Thursday, May 01, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
हरियाणा सरकार के 2912 कर्मचारी आज को सेवानिवृत्त (रिटायर)होंगेआशिमा बराड़ को गुरुग्राम, पी.सी. मीणा को बनाया नूंह जिले का प्रभारी चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बड़ा बयान,पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जल वितरण के संबंध में दिए गए बयान को आश्चर्यजनक बतायापंजाब में अपनी राजनीति चमकाने के लिए तथ्यों को दरकिनार कर जनता को भ्रमित करने का यह प्रयास— नायब सिंह सैनीहरियाणा विस अध्यक्ष ने गठित की विधान सभा की 5 और कमेटियांआज अक्षय तृतिया के शुभ अवसर पर जिला बार एसोसिएशन पंचकूला के द्वारा भगवान श्री परशुराम जी का* *जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गयाहमने 1965, 1971 और 1999 में कारगिल युद्ध देखा, हम आज भी तैयार : अनिल विजकनाडा: जगमीत सिंह ने एनडीपी नेता के पद से दिया इस्तीफा
Dharam Karam

सुख मिले, समृद्धि मिले,मिले खुशी अपार,आज गणपति गणेश जी आए आपके द्वार।

August 31, 2022 08:24 PM

गणपति गणेश जी  प्रथम पूज्य, लोक मानस में अति प्रिय देवता हैं।आज गणेश चतुर्थी के पर्व पर उनका आह्वान कर घर घर बुलाया जाता है।आम व्यक्ति गणेश जी की श्रद्धा से उन्हें देवता मान आराधना वंदना करता है तो विवेकशील और ज्ञानी लोग उन के स्वरुप और उनके अलंकारों का विस्तृत वर्णन कर प्रतीकात्मक अर्थ निकाल उनका अर्चन वंदन करते हैं। सबसे बड़ी जो उनके स्वरुप में बात दिखाई देती है वह है उनका अपना सिर और मुख है ही नहीं, अर्थात वे निरहंकारिता के प्रतीक हैं, बिना अहंकार त्यागे  न केवल आध्यात्मिक जगत में अपितु किसी भी क्षेत्र  में आप सबसे आगे आ ही नहीं सकते।शीश जो अंहकार का प्रतीक है, उसे कटा कर ही प्रेम को पाया जा सकता है। एक और बात जो मुझे अपील करती है वह यह कि सब देवी देवताओं की पूजा में  बड़े बड़े फूल उपयोग किए जाते हैं,पर गणेश जी का पूजन दूर्वा अर्थात घास के तिनकों से किया जाता है, अर्थात उनकी पूजा में उन्हें घास भी स्वीकार्य है।पर दूर्वा की विशेषता यह है कि जितना काटो, उतना बढ़ती जाती है अर्थात उसमें अपने आप को विकसित करने की शक्ति होती है। गणेश जी को प्रिय दूर्वा हमें सदैव अपने आप को पुनर्नवा करने का संदेश देती है।आज जो हम नवीनीकरण और नवप्रवर्तन की बात करते हैं, कुछ नया करके दिखाएं, कुछ हट के करो, अपने आप को रिइनवेंट  करो,यह सब हमें अकिंचन सी दिखाई देने वाली दूर्वा सिखाती है, कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी अपना अस्तित्व बनाए रखती है, तुफान बड़े बड़े वृक्षो को उखाड़ फेंकता है पर ज़मीन से जुड़ी घास को उखाड़ नहीं पाता,बारिश और बाढ़ में जब बाकी वनस्पति बह जाती है,पर घास मिट्टी को भी बहने से बचा लेती है।  सिद्धि विनायक, विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, गणपति गणेश जी को सबसे अपने अपने ढंग से पूजते हैं,सबका अपना अपना उनके प्रति भाव है,हम भी सच्चे ह्रदय से उन्हें नमन करते हैं कि वो सबको बल बुद्धि प्रदान करें और सब के विघ्नों को दूर सुख समृद्धि प्रदान करें।

Have something to say? Post your comment
More Dharam Karam News
चैत्र नवरात्र से पहले वैष्णो देवी जाने के लिए कटरा में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़ महाकुंभ: आज करीब 36 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी प्रयागराज: महाकुंभ में अब तक 44 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु लगा चुके हैं आस्था की डुबकी महाकुंभ: अब तक 37 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी महाकुंभ 2025 में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा हुआ15 करोड़ के पार प्रयागराज: अब तक 10.21 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी महाकुंभः श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने किया पहला अमृत स्नान साल 2024 में 95 लाख लोगों ने किए मां वैष्णो देवी के दर्शन साल के पहले दिन भगवान राम का आशीर्वाद लेने अयोध्या में लगा भक्तों का तांता
कुरुक्षेत्र -- धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में आज के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया था गीता का उपदेश इसी कड़ी में गीता जयंती के अवसर पर वैश्विक गीता पाठ में 18000 छात्रों ने किया गीता पाठ