हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) डॉ. सुमिता मिश्रा ने आज चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित नए सचिवालय भवन में एक नए आईटी सेल का उद्घाटन किया, जो राज्य के डिजिटल गवर्नेंस बुनियादी ढांचे मजबूती देगा।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि 35 आईटी कर्मियों को समायोजित करने की क्षमता वाला यह केंद्र आंतरिक सॉफ्टवेयर समाधान विकसित करने और महत्वपूर्ण राजस्व सेवाओं के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह आईटी सेल अंतिम समय में आने वाली समस्याओं को दूर करके और आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करके राज्य भर में रजिस्ट्री के सुचारू और कागज़ रहित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बैक एंड सपोर्ट के रूप में भी काम करेगा।
उन्होंने बताया कि नव-स्थापित आईटी सेल वेब हेल्थ, जमाबंदी, ई-भूमि और ई-क्षतिपूर्ति सहित विभिन्न सरकारी पोर्टलों पर निर्बाध राजस्व सेवाओं की निगरानी की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी संभालेगा। उन्होंने बताया कि समर्पित टीम प्रदेश की तहसीलों की निगरानी और नागरिकों को निर्बाध सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी समस्याओं, गड़बड़ियों और संभावित साइबर खतरों का तुरंत समाधान करने का काम करेगी।
डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि राजस्व विभाग जल्द ही 2 पेटाबाइट क्षमता वाला एक डेटा सेंटर स्थापित करेगा, जिससे भविष्य में डेटा भंडारण और प्रबंधन संबंधी चुनौतियों का व्यापक समाधान होने की उम्मीद है।
राज्य की रजिस्ट्री सेवाओं से जुड़ी दिक्कतों का समाधान करते हुए एफसीआर ने कहा कि प्रदेश के सभी रजिस्ट्री कार्यालय सुचारू रूप से काम कर रहे हैं और कागज़ रहित रजिस्ट्री सेवाओं पर कोई रोक नहीं लगी है। 1 नवंबर, 2025 को राज्यव्यापी शुरू की गई कागज़ रहित रजिस्ट्री प्रणाली कुशलतापूर्वक काम कर रही है और राज्य भर में संपत्ति पंजीकरण के लिए निर्बाध सेवाएँ सुनिश्चित कर रही है। डॉ. मिश्रा ने इस प्रणाली में लागू किए गए कई उपयोगकर्ता-अनुकूल सुधारों पर प्रकाश डाला। साझेदारी या सहयोग विलेखों के लिए वर्ण सीमा 500 से बढ़ाकर 10,000 वर्ण कर दी गई है, जिससे विस्तृत नियम और शर्तें पूरी तरह से दर्ज की जा सकेंगी। इसके अतिरिक्त, बड़ी फ़ाइलों को समायोजित करने और उपयोगकर्ता की सुविधा में सुधार के लिए पोर्टल पर दस्तावेज़ अपलोड की सीमा 10 एमबी से बढ़ाकर 40 एमबी कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि आवेदकों की असुविधा को कम करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, 12 नवंबर, 2025 से एक नई "रिवर्ट विद ऑब्जेक्शन" सुविधा शुरू की जाएगी। यह सुविधा आवेदकों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के संशोधित दस्तावेज़ पुनः अपलोड करने की अनुमति देगी, बशर्ते दर्ज की गई प्रारंभिक जानकारी सही हो। डॉ. मिश्रा ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली हरियाणा में डिजिटल शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने इस प्रणाली को निरंतर बेहतर बनाने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता दोहराई और पंजीकरण प्रक्रिया को कुशल, विश्वसनीय और नागरिक-अनुकूल बनाए रखने के लिए नागरिकों और संस्थानों से रचनात्मक सुझावों का स्वागत किया।