हरियाणा के राज्यपाल एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कौशल के क्षेत्र में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा दाखिला दिया जाना चाहिए क्योंकि उनमें कौशल की क्षमता अधिक होती है।
राज्यपाल आज जिला पलवल में स्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री मूलचंद शर्मा भी उपस्थित थे।
समारोह में राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने दो मानद डिग्री तथा 159 विद्यार्थियों को विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण होने पर डिग्री प्रदान की।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को सम्मानित करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि शैक्षणिक योग्यता ग्रहण करने के पश्चात् डिग्री प्राप्त करना हर विद्यार्थी का सुनहरा स्वप्न होता है, उनका यह स्वप्न आज पूरा हुआ है। अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले व्यक्तियों को विश्वविद्यालय द्वारा मानद पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है, जो एक सराहनीय कदम है
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि राज्य सरकार कौशल के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है, जिससे स्वरोजगार एवं रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे। विश्वविद्यालय की गतिविधियों की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि एसोचौम के द्वारा एसवीएसयू को स्किल के नवाचार मॉडल के तहत अवार्ड से सम्मानित किया गया है। विश्वविद्यालय को दोहरे शिक्षा मॉडल के अंतर्गत स्कॉच द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्होंने बंचारी लोक कला में रोजगार के अवसरों के बारे में भी जानकारी दी।
कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने डिग्री ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा की विद्यार्थियों को चाहिए कि वे कौशल के क्षेत्र में नवाचार का निर्माण करें और खुद को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय का निर्माण सरकार ने विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा कौशल प्रदान करने के लिए किया है। अब विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के बाद डिग्री हासिल हुई है वे इसका प्रयोग अपने बेहतर भविष्य निर्माण के लिए करेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने बताया कि विश्वविद्यालय ने स्थापना के इतने कम समय में विभिन्न क्षेत्रों में ढेरों उपलब्धियां हासिल की हैं। उद्योगों के साथ साझेदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अब तक 100 से ज्यादा उद्योगों के साथ साझेदारी की है, जिससे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी स्किल्ड होंगे।
प्रथम दीक्षांत समारोह में विधायक श्री जगदीश नायर, श्री दीपक मंगला, श्री नयनपाल रावत और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आर.एस. राठौर समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
हरियाणा के राज्यपाल एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा मूल्यवान होनी चाहिए और विद्यार्थियों को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए। साथ ही, कौशल के क्षेत्र में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा दाखिला दिया जाना चाहिए क्योंकि उनमें कौशल की क्षमता अधिक होती है।
राज्यपाल आज जिला पलवल में स्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री मूलचंद शर्मा भी उपस्थित थे।
समारोह में राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने दो मानद डिग्री तथा 159 विद्यार्थियों को विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण होने पर डिग्री प्रदान की।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को सम्मानित करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि शैक्षणिक योग्यता ग्रहण करने के पश्चात् डिग्री प्राप्त करना हर विद्यार्थी का सुनहरा स्वप्न होता है, उनका यह स्वप्न आज पूरा हुआ है। अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले व्यक्तियों को विश्वविद्यालय द्वारा मानद पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है, जो एक सराहनीय कदम है।
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि राज्य सरकार कौशल के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है, जिससे स्वरोजगार एवं रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे। विश्वविद्यालय की गतिविधियों की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि एसोचौम के द्वारा एसवीएसयू को स्किल के नवाचार मॉडल के तहत अवार्ड से सम्मानित किया गया है। विश्वविद्यालय को दोहरे शिक्षा मॉडल के अंतर्गत स्कॉच द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्होंने बंचारी लोक कला में रोजगार के अवसरों के बारे में भी जानकारी दी।
कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने डिग्री ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा की विद्यार्थियों को चाहिए कि वे कौशल के क्षेत्र में नवाचार का निर्माण करें और खुद को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय का निर्माण सरकार ने विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा कौशल प्रदान करने के लिए किया है। अब विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के बाद डिग्री हासिल हुई है वे इसका प्रयोग अपने बेहतर भविष्य निर्माण के लिए करेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने बताया कि विश्वविद्यालय ने स्थापना के इतने कम समय में विभिन्न क्षेत्रों में ढेरों उपलब्धियां हासिल की हैं। उद्योगों के साथ साझेदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अब तक 100 से ज्यादा उद्योगों के साथ साझेदारी की है, जिससे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी स्किल्ड होंगे।
प्रथम दीक्षांत समारोह में विधायक श्री जगदीश नायर, श्री दीपक मंगला, श्री नयनपाल रावत और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आर.एस. राठौर समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।