गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि योग भारत का स्वाभिमान और सनातन की पहचान है। समूची मानवता की स्वाभिमान मुस्कान और योग क्षमता, समरता और सद्भावना के रूप में विश्व बंधुत्व में नई पहचान है। समूचे विश्व ने योग को स्वीकारा है।
स्वामी ज्ञानानंद महाराज जीओ गीता यूके की ओर से मैनचेस्टर में गीता महोत्सव पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। गीता महोत्सव के दौरान मैनेचेस्टर में ही पूरे इंग्लैंड में भगवद् गीता और योग की वर्तमान आवश्यकता और प्रासंगिकता के रूप में प्रभावी प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत के कौसलेट जनरल आफिस की सक्रिय भागीदारी रही। मैनचेस्टर में कौसलेट जनरल विशाखा यदुवंशी न केवल स्वयं इस उत्सव में मौजूद रहीं, बल्कि हर स्तर पर जीओ गीता यूके के साथ उनकी सद्भावना आयोजन का सबल बनी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भगवद् गीता और योग विषय पर प्रभावी संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कर्मयोग, भक्ति योग, ज्ञानयोग और ध्यान योग पर अद्भुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भारत की योग पंरपरा के वैदिक व्यावहारिक और वैज्ञानिक पक्षों को अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि गीता ग्रंथ ही योग पर केंद्रित नहीं, समूचा गीता ग्रंथ ही योग के भाव से भावित है। गीता जी के 18 अध्यायों में प्रत्येक अध्याय के नाम के साथ योग शब्द है तथा समापन पर गीता को योग शास्त्र स्वयं महर्षि वेदव्यास जी ने कहा है। गीता के तीनमुख्य योग कर्म योग शरीर को स्वस्थ सक्रिय रखने, भक्ति योग मन को सबल स्थित और बनाने तथा ज्ञान योग बुद्धि की योग्यता और क्षमता को सकारात्मक रचनात्मक रूप देने के लिए है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मैनचेस्टर योगमय नजर आया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं की सहभागिता, कौंसलेट जनरल विशाखा यदुवंशी औश्र परी कौंसिल की सक्रियता के साथ बड़ी संख्या में विदेशियों ने योग किया।
कौंसलेंट जनरल विशाखा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योग पूरे विश्व को अनूठा उपहार है। डिप्टी मेयर पाल डेनेट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यह आयोजन अद्भुत है। जीओ गीता और उनके सहयोगियों द्वारा योगाभ्यास कराकर कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया है।