जल शक्ति अभियान की केंद्रीय नोडल अधिकारी ने कहा कि जिस प्रकार से आज आवश्यकता से अधिक जल का दोहन किया जा रहा है, उससे आने वाले समय में जल का संकट पैदा हो सकता है। हम सबको मिलकर जल बचाने व वर्षा के पानी को संचित करने के लिए और अधिक मजबूती से कार्य करना होगा। इस अभियान में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी होना बहुत जरूरी है। विशेषकर अधिक से अधिक महिलाओं जल शक्ति अभियान में जोड़ा जाए और उन्हें जल बचाने के प्रति जागरूक किया जाए।
जल शक्ति अभियान की केंद्रीय नोडल अधिकारी सुश्री भूमिका वर्मा ने आज जिला कैथल की सिंचाई विभाग की टीम के साथ विभिन्न गांवों का दौरा किया और जल शक्ति अभियान के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने गांव हाबड़ी में अमृत सरोवर योजना के तहत बनाए गए दो तालाबों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर तालाब एक महत्वाकांक्षी और एक जल संरक्षण की दिशा में अच्छा कदम है। इसके बाद उन्होंने गांवों में डीएसआर तकनीक के तहत लगाई गई धान क्षेत्र का निरीक्षण किया और किसानों से बातचीत की। कृषि विभाग के अधिकारियों ने अवगत करवाया कि इस विधि द्वारा लगाई गई धान में पारंपरिक तरीके से लगाई गई धान की अपेक्षा पानी की कम खपत होती है।
बातचीत के दौरान बागवानी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नेट हाउस लगाने पर प्रदेश सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान तथा अनुसूचित जाति के किसानों को 85 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है। किसानों को सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए, ताकि जल बचाने की दिशा में भी काम हो।
उन्होंने गांव में जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए जलघर का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल बचाने की दिशा में लोगों को जागरूक करें। विशेष रूप से महिलाओं को इस अभियान से जोड़ा जाए। स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के लिए जल बचाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इसके बाद उन्होंने सिंचाई विभाग कार्यालय में लगाए गए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उद्घाटन किया तथा परिसर में पौधा रोपण भी किया। नोडल अधिकारी ने भू-जल सहेलियों से सीधा संवाद किया और उनको गांव में जल बचाने के लिए अन्य महिलाओं को जागृत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा पानी की खपत कृषि क्षेत्र विशेषकर धान फसल में होती है। किसानों को फसल विविधीकरण को अपनाना चाहिए और धान की बजाए अन्य फसलों को उगाकर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। हमें जल संसाधनों को बचाने के लिए विशेष कार्य करने की जरूरत है।