चंडीगढ़ - हरियाणा के सिरसा ज़िले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट,जहाँ आगामी 30 अक्टूबर को उपचुनाव हेतु मतदान निर्धारित है, के लिए 8 अक्टूबर नामांकन के अंतिम दिन तक कुल 26 नामांकन दाखिल किये गये हैं जिनकी जांच 11 अक्टूबर को होगी जबकि 13 अक्टूबर तक नाम वापिस लिए जा सकेंगे. भाजपा -जजपा के संयुक्त प्रत्याशी गोबिंद कांडा ने बीते गुरूवार को नामांकन भरा था जबकि इनेलो के अभय सिंह चौटाला और कांग्रेस के पवन बेनीवाल ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया. मुख्य मुक़ाबला इन तीनो के मध्य ही है.
इस विधानसभा हलके से यह अभय का लगातार चौथा चुनाव है. इससे पहले वह इस सीट से एक उपचुनाव में और दो विधानसभा आम चुनावों में निरंतर विजयी होकर जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. पिछले दो चुनावो में अभय ने बेनीवाल, जो दोनों बार भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे, को साढ़े 11 हज़ार से ऊपर वोटों से हराया था. इस बार दोनों के मध्य तीसरा चुनावी मुक़ाबला होगा.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि अगर अभय चौटाला आगामी विधानसभा उपचुनाव जीतते हैं, तो न केवल यह उनके राजनीतिक जीवन की पांचवी जीत होगी बल्कि उपचुनावों में यह उनकी तीसरी जीत होगी. उन्होंने अपने पहला उपचुनाव मई, 2000 में सिरसा ज़िले के रोड़ी विधानसभा हलके से जीता था जो सीट उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला ने छोड़ी थी क्योंकि उन्होंने फरवरी, 2000 विधानसभा चुनावों में नरवाना और रोड़ी दोनों सीटें जीती थी. इसके दस वर्ष पश्चात जनवरी, 2010 में ऐलनाबाद हलके से अभय ने दूसरा उपचुनाव जीता जो सीट चौटाला ने छोड़ी थी क्योंकि उन्होंने अक्टूबर, 2009 विधानसभा चुनावों में उचाना कलां और ऐलनाबाद दोनों सीटें जीती थी.
हेमंत ने बताया कि आज तक हरियाणा से तीन उपचुनाव जीतने का रिकॉर्ड पूर्व मुख्यमंत्री ओपीचौटाला के नाम ही है जिन्होंने 1970 में ऐलनाबाद से, 1990 में दरबा कलां से एवं 1993 से नरवाना से उपचुनाव जीता था. हालांकि उन्होंने एक अन्य उपचुनाव 1990 महम सीट से भी लड़ा था परन्तु चुनावी हिंसा आदि के कारण उसे दो बार रद्द करना पड़ा था. इस प्रकार आगामी उपचुनाव जीतकर अभय अपने पिता के 3 उपचुनाव जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे.
अभय ने हालांकि उनके जीवन का पहला चुनाव वर्ष 1998 में राजस्थान की हनुमानगढ़ ज़िले की संगरिया विधानसभा सीट से लड़ा था हालांकि वह उस चुनाव में सफल नहीं हो पाए थे. हरियाणा में पहली हुड्डा सरकार के दौरान अभय जिला परिषद सिरसा के चेयरमैन भी रहे थे.
हेमंत ने बताया कि अभय के सत्यापित ट्विटर हैंडल पर उनकी जन्मतिथि 14 फरवरी 1963 है जिसके अनुसार उनकी आयु 58 वर्ष 8 महीने बनती है. ऐलनाबाद उपचुनाव में ताज़ा दायर हलफनामे में उनकी आयु लगभग 58 वर्ष दर्शायी गयी है.
बहरहाल, ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा-जजपा के संयुक्त उम्मीदवार गोबिंद कांडा ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के तौर पर नवंबर, 2015 में कैंब्रिज अंतर्राष्ट्रीय परीक्षा में जीसीई ए.एस और ए लेवल पूरा किया दर्शाया है. रोचक बात है की दो वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2019 विधानसभा चुनावों में गोबिंद के सगे भाई और सिरसा सीट से हलोपा के टिकट पर जीत विधायक बने गोपाल कांडा ने भी उनकी शैक्षणिक योग्यता बिलकुल यही दर्शायी थी. अब यह संयोग ही है कि दोनों भाइयों ने एक ही वर्ष और एक ही महीने में एक साथ उक्त योग्यता हासिल की. अभय ने अपनी योग्यता मेट्रिक (दसवीं ) जबकि बेनीवाल ने बीए दर्शायी है.