नूंह हिंसा मामला
हरियाणा के फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान की याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई।
नूह हिंसा मामले की जांच एसआईटी कर रही है अगर कोई पुछताछ मामन खान से करना चाहती है तो वह कर सकती है। इसमे कोई रोक नही होंगी।
वहीं मामन खान की ओर से प्रोटेक्शन को लेकर की गई अपील को कोर्ट ने किया खारिज।
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए वकील एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल ने कहा कि नुह हिंसा में जो आरोपी पकड़े गए है उन्होंने जांच के दौरान पुलिस के सामने मामन खान का नाम लिया है।
याचिका ने मामन खान ने जो कहा है कि वह 26 जुलाई से लेकर 1 अगस्त तक नूह में मौजूद नही था, वह सरासर झूठ है। क्योंकि हमारे पास जो सबूत है जैसे टावर लोकेशन व्हाट्स एप्प चैट उससे साफ पता चलता है कि वह नूह के आसपास ही मौजूद थे।
खासतौर पर नूह में जहा घटना हुई उससे डेड किलोमीटर की दूरी पर थे। यह साफ तौर पर मामन खान के सुरक्षाकर्मियों का भी कहना है।
नूह हिंसा मामले की पूरी जांच नूह एसपी की अध्यक्षता में बनाई गई एसआईटी द्वारा की जा रही है। और अब इस एसआईटी की वीकली रिपोर्ट की जांच साउथ रेंज के रेवाड़ी के आईजी भी करेगे।
वही, मामले की सुनवाई अब कोर्ट की तरफ से 19 सितंबर के लिये तय की गई है, जिसमे हरियाणा सरकार को बताना होगा कि नूह हिंसा की जांच वरिष्ठ अधिकारियो की देख रेख में हो रही है या नही।
आपको बता दें नूंह हिंसा मामले में पुलिस की तरफ़ से जाँच में शामिल होने के लिये हरियाणा के फ़िरोज़पुर झिरका से विधायक मामन को दो बार नोटिस भेजा जा चुका है लेकिन वो जाँच में शामिल नहीं हुये मामन खान ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का रूख कर याचिका दायर कर
यह भी मांग की कि नूंह में हिंसा की घटनाओं से संबंधित मामले, जिसमें उन्हें पुलिस द्वारा नोटिस दिया गया था, एसआईटी को स्थानांतरित कर दिए जाएं. अपनी याचिका में, मामन खान ने अनुरोध किया कि हरियाणा पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह जांच लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें.लेकिन हाईकोर्ट ने मामन खान को कोई राहत नहीं दी है