हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी की स्पष्ट पूर्वानुमति के बिना किसी भी विकास कार्य में अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) की राशि बढ़ाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों—चाहे वे विभागीय अधिकारी हों या कंसल्टेंट—के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि यदि किसी भी कॉन्ट्रैक्ट में गलत एस्टीमेट तैयार करने के कारण वृद्धि होती है, तो ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। दोषी पाए जाने वालों को चार्जशीट के साथ साथ अनिवार्य सेवानिवृत्त भी किया जाये।
मुख्यमंत्री आज यहाँ लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग से संबंधित कैबिनेट उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं में प्रक्रियागत चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यदि परियोजना में अतिरिक्त कार्य की आवश्यकता हो, तो सक्षम प्राधिकारी से इसका पूर्व अनुमोदन प्राप्त किया जाना चाहिए ताकि कॉन्ट्रैक्ट वर्क में अनाधिकृत वृद्धि न हो सके। उन्होंने विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि विकास परियोजनाओं के सभी निविदा दस्तावेजों में संपूर्ण संरचनात्मक डिज़ाइन शामिल हों। इसके अलावा, अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए गैर-अनुसूचित मदों (नॉन शेड्यूल आइटम्स) को कम से कम शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को अधिकतम लाभ पहुँचाने के लिए विकास परियोजनाओं में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अधिकारी ऐसी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास परियोजनाओं की भी समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) मंत्री रणबीर गंगवा, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग अनुराग अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विभाग विनीत गर्ग, आयुक्त एवं सचिव परिवहन टी.एल. सत्यप्रकाश, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव यशपाल यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।