भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और 7 मई से 10 मई तक चली सैन्य गतिविधियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. उनका यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देशों ने जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य हमलों को रोकने के लिए आपसी सहमति जताई है. यह युद्धविराम भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद हुआ है. भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर, जैश और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस ऑपरेशन के दौरान कम से कम 100 आतंकवादी मारे गयापीएम मोदी ने कहा कि भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर पर सटीक प्रहार किया. आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है, लेकिन जब देश एकजुट होता है, नेशन फर्स्ट की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं. परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हमारी सेना ने आतंकवादियों के गढ़ों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, तो उन्होंने न केवल इन संगठनों के भौतिक ढांचे को नष्ट कर दिया, बल्कि उनके मनोबल को भी बड़ा झटका दिया. बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकवादी केंद्र लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद के लिए प्रजनन स्थल के रूप में काम करते रहे हैं. दुनिया भर में कई बड़े आतंकवादी हमलों का पता इन स्थानों से लगाया गया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ.पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा, 'आतंकवादियों को खत्म करने के लिए हमने भारतीय सशस्त्र बलों को पूर्ण अधिकार दिए हैं. आज हर आतंकवादी और आतंकी संगठन हमारी बेटियों और बहनों की गरिमा और गौरव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के परिणामों को समझता है. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक नाम नहीं है. यह देश की सामूहिक भावनाओं और लचीलेपन का एक शक्तिशाली प्रतीक है.'।