हरियाणा के नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई हैं। इस क्लस्टर से हिसार में सवा लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी व हजारों करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होगा। इस परियोजना क्षेत्र के लिए 2988 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है जिसकी कुल लागत 4694.46 करोड़ होगी।
डॉ. गुप्ता ने आईएमसी के मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी देते हुए बताया कि इसके नजदीक डीएफसी स्टेशन पूर्व में अंबाला 208 कि.मी., पश्चिम में रेवाड़ी 156 कि.मी. व लॉजिस्टिक हब/ड्राई पोर्ट व आईसीडी कापसहेड़ा 182 कि.मी., आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 कि.मी. तथा कांडला सी-पोर्ट 1055 कि.मी. की दूरी पर होंगे।
विदित है कि पीएम गतिशक्ति योजना के अंतर्गत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 21 जून 2024 को आयोजित हुई 73वीं मीटिंग में गैस पाइप लाइन के प्रावधान, हाई स्पीड रेल व ओएफसीज और भारतीय रेल नेटवर्क तथा डीएफसीज के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी को डेवलप करने संबंधी बातचीत पर सहमति बनी है।
डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से इंडस्ट्री एवं लॉजिस्टिक हेतु 980.20 एकड़ व 61 प्रतिशत, कमर्शियल प्रयोग हेतु 39.02 एकड़ व 2 प्रतिशत, पब्लिक और सेमी पब्लिक हेतु 48.60 एकड़ व 3 प्रतिशत, रेजिडेंशियल हेतु 34.90 एकड़ व 2 प्रतिशत, सर्विसेज हेतु 28.50 एकड़ व 2 प्रतिशत, ग्रीन एंड वाटर बॉडी हेतु 242.52 एकड़ व 15 प्रतिशत तथा रोड एवं यूटिलिटीज हेतु 231.26 एकड़ व 15 प्रतिशत प्रयोग होगा।
उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के नजदीक मैटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग एंड फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन व टेक्सटाइल संबंधी, एग्रीकल्चर में फूड प्रोसेसिंग से संबंधित इंडस्ट्री पहले से स्थापित है। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बिंदु है। प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस एंड डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग एंड फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक पार्क के लिए 70 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की अब तक की हुई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई है। क्लस्टर हेतु 100 प्रतिशत भूमि कब्जे में ले ली गई है। एनपीजी की अनुशंसा मिल चुकी है। मास्टर प्लान पीडीआर और कॉस्ट ऐस्टीमेट तैयार हो चुके हैं। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। राज्य सरकार से बिजली व पानी की आवश्यक स्वीकृति मिल चुकी है। इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर हिसार शहर को दुनिया के नक्शे पर एक अलग पहचान देने के लिए तैयार है।