन नीति के कारण हुई है।
अध्यक्ष श्री नन्द लाल शर्मा ने दोनों डिस्कॉम को राष्ट्रीय रैंकिंग पर बधाई दी और सौर पंप उपभोक्ताओं हेतु एमएनआरई वेबसाइट पर हेल्पलाइन नंबर जारी कर शिकायत निवारण को सरल बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने दोहराया कि आयोग का मिशन हरियाणा के प्रत्येक नागरिक को सस्ती, भरोसेमंद और उपभोक्ता-केंद्रित बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराना है।