कई बार छोटे-छोटे बच्चे भी ऐसी बात कर जाते हैं कि जिसे सुनकर बड़े भी अवाक रह जाएं और सोचने लग जाएं । ऐसा ही कुछ दूसरी कक्षा में पढ़ रही खुशी ने अपने पापा से कह दिया ।
स्कूल की छुट्टी थी । आज स्कूल तो जाना नहीं था । खुशी को याद था कि उदित ने कल शाम स्कूल का दिया काम पूरा नहीं किया है । सुबह उठते ही आंख मलते हुए खुशी अपने से तीन साल बड़े भाई उदित के पास पहुंची और कहने लगी – उदित, मम्मी आफिस जाते हुए कह कर गई है कि कल शाम को जो पाठ मैडम ने दिया था उसे याद कर लेना । उसके पापा भी भाई-बहन की बात सुन रहे थे । उदित ने हामीं भरते हुए कहा कि ठीक है ।
उदित जैसे ही कमरे से बाहर निकला खुशी ने पापा के कान में बताया - मम्मी ने कुछ भी नहीं कहा है । वो तो मैंने इसलिए उसे कहा था कि अगर याद नहीं करेगा तो शाम को मम्मी गुस्से से उसे डांट लगाएगी । सुनकर पापा का मन बेटी के प्रति स्नेह से भर उठा कि डांट से बचाने के लिए उसने कितनी समझदारी और सरल ढंग से अपने भाई को काम याद दिला दिया ।
चन्द्र प्रकाश बुद्धिराजा