हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि हरियाणा प्रदेश में लोकतंत्र के चौथे आधार स्तम्भ पत्रकारों को राजस्थान सरकार की तर्ज़ पर कोविड के दौरान मरने वाले पत्रकारों के परिवार के सदस्यों को सहायता के रूप में 50 लाख रुपए की राशि देने का प्रावधान करने के साथ साथ पत्रकारों की बीमा राशि का भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा किया जाए ताकि अपनी जान जोखिम में डालकर पत्रकारिता के मिशन में लगे पत्रकारो को सुरक्षा कवच मिल सकें।
श्री चंद्रमोहन ने मांग की है कि पत्रकारों को दी जा रही मासिक पैन्शन को भी 10 हजार रुपए प्रति महीने से बढ़ाकर 20 हजार रुपए प्रति महीना किया जाए ताकि इस बढ़ती हुई मंहगाई की विभीषिका के दौरान उन्हें कुछ राहत मिल सके। एक पत्रकार समाज का प्रतिबिंब है जो समाज में घटित होने वाली घटनाओं का मूर्त चित्रण करके समाज को जगाने का काम करता है। क्योंकि एक पत्रकार इन घटनाओं पर पैनी नजर रखता है। इसकेे साथ ही उन्होंने मांग की है कि एक विशेष प्रावधान करके विधायकों की तर्ज पर पत्रकारों को वाहन स्टीकर उपलब्ध करवाने के साथ साथ,ऐसे वाहनों को टोल फ्री भी किया जाए। इसी प्रकार सरकार अपने स्तर पर पत्रकारों के बीमा राशि , जो 10 लाख रुपए का बीमा करवाने पर एक तिहाई और 20 लाख का बीमा करवाने पर प्रीमियम की आधी राशि पत्रकार को भरनी पड़ती है, को भी सरकार द्वारा भरने का प्रावधान किया जाए। इसके अतिरिक्त पत्रकारों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ भी प्रदान किया जाए। श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि पत्रकारों के कल्याण के लिए चौधरी भजनलाल ने अपने कार्यकाल के दौरान अनेक सार्थक प्रयास किए। पत्रकारों को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के माध्यम से सस्ती दरों पर प्लाट उपलब्ध करवाने का काम करके पत्रकारों के जीवन को आसान बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया। पत्रकारों का चौधरी भजनलाल के साथ विशेष लगाव था या यह कहें कि उनके साथ चोली- दामन का रिश्ता था तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। पत्रकारों को वे अपने परिवार का सदस्य मानते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाकर, पत्रकारों के हितों पर कुठाराघात करते हुए लोकतंत्र के सजग प्रहरी पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन करके उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जो भी पत्रकार भारतीय जनता पार्टी के एजैंडे पर चलने से इन्कार कर देता है उसे तरह तरह की यातनाएं दी जाती है और यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि वह सदैव ही निष्पक्ष पत्रकारिता के पक्षधर रहे हैं और भविष्य में भी इसी प्रकार से मीडिया का मान सम्मान करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया से जुड़े आज भी कई ऐसे पत्रकार हैं , जिन्होंने अपनी कलम को कभी भी तानाशाही के आगे झूकने नहीं दिया। ऐसे पत्रकारों को मैं दिल से सलाम करता हूं। श्री चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पत्रकारों को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण या नगर निगम के द्वारा सस्ती दरों पर प्लाट उपलब्ध करवाए जाएं ताकि वे अपने जीवन का सपना पूरा कर सके।