हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विगत 9 वर्षों में अपनी राजनीति का केंद्र बिंदु पंडित दीनदयाल उपध्याय के अंत्योदय के सिंद्धांत को बनाते हुए बिना सिफारिश के युवाओं को नौकरी देकर गरीबों के घर में आशा की एक नई किरण जगाई है। किसी को विश्वास ही नहीं था कि उनको भी कभी हरियाणा में सरकारी नौकरी मिल सकती है, क्योंकि हमेशा से ही नौकरी के मामले में हरियाणा में क्षेत्रवाद, भाई - भतीजावाद व जातिवाद का बोलबाला रहा है। मुख्यमंत्री ने 1 लाख 10 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देकर इस तिलिस्म को तोड़ा है। इतना ही नहीं, लगभग 56 हजार पदों पर भर्तियां पाइपलाइन में हैं।
घर में बेटा व बेटी को बिना सिफारिश के नौकरी मिलने की ख़ुशी का इज़हार करते हुए रेवाड़ी जिले के संगवाड़ी गांव में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने तो मुख्यमंत्री के लिए राम कहूं या कृष्ण कहूं या कहूं कलक अवतारी, नामक गीत की प्रस्तुति देकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि न मैं कृष्ण और न ही मैं भगवान हूं, मैं तो एक इंसान हूँ और गरीब को उसका वास्तविक हक देना मेरा काम है। नौकरी मेरिट व योग्यता के आधार पर बच्चों ने स्वयं ली है। एचसीएस से लेकर ग्रुप डी तक की नौकरी के समाचार उस समय लोगों को मिले जब कोई खेतों में काम कर रहा था, या किसी दुकान या फैक्ट्री में। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि बिना सिफारिश व पैसे के उन्हें नौकरी कैसे मिल गई।
मुख्यमंत्री ने गरीब व जरूरतमंद परिवारों में चिराग जलाये हैं, जहाँ गरीबी के कारण अंधकार व मायूसी का माहौल रहता था। ऐसे परिवारों के युवाओं को नौकरी मिलने से न केवल इन परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है बल्कि समाज में एक पायदान पर ऊपर आए हैं।
लालन - पालन से नौकरी तक के लिए मुख्यमंत्री ने थामा बेसहारा बच्चों का हाथ
समाज के ऐसे बच्चे जिनको अपने माता -पिता का नहीं पता और लालन - पालन भी बाल देखभाल संस्थानों में हो रहा है, ऐसे बच्चों का हाथ थामते हुए उनके उज्जवल भविष्य हेतु मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने एक अनूठी पहल करते हुए हरिहर योजना शुरू की है। इस योजना के तहत बेसहारा, बेघर या परित्यक्ता व आत्मसमर्पित बच्चों का पालन-पोषण, मुफ्त शिक्षा व रोजगार मुहैया करवाया जाता है। इस योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने 11 बच्चों को सरकारी विभागों में नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंप कर उनके चेहरों पर मुस्कान लाई है। इन 11 बच्चों में 9 लड़कियां व 2 लडक़े हैं।
अनुबंध आधार पर लगे कच्चे कर्मचारियों को भी ठेकेदारों के शोषण से बचाया
हरियाणा में विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत अनुबंध आधार पर लगे कच्चे कर्मचारियों को ठेकेदारों के शोषण से बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन करवाया है। पहले सेवा प्रदाताओं व ठेकेदारों द्वारा कभी ईपीएफ व ईएसआई का लाभ न देने बारे शिकायतें आती रहती, परन्तु अब निगम द्वारा इन कर्मचारियों को ईपीएफ व ईएसआई का समुचित लाभ दिया जा रहा है। लगभग 90 हजार कर्मचारी निगम के तहत समायोजित किये गए हैं।
मुख्यमंत्री का अंत्योदय उत्थान का लक्ष्य हो रहा पूरा, 50 हजार लोगों ने अपनाया स्वरोजगार का रास्ता
पूरे प्रदेश की जनता को अपना परिवार मानने वाले मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश के अति गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान का जो लक्ष्य रखा था, उसके भी अब सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत सरकार ने अंत्योदय मेलों का आयोजन कर ऐसे परिवारों के सदस्यों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जोड़ कर उन्हें स्वाभिमान बनाने की दिशा में प्रयास किए हैं। इन मेलों में 50 हजार लोगों को स्वरोजगार शुरू करने या अन्य कार्य के लिए ऋण मुहैया करवाया गया है और आज ये सभी लोग न केवल अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता से जीवनयापन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री का विज़न हरियाणा को एक समृद्ध व खुशहाल राज्य बनाना है और यह तभी संभव होगा जब समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उदय होगा। यही अंत्योदय का मूल मंत्र है और इस दिशा में राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।