हरियाणा में अब प्रोफेशन्लस युवा विभिन्न विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इंजीनियरिंग कार्यों की गुणवत्ता और तय समयावधि में उनके पूरा होने तक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए योग्य युवाओं की "चीफ मिनिस्टर इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट क्वालिटी मॉनिटर्स" के रूप में सेवाएं ली जाएंगी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया।
गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विकास परियोजनाओं में उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और गुणवत्ता में कोई भी समझौता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवा ऊर्जा और उत्साह के साथ सरकार को इस लक्ष्य को हासिल करने में सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इस कार्य के लिए ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) उत्तीर्ण उम्मीदवारों को नियुक्त किया जा सकता है और इनके चयन के लिए एक पारदर्शी प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए।
इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण को सौंपे गए व्यापक दायित्व
हरियाणा सरकार ने अप्रैल 2023 में गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण की स्थापना की, जिसे इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु अनेक जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इनमें गुणवत्ता प्रोटोकॉल को व्यवस्थित करना और लागू करना, तकनीकी गुणवत्ता ऑडिट, मानक संचालन विधियां और प्रक्रियाएं विकसित करना, गुणवत्ता पर्यवेक्षकों, थर्ड पार्टी निगरानी एजेंसियों और डिज़ाइन एवं डीपीआर सलाहकारों का पैनल तैयार करना, गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं की सुविधाओं को मजबूत करना, नवीनतम तकनीकों और डिजिटल टूल्स को अपनाना, पर्यावरण-अनुकूल निर्माण विधियों को प्रोत्साहित करना, और प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण शामिल हैं।
परियोजनाओं में देरी के लिए ठेकेदार सहित सरकारी अधिकारी भी होंगे जवाबदेह
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण को 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के चल रहे प्रमुख विकास कार्यों का गुणवत्ता ऑडिट करने के निर्देश दिए, ताकि उच्च गुणवत्ता के साथ-साथ तय समय में परियोजनाओं का पूरा होना सुनिश्चित हो सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्राधिकरण को अपनी जिम्मेदारियों के सुचारू निष्पादन के लिए पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाएँगे।
श्री नायब सिंह सैनी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विकास कार्यों या परियोजनाओं के पूरा होने में देरी के मामलों में, जवाबदेही केवल ठेकेदार तक ही सीमित नहीं होगी। परियोजना की देखरेख करने वाले संबंधित सरकारी अधिकारी भी ज़िम्मेदार होंगे और यह जवाबदेही उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में विधिवत रूप से दर्शाई जाएगी।
इंजीनियरिंग कार्यों के निष्पादन में शामिल कर्मचारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग पर दिया जाए विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने इंजीनियरिंग कार्यों के निष्पादन में शामिल कर्मचारियों के क्षमता निर्माण के महत्व पर ज़ोर देते हुए निर्देश दिए कि सभी इंजीनियरिंग विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) या अन्य प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से नियमित रूप से कार्यशालाएं आयोजित की जाएँ। ये कार्यशालाएं उन्हें इंजीनियरिंग क्षेत्र की नवीनतम तकनीकों से अवगत रहने और बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेंगी।
मुख्यमंत्री ने की गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना
मुख्यमंत्री ने सभी इंजीनियरिंग कार्यों के लिए गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई विस्तृत मानक संचालन विधियों और प्रक्रियाओं, विशेष रूप से अंक प्रणाली (मार्किंग सिस्टम) की सराहना की। उन्होंने प्राधिकरण को तुरंत तकनीकी ऑडिट करने और इंजीनियरिंग परियोजनाओं को अंक प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ठेकेदारों को किए जाने वाले सभी भुगतानों को अंक प्रणाली से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, किसी भी कमी या घटिया बुनियादी ढांचे की स्थिति में न केवल ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया जाए, बल्कि संबंधित सरकारी अधिकारी को भी ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा। गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण को निर्देश दिए गए कि वह परियोजना के निरीक्षण से लेकर परियोजना के पूरा होने तक सरकार द्वारा प्रस्तावित "चीफ मिनिस्टर इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट क्वालिटी मॉनिटर्स" का चयन करके तकनीकी ऑडिट शुरू करे।
प्राधिकरण द्वारा सात प्रमुख क्षेत्रों के लिए तकनीकी गुणवत्ता मानदंड विकसित
गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री राजीव अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्राधिकरण ने राज्यभर में विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु कई गतिविधियां संचालित की हैं। सड़कों, भवनों, जल आपूर्ति, सिंचाई, सीवरेज, विद्युत प्रसारण और वितरण जैसे सात प्रमुख क्षेत्रों के लिए तकनीकी गुणवत्ता मानदंड विकसित किए गए हैं। इसके साथ ही, डीपीआर एवं डिज़ाइन कंसलटेंट, थर्ड-पार्टी निरीक्षण एजेंसियां और गुणवत्ता पर्यवेक्षक भी पैनल में शामिल किए गए हैं। पहली बार लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के नव-नियुक्त जूनियर इंजीनियरों एवं विकास एवं पंचायत विभाग के उप-मंडल अभियंताओं के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के. मकरंद पांडुरंग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।