हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में 26 नवंबर, 2022 को हरियाणा के 9 जिलों सोनीपत, सिरसा, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी रोहतक, करनाल, चरखी दादरी, गुरुग्राम और अम्बाला तथा उनके सब-डिवीजनों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादकारियों को अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि शेष 13 जिलों भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, जींद, झज्जर, कैथल, मेवात, नारनौल, पंचकुला, पानीपत, पलवल, यमुनानगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 नवम्बर, 2022 को किया गया।
उन्होंने बताया कि ऐ.डी.आर केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं) के मामलों सहित सिविल आपराधिक, वैवाहिक बैंक वसूली आदि से संबंधित कुल 168439 मामलों में से 117789 मामले निपटाए गए। 70 प्रतिशत मामलों का कुल मिलाकर निपटारा कर दिया गया है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हालसा ने उपरोक्त 9 जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोक अदालतों की निगरानी की। उन्होंने न्यायिक पीठों से बातचीत की और न्यायिक पीठों को दिशा-निर्देश दिए।
माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने सफल राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अपनी शुभकामनाएं दी और आज की राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अधिकतम संख्या में मामलों को निपटाने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयास करने के लिए सभी न्यायिक पीठों को बधाई भी दी माननीय न्यायमूर्ति ने राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों को निपटाने का आह्वान किया क्योंकि यह बिना किसी अतिरिक्त लागत या शुल्क के पार्टियों पर बाध्यकारी मामलों के त्वरित और अंतिम सहमति पूर्ण निपटान को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति है।
आज के 9 जिलों में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 31801 पूर्व - मुकदमेबाजी स्तर के मामलों को लिया गया और 22893 मामलों को निपटाया गया जिसमें 67885472 रुपये की कुल राशि का निपटान किया गया। इसके अलावा, 136638 लंबित मामलों को लिया गया और इनमें से 94896 मामलों को निर्णित किया गया तथा कुल राशि 941262215 रुपये का निपटान किया गया।
पूर्व मुकदमेबाजी और लंबित दोनों चरणों में 117789 मामलों की कुल संख्या का निपटारा किया गया, जिससे पक्षकारों के बीच 1009147687 रुपये की कुल राशि का निपटान हुआ। इसके अलावा, 9 जिलों के उपभोक्ता न्यायालयों में भी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें 566 मामलों की पहचान की गई और 225 मामलों में फैसला किया गया।