हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की बैठक हुई, जिसमें पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर की गई कार्रवाई तथा राज्य में लिंगानुपात में सुधार के लिए आगे उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई।
उन्होंने सभी सी.एच.सी और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यू.पी.एच.सी.) के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एस.एम.ओ.) को निर्देश दिए हैं कि वे लिंग अनुपात में सुधार के लिए की जाने वाली गतिविधियों का केंद्र बिंदु बनें। सी.एच.सी. और यू.पी.एच.सी के प्रभारी एस.एम.ओ. को उनके क्षेत्र के लिंग अनुपात में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। जिन महिलाओं को पहले से ही लड़की है और जो आईवीएफ के लिए जा रही हैं, उनसे संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) केंद्रों द्वारा लिंग चयन की संभावना को समाप्त किया जा सके। सिविल सर्जनों को जिले में निजी प्रैक्टिस करने वाली सभी महिला बी.ए.एम.एस./बी.एच.एम.एस. डॉक्टरों की लाइन लिस्ट बनानी चाहिए ताकि अवैध गर्भपात की जांच की जा सके और सभी डीएंडसी मामलों को रेट्रो ट्रैक किया जाना चाहिए।
हरियाणा के डीजीएचएस डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में सभी गांवों के लिंगानुपात को लक्षित दृष्टिकोण के लिए संकलित किया गया है और 700 से कम लिंगानुपात वाले 481 गांवों में 25 अप्रैल, 2025 को विशेष बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ शिविर आयोजित किए गए।
राज्य टास्क फोर्स के संयोजक ने जानकारी देते हुए बताया कि एमटीपी केंद्रों से प्राप्त रिपोर्टों का विश्लेषण किया जा रहा है और दो जीवित लड़कियों वाली गर्भवती महिला का एमटीपी करने वाले किसी भी केंद्र पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और एमटीपी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते पाए जाने पर उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। कुल 1500 एमटीपी केंद्रों में से 384 एमटीपी केंद्रों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। 30 एमटीपी केंद्रों को नोटिस जारी किए गए हैं। पिछले चार महीनों में यानी जनवरी से अप्रैल 2025 तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीएनडीटी एक्ट के तहत 28 छापे मारे गए हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग की पहल पर 18 से 29 अप्रैल, 2025 तक बालिकाओं के जन्म पर 1500 कुआं पूजन समारोह आयोजित किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), रायपुर रानी, पंचकूला के अंतर्गत उप-केंद्र, हंगोला की बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एमपीएचडब्ल्यू)-महिला को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) सेवाएं प्रदान करने में लापरवाही के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
बैठक में डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि एमटीपी किट की बिक्री राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा केवल पंजीकृत एमटीपी केंद्रों तक ही सीमित कर दी गई है। 17 ऑनलाइन एमटीपी किट विक्रेताओं और 2 बिना लाइसेंस वाले एमटीपी किट विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 29 अप्रैल, 2025 को ड्रग कंट्रोल ऑफिसर (डीसीओ) कैथल द्वारा हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एच.एस.एन.सी.बी.) के साथ कैथल में आवासीय परिसर में छापेमारी की गई, जहां से 5805 एमटीपी किट बरामद की गईं। इस संबंध में पुलिस स्टेशन सिटी कैथल में एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में एमटीपी किट की बिक्री में गिरावट का रुझान है। शहरी क्षेत्रों में सभी वार्ड (क्षेत्र) को डेटा संग्रह (पुरुष और महिला शिशु जन्म) और लिंग अनुपात में सुधार के उद्देश्य से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) / शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (यूएएएम) की मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) को आवंटित किया गया है।
उन्होंने बताया कि एक या एक से अधिक जीवित लड़कियों वाली 62,000 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई है, और इन गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 के माध्यम से सूचित किया जा रहा है कि कन्या भ्रूण हत्या पाप है। आशा को ‘सहेली के रूप में गर्भवती महिलाओं के साथ जोड़ा जाएगा तथा बालिका के सफल प्रसव के लिए एनएचएम हरियाणा द्वारा संबंधित आशा को 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव किया गया है। एक या अधिक जीवित बालिकाओं के बाद पुत्र को जन्म देने वाली महिलाओं को पूर्वव्यापी ट्रैकिंग कॉल की जा रही है, ताकि लिंग पहचान/लिंग चयन गतिविधि का पता लगाया जा सके।
बैठक में डीएचएस, पीएनडीटी डॉ. सिम्मी वर्मा, पुलिस विभाग, अभियोजन विभाग, महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के प्रतिनिधि, गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी और पीएनडीटी) अधिनियम, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) और सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) सेल के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।