हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ‘पर्यावरण सरंक्षण’ की दिशा में मजबूती से कदम उठाए हैं और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में जागरुक कर उन्हें उचित प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप पिछले वर्षों की तुलना में प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है।
विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र सिंह बबली नई दिल्ली में एक मीडिया हाउस द्वारा पर्यावरण संरक्षण विषय पर रखे गए ’हवा बदलो कार्यक्रम’ की परिचर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को वायु प्रदूषण पर सियासत नहीं करनी चाहिए और सबके सहयोग से पर्यावरण संरक्षण कार्य करने पर जोर देना चाहिए। हरियाणा सरकार पर्यावरण विषय पर गंभीर है और इसके संरक्षण के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि 13 लाख किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी गई है। वहीं 2 लाख 50 हजार एकड़ भूमि पर डी-कंपोजर छिड़काव से फसल अवशेष का प्रबंधन किया है। इथेनॉल प्लांट लगाने और पराली का ऊर्जा में उपयोग करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने पर प्रोत्साहित किया गया है। अगर किसी गांव में पराली जलाने की एक भी घटना नहीं होती है तो उस गांव की पंचायत को वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है। प्रदेश के 147 गांवों में पराली जलाने की घटनाए बढ़ने पर सख्त कार्यवाई की गई हैै। प्रदेश सरकारों को पर्यावरण संरक्षण पर मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों का रुख बागवानी की ओर बढ़ा रही है। हवा और जल की शुद्धता के लिए विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में जनभागीदारी के आधार पर एक पेड़ विश्वास का अभियान आरंभ किया गया। प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ाने और तालाबों के पानी की शुद्धता के लिए कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के 4000 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइन पर काम किया जा रहा है।